Showing posts with label Shooting. Show all posts
Showing posts with label Shooting. Show all posts

Thursday 6 April 2017

ओलंपिक स्तर के कंप्यूटराइज टारगेट का खेल अधिकारी ने किया उद्घाटन

ओलंपिक स्तर के कंप्यूटराइज टारगेट का खेल अधिकारी ने किया उद्घाटन


 फरीदाबाद  6 अप्रैल (National24News.com) सेक्टर-12 के खेल परिसर स्थित शूटिंग रेंज में लगे ओलंपिक स्तर के कंप्यूटराइज टारगेट का कार्यवाहक जिला खेल अधिकारी जीजे बैनर्जी ने टारगेट पर गोली चलाकर उद्घाटन किया। यह टारगेट शूटरों को विदेशी तर्ज पर अभ्यास कराने के लिए लाया गया है। जिससे ऊंचे स्तर पर पहुंचकर वह इंटरनेशनल शूटरों से लोहा ले सकें। टारगेट की कीमत 3 लाख रुपए है। जबकि इसमें सॉफ्टवेयर और लैपटॉप का खर्च अलग से है।

शूटिंग रेंज के कोच इंटरनेशनल शूटर शांतनु ठाकुर ने बताया कि इटली से इस टारगेट को मंगाया गया है। रियो ओलंपिक से पहले इस टारगेट को लाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन पैसों की तंगी की वजह से इसका उस दौरान ऑर्डर कैंसिल करना पड़ा। दो टारगेट यहां के लिए मंगाए गए हैं। दूसरा मई में यहां पर लगाया जाएगा। इन कंप्यूटराइज टारगेट को मंगाने में गीतांजली ललित माकन फाउंडेशन ने सपोर्ट किया है। इसलिए ही शूटरों को अब यहां इंटरनेशनल स्तर की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। वह यहां अभ्यास कर इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में दूसरे देशों के शूटरों से लोहा ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि दूसरे टारगेट के उद्घाटन पर फाउंडेशन की चेयरपर्सन अवंतिका माकन उपस्थित होंगी।

ये खास टारगेट्स में
फाइबर से बने इस टारगेट को गोली भेद नहीं सकती। टारगेट्स की सारी प्रक्रिया एक लैपटॉप से जुड़ी होती है।  गोली टारगेट पर लगते ही लैपटॉप में गोली का स्थान शो हो जाता है। खिलाड़ी को ऑन द स्पॉट अंक भी प्राप्त हो जाते हैं। इसमें प्वाइंट एक अंक का भी अंतर खिलाड़ी को पता चल जाता है। खिलाड़ी अपना परिणाम मेल पर भी ले सकता है। और इसमें लगे रोल के माध्यम से टारगेट प्रिंट भी निकलता है।
यह फायदा मिलेगा

खिलाड़ियों का खर्च बचेगा। पेपर का इस्तेमाल कम हो जाएगा। अभी तक टारगेट्स पेपर के बने होते हैं। या फिर कागज के रोल में वह आते हैं। एक रोल की कीमत 700 रुपए मार्केट में इस समय है। जबकि एक टारगेट अगर सस्ता वाला भी खरीदा जाए तो वह 5 रुपए का पड़ता है। 250 गोली पर एक रोल समाप्त हो जाता है। जबकि फरीदाबाद में बनी शूटिंग रेंजों में कागज के 5 और 10 रुपए वाले टारगेट्स का इस्तेमाल होता है। जो एक बार शूट करने पर खराब हो जाता है। टारगेट्स को अपनी जगह पर पहुंचाने के लिए वॉयरमशीन का इस्तेमाल किया जाता है। जिस पर भी खर्च काफी बैठता है। जबकि इस टारगेट से किसी प्रकार की बेइमानी की गुंजाइश नहीं होगी।

Saturday 1 April 2017