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Wednesday 7 February 2018

 सूरजकुंड की शाम वाओ वूमनिया फोकर्स बैंड के नाम

सूरजकुंड की शाम वाओ वूमनिया फोकर्स बैंड के नाम

सूरजकुण्ड, 7 फरीदाबाद : 32 वे अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले की साय कालीन संध्या में आयोजित कार्यक्रमों में वाओ वुमनिया फोकर्स नामक बैंड  की महिला कलाकारों द्वारा मेला चौपाल पर शानदार प्रस्तुति दी गई ।नेशनल क्राफ्ट कॉउंसिल, श्रीलंका के निदेशक चंद्रमौलि लियागे इस अवसर पर बतौर अतिथि पहुंचे। इस अवसर पर वाओ वूमनिया फोकर्स बैंड ने उत्तर भारत के अलग - अलग क्षेत्रों के लोकगीतों को गाकर मेले की चौपाल पर समा बांधा। इस अवसर पर करीब 12 महिलाओ ने मंच पर एक साथ जम्मू कश्मीर , शिमला ,  , राजस्थान  , हिमाचल , उत्तर प्रदेश , पंजाब और हरियाणा के लोकगीतों की प्रस्तुति दी.  

कला का संगम यानी अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला  , जहाँ एक तरफ देश - विदेश के हस्तशिल्पी अपनी कला का लोहा मनवा रहे है वही मेले की चौपाल पर दिन रात देश विदेश के कलाकार मेला दर्शको का मनोरंजन कर रहे है. इसी कड़ी में कल देर शाम को चंडीगढ़ के मशहूर वाओ वूमनिया फोकर्स बैंड की एक दर्जन महिलाओ ने उत्तर भारत के लोकगीतों को गाकर मेला दर्शको का मन मोहः लिया। इस अवसर पर मेले की चौपाल पर देश विदेश के मेला दर्शक देखने को मिले। वहीँ वाओ वूमनियाँ फोक बैंड की महिलाओ ने मंच पर एक साथ जम्मू कश्मीर , शिमला , हिमाचल , राजस्थान ,  उत्तर प्रदेश , पंजाब और हरियाणा के लोकगीतों की प्रस्तुति दी. इस अवसर पर कार्यक्रम के अंत में वूमनिया बैंड की लीडर ने बताया की उन्होंने महिलाओ के अंदर की प्रतिभा को निखारने के लिए  वाओ वुमनिया फोकर्सनामक बैंड  को गठित किया जिसके चलते उन्होंने पूरे उत्तर भारत में अलग अलग औरतो और लड़कियों के ऑडिशन लिए जिसमे सबसे अच्छा गाने वाली महिला गायको को उन्होंने सेलेक्ट किया और इस तरह से  वाओ वुमनिया फोकर्सनामक बैंड  का गठन हुआ और उन्होंने उसके बाद कई जगह पर  वाओ वुमनिया फोकर्सनामक बैंड  के बैनर तले कई कार्यक्रमों में प्रस्तुतिया दी जिसके चलते उन्हें हरियाणा सरकार ने भी प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने कहा की वह तो चाहेंगी की वह हर साल  सूरजकुंड मेले में वाओ वुमनिया फोकर्स बैंड  की तरफ से प्रस्तुति दे. 

 सुनीता धारीवाल -  फाउंडर   -  वाओ वुमनिया फोकर्स बैंड   
वहीँ वाओ वुमनिया फोकर्स बैंड के लिए लोकगीत गाने वाली कलाकार मंजलि साहरन से जब बात की गयी तो पता चला की यह कलाकार प्रोफेशन से साइंटिस्ट है और चूँकि उन्हें गाने का शौक है इसलिए उन्होंने ऑडिशन दिया था जिसके बाद वह   वाओ वुमनिया फोकर्स बैंड में शामिल हो गयी थी और उन्होंने आज भी सूरजकुंड मेले में अपनी प्रस्तुति दी है और उनका अनुभव काफी अच्छा रहा और उन्होंने कहा की चूँकि यह अंतर्राष्ट्रीय मेला है यहाँ पर्फोमन्स करना अच्छा एक्सपीरियंस रहा. 

  मंजलि साहरन - कलाकार एवं साइंटिस्ट -  वाओ वुमनिया फोकर्स बैंड    

Tuesday 6 February 2018

 गोट और शीप लैदर से बने एनिमल क्राफ्ट बने लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र

गोट और शीप लैदर से बने एनिमल क्राफ्ट बने लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र

फरीदाबाद - 32 वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहाँ देश विदेश के क्राफ्टमैन अपनी कला से सभी को आकर्षित किये हुए है वही यहाँ बनी स्टाल नंबर 1049 पर लैदर एनिमल क्राफ्ट लोगो के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बकरी  और भेड़ की चमड़ी से तेयार किये गए सुन्दर शो पीस बनाने के इस क्राफ्ट को ही लैदर क्राफ्ट कहा जाता है। इस क्राफ्ट को इंदौर मध्यप्रदेश से आये क्राफ्टमैन शरीफ खान और उनका परिवार लेकर आया है. जिन्हें इस क्राफ्ट के लिए स्टेट और नेशनल अवार्ड अवार्ड मिल चुका है। मेले में आने वाले लोग अपने घरो और आफिस की सजावट के लिए इसे खरीद रहे है। वहीँ पिछले कई साल से मेले में भाग ले रहे इस क्राफ्टमैन ने बताया की पिछली चार पीढ़ियों से उनका परिवार लैदर क्राफ्ट की कला से जुड़ा हुआ है और अब उनके बच्चे भी इस क्राफ्ट को बना रहे है जिसके लिए उनके बच्चो को स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है. शरीफ खान ने सरकार से अपील की है की हैण्डी क्राफ्ट से जीएसटी बिलकुल खत्म कर देना चाहिए ताकि हस्तशिल्प बचा रहे.   

 मेले के प्रांगन में दिखाई दे रहा यह 1049 नंबर स्टाल लैदर एनिमल क्राफ्ट का है जिसमे गोट और शीप लैदर से तेयार क्राफ्ट प्रदर्शित किया गया है। लैदर एनिमल क्राफ्ट बकरी और भेड़ की चमड़ी से तैयार किया जाता है और फिर उसमे खूबसूरत रंग भरकर उसे फाइनल शेप दिया जाता है. इस क्राफ्ट को लोग घरो और आफिसो में सजावट करने के लिए खरीदते है। मध्यप्रदेश इंदौर से आये क्राफ्टमैन  शरीफ खान ने बताया की लैदर एनिमल क्राफ्ट उनका पुश्तैनी पेशा है जिसके लिए उन्हें स्टेट और नेशनल अवार्ड भी अवार्ड मिल चुका है ।  उन्होंने बताया की इस क्राफ्ट को बनाने के लिए पहले वायर का स्ट्रक्चर बनाया जाता है फिर उसके ऊपर गोट या भेड़ का लैदर चढ़ाया जाता है.  जिसके बाद फिनिशिंग और कलरिंग करके इसको तैयार किया जाता है. उन्होंने बताया की वह यहाँ वाइल्ड एनिमल्स में हॉर्स , केमल , जिराफ , ज़ेब्रा शेर , एलिफेंट आदि सभी प्रकार के एनिमल्स के शोपीस लाये है जिसे घरो और आफिस में डेकोरेशन के लिए रखा जाता है. उन्होंने बताया की उनके पास यहाँ 100 रूपये से लेकर 5000 / रूपये तक के एडनीमल्स डेकोरेशन आइटम्स है. 
 क्राफमैन ने बताया की पिछली चार पश्तो से उनका परिवार हस्तशिल्प कला से जुड़ा हुआ है और अब उनके बच्चे उनके साथ इस कला में जुड़ चुके है जिसके लिए उनके बच्चो को भी स्टेट अवार्ड मिल चुका  है. उन्होंने बताया की यह कला पूरे विश्व में सिर्फ एमपी स्टेट में ही देखी जा सकती है. उन्होंने बताया की जबसे जीएसटी लगा है तब से उनका धंधा चौपट होने के कगार पर आ गया है जिसके चलते अब एक्सपोर्टर उनका क्राफ्ट नहीं खरीद रहे है. उनका कहना था की पहले हैंडीक्राफ्ट पर 28 प्रतिशत टेक्स लगाया गया था जिसे बाद में कम करके 18 % कर दिया गया लेकिन इसके बावजूद हस्तशिल्पियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और मैं सरकार से अपील करता हूँ की पहले की तरह हैंडीक्राफ्ट को जीएसटी मुक्त किया जाए. क्योंकि जायदातर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट होता है जिससे भारत को विदेशी मुद्रा मिलती है. 

 शरीफ खान - लैदर क्राफ्टमैन ( एमपी )

वहीँ इस स्टाल पर खरीददारी करने वाले एक मेला दर्शक से बात की गयी तो उन्होंने बताया की वह दिल्ली छतरपुर से आयी है और उन्हें लैदर क्राफ्ट बहुत ही खूबसूरत लगा और उन्होंने इसे अपने घर के लिए खरीदा है ताकि उन्हें हमेशा याद रहे की वह सूरजकुंड मेला में गयी थी. उन्होंने लैदर क्राफ्ट की भूरी - भूरी प्रशंसा की. 

 संजना और निशा - दिल्ली छत्तरपुर से आयी मेला दर्शक

Monday 5 February 2018

सूरजकुंड मेले में आकर देखे यूपी थीम ,यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा

सूरजकुंड मेले में आकर देखे यूपी थीम ,यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा

सूरजकुण्ड, (फरीदाबाद) 5 फरवरी-यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा। यह टैग लाईन इस बार 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला में थीम राज्य उत्तर प्रदेष ने दी है और हर बार की तरह इस बार भी थीम राज्य द्वारा अपना घर स्थापित किया गया है। 

थीम राज्य उत्तर प्रदेष ने अपना घर मुख्य चैपाल के पीछे मुख्य द्वार पर स्थापित किया है और उत्तर प्रदेष के अपना घर में आपको उत्तर प्रदेष के ग्रामीण आंचल में बसने वाले लोगों के घरो जैसे घर को दर्षाया गया है। यह घर कच्ची मिट्टी व लेप से तैयार किया गया है और छत पर घास-फूंस का छप्पर लगाया गया है। आपने अपने बचपन में ग्रामीण आंचल में इस प्रकार के घर देखे होंगे।

उत्तर प्रदेष के अपना घर में आप लोगों को एक खटिया, मेज तथ कुर्सी दिखाई देगी जो कि वहां पारंपरिक घरों में आम तौर पर होती है। इसके अलावा उत्तर प्रदेष के अपना घर में एक कुंआ जिस पर चाप है जिसे हम आमतौर पर हेंडपंप भी कहते हैं, को दर्षाया गया है। वहीं दूसरी ओर अपना घर में नीचे बैठने के लिए एक समतल स्थान भी मिट्टी और लेप से तैयार किया गया है जो कि उत्तर प्रदेष में ऐसे ग्रामीण घरों में होते हैं। 

उत्तर प्रदेष के अपना घर में करघा को भी दिखाया गया है, जिस पर षिल्क का कार्य करते हुए कलाकार भी उपस्थित है। इस करघा को देखकर लोग काफी उत्साह के साथ देख रहे हैं और उक्त कलाकार के साथ अपना घर तथा उसमें रखे हुए सामान के बारे में जानकारी ले रहे हैं। 

गाजियाबाद से आए हुए राममेहर ने बताया कि वे इस मेला में दूसरी बार आए हैं और उन्होंने यहां पर यूपी द्वारा बनाई गई विभिन्न कलाकृतियों को देखा है लेकिन जब वे थीम राज्य उत्तर प्रदेष के अपना घर में आए तो उन्हें अपना बचपन याद आ गया कि वे भी इस प्रकार से ऐसे ही घरों में पले-बढे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेष में पहले ज्यादातर ग्रामीण आंचल में इसी प्रकार के छप्पर वाले घर हुआ करते थे। 
सेल्फी लेने का असली मजा सूरजकुंड मेले में

सेल्फी लेने का असली मजा सूरजकुंड मेले में

सूरजकुण्ड, (फरीदाबाद) 5 फरवरी- वेसे तो आजकल लगभग हर व्यक्ति के हाथ में स्मार्ट फोन है और वह सेल्फी लेने से गुरेज भी नहीं करता है। यदि समय और स्थान सही हो तो हर व्यक्ति अपने स्मार्ट फोन से सेल्फी लेने से नहीं चूकेगा। जी हां सेल्फी लेने के लिए आप 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला में आईए और विभिन्न स्थान, कलाकृतियां व सेल्फी प्वाईंट पर सेल्फी ले सकते हैं। 

सूरजकुंड मेला में विभिन्न स्थानों को सेल्फी प्वाईंट के लिए निर्धारित किया गया है और लोग बडे ही चाव के साथ सेल्फी ले रहे हैं। मेला में सेल्फी लेना भी एक विषेष आकर्षण है क्योंकि यहां सेल्फी लेना उन लोगों के लिए एक यादगार होगा जो मेला में घूमने आए हैं। 

Saturday 3 February 2018

सूरजकुण्ड शिल्प मेले के दूसरे दिन सांयकालीन सत्र में चैपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित

सूरजकुण्ड शिल्प मेले के दूसरे दिन सांयकालीन सत्र में चैपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित

सूरजकुण्ड, (फरीदाबाद) 3 फरवरी- लोक कलाएं हमारी सांस्कृति की अनूठी धरोहर है, जिनको संजोकर रखना हम सबका नैतिक दायित्व है। यह उद्गार 32वें अंर्तराष्ट्रीय सूरजकुण्ड शिल्प मेले के दूसरे दिन सांयकालीन सत्र में चैपाल पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्यअतिथि पधारे अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा धनपत सिंह ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहे।

 अतिरि क्त मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेष सरकार का सदैव प्रयास रहा है कि समय-समय पर आमजन को लोक कला एवं सांस्कृति से विभिन्न रूपों में अवगत कराया जाए। इस कडी में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सूरजकुंड हस्त षिल्प मेला आने वाली युवा पीढी को दषकों तक देष-प्रदेष की लोक सांस्कृति के बारे में जागरूक कर अवगत कराता रहेगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार देष-दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में नित रोज नए शोध हो रहे हैं। ऐसे में लोक संस्कृति के बारे में आने वाली पीढी को अवगत कराने के लिए सूरजकुंड मेला सहित अन्य विकल्पों को अपनाना विषेष रूप से सहयोगी साबित होगा।

श्री धनपत ंिसंह ने कहा कि देष-प्रदेष से आए लोक कलाकारों द्वारा प्रदर्षित इन विधाओं में छिपे जनसंदेष को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की महती भूमिका को भी किसी भी रूप में नकारा नहीं जा सकता जो अपने-अपने संचार माध्यमों से इन जनसंदेषों को आम जन तक पहुुंचाने में सदैव सहयोग देती रहती है। 
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई। कार्यक्रम के दौरान मेले के मुख्य प्रषासक एवं निदेषक सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग समीर पाल सरो ने मुख्य अतिथि का स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। 
इस अवसर पर हरविन्द्र राणा, डा. जगबीर राठी, राजकुमार धनखड, डा. जोगेन्द्र मोर, सौरव, षीषपाल जैसे कलाकारों ने उपस्थित दर्षकोें का नृत्य, गायन व हास्य कला के माध्यम से भरपूर मनोरंजन किया।