Showing posts with label U P NEWS. Show all posts
Showing posts with label U P NEWS. Show all posts

Wednesday 4 July 2018

कैलाश और नाज़ ने प्री-यूपी स्टेट शूटिंग में जीता सोना, आरज़ू को कांस्य पदक

कैलाश और नाज़ ने प्री-यूपी स्टेट शूटिंग में जीता सोना, आरज़ू को कांस्य पदक

उत्तर प्रदेश :  4 जुलाई : बडिंग शूटर्स अकैडमी वसुन्धरा सैक्टर-5 के निशानेबाज़ों ने मेरठ में हुई 9वीं प्री-यूपी स्टेट शूटिंग चैम्पयनशिप में लहराया परचम। अजय त्यागी (कैलाश) ने 25 मीटर .32 सेंटर फायर इवेंट में 119/150 स्कोर के साथ गोल्ड मेडल जीता। वहीं प्रहलाद गढ़ी की दो बहनों नाज़ खान और आरज़ू सैफी ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में पदक जीते, नाज़ ने 364/400 अंको के स्कोर पर स्वर्ण पदक जीता और आरज़ू को 356/400 अंकों के स्कोर के साथ कांस्य पदक पर संतोष करना पड़ा। इस प्रतियोगिता में बडिंग शूटर्स अकैडमी के कुल नौ निशानेबाज़ों ने अगले महीने लखनऊ में होने जा रही यूपी स्टेट शूटिंग चैम्पयनशिप के लिए क़वालीफाई कर लिया है।

बीएसए शूटिंग क्लब के कोच फरीद अली सैफी ने निशानेबाज़ों के अच्छे प्रदर्शन पर खुशी ज़ाहिर करते हुए बताया कि "हमारी अकैडमी के निशानेबाज़ों ने प्री-यूपी स्टेट शूटिंग में अच्छा प्रदर्शन करने के साथ पदक भी जीते हैं, इस प्रतियोगिता में पुरे उत्तर प्रदेश से तकरीबन दो हज़ार निशानेबाज़ों ने भाग लिया। पदक विजेताओं के साथ, पंखुड़ी भार्गव, अनुष्का त्यागी, उमर फारूक, साहिल और मयंक शर्मा ने अगले महीने लखनऊ में होने जा रही यूपी स्टेट शूटिंग चैम्पयनशिप में भाग लेंगे। इन सबने प्रदेश की इस सबसे बड़ी शूटिंग प्रतियोगिता के लिए क़वालीफाई कर लिया है। खेलों में अब युवा अच्छा कैरियर बना सकते हैं, और शूटिंग बहुत तेज़ी से भारत मे पॉपुलर हो रहा है, देश के निशानेबाज़ों ने पूरी दुनिया भारत का झंडा बुलंद किया है।" फरीद ने इस सफलता का श्रेय अकैडमी की कोच समीना सैयद को भी दिया. 

Sunday 10 June 2018

अभिषेक शर्मा बने उत्तराखंड सरकार में पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री के ओएसडी

अभिषेक शर्मा बने उत्तराखंड सरकार में पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री के ओएसडी

फरीदाबाद : 10  जून 2018 । फरीदाबाद के सेक्टर 8 निवासी अभिषेक शर्मा को उत्तराखंड सरकार के राज्य के पर्यटन विभाग में विशेष कार्य अधिकारी ( ओएसडी ) नियुक्त किया है मूलतः पलवल के खादर क्षेत्र के गांव बागपुर निवासी अभिषेक शर्मा ने गुरुग्राम से इंजीनियरिंग व कानून की पढ़ाई की है फरीदाबाद में शर्मा भाजपा मंडल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं इसके बाद में उत्तराखंड सरकार में पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री का प्रसिद्ध धार्मिक गुरु सतपाल जी महाराज के साथ काफी समय से जुड़ हुए थे गुरु सतपाल जी महाराज के बाद करीबी अभिषेक शर्मा को इस नियुक्ति पर उनके घर पर बधाई देने वालो का ताता लगा I 

Tuesday 5 June 2018

2 अक्टूबर, 2018 तक उत्तर प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य : योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री

2 अक्टूबर, 2018 तक उत्तर प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य : योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री

उत्तरप्रदेश: 5 जून  I उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कल शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा सभी जिलाधिकारियो के साथ स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण( एसबीएम-जी) की प्रगति की समीक्षा की। इसमें केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता सचिव,उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्तर पर 2 अक्टूबर 2019 की अवधि से पहले 2 अक्टूबर,2018 तक राज्य में खुले से शौच से मुक्त होने का लक्ष्य प्राप्त करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने इसे केवल एक सरकारी कार्यक्रम के स्थान पर जन आंदोलन बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में समाज के सभी वर्गो को सम्मिलित करने वाले जिलो ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियो से इसकी जिम्मेदारी लेने का आव्हान करते हुए उनसे समाज के सभी वर्गो को इसमे सम्मिलित करने और कार्यक्रम की प्रगति की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करने के लिए कम से कम एक घंटा प्रतिदिन देने के लिए कहा।

श्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियो से सोशल मीडिया का लाभ उठाकर जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन की बेहतर निगरानी करने को कहा। इसके साथ ही कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने और स्वच्छाग्रही और राजमिस्त्री को मानदेय समय पर भुगतान करने के लिए कहा।

उत्तरप्रदेश ने गत छह माह में महत्वपूर्ण प्रगति की है और राज्य के 28 हजार से अधिक गांवो को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता कार्य वर्ष 2014 में 39 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 85 प्रतिशत हो गया है और 3.75 लाख गांव, 389 जिले,13 राज्य और 4 संघशासित प्रदेशो को पहले ही खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है।  

Monday 28 May 2018

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के फेज़-1 का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के फेज़-1 का शुभारंभ किया

बागपत :28 मई । प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दो नवनिर्मित एक्सप्रेसवे देश के नाम समर्पित किये । इनमें से पहला निज़ामुद्दीन सेतु से दिल्ली- उत्तर प्रदेश सीमा तक विस्तृत 14 लेन वाले अभिगम नियंत्रितदिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का प्रथम चरण है । देश के नाम समर्पित दूसरी परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1 पर कुंडली से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 पर पलवल तक विस्तृत 135 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) है ।

एक बार कार्य पूर्ण हो जाने पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे देश की राजधानी से मेरठ जाने में लगने वाले समय एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के अनेक दूसरे भागों में जाने में लगने वाले समय को काफी कम कर देगा ।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के शुभारंभ के बाद जैसे ही प्रधानमंत्री नेराजमार्ग के परीक्षण के लिये कुछ किलोमीटर तक खुली जीप में यात्रा की,नवनिर्मित मार्ग परएकत्रित लोगों ने उनका अभिवादन किया ।

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) दिल्ली के लिये अनियत यातायात को मोड़ करराष्ट्रीय राजधानी में भीड़भाड़ एवं प्रदूषण को कम करने के दोहरे लक्ष्य की प्राप्ति में योगदान देगा ।

इस अवसर पर बागपत में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का समूचाप्रसार जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे दिल्ली में यातायात की भीड़भाड़ कम करने में मददगार होगा । प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के जीनव स्तर को उन्नत बनाने में आधुनिक अवसंरचना की एक महत्वपूर्ण भूमिका है । उन्होंने सड़कों, रेलवे, जलमार्गों इत्यादि समेत ढांचागत व्यवस्था के निर्माण में उठाये जा रहे कदमों का ब्यौरा प्रस्तुत किया । प्रधानमंत्री ने अवसंरचना विकास की गति में वृद्धि के उदाहरण दिये ।

महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया कि कैसे स्वच्छ भारत अभियान, एवं उज्ज्वला योजना के अंतर्गत एलपीजी कनेक्शन महिलाओं के जीवन को आसान बना रहे हैं । उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के अंतर्गत प्रदान 13 करोड़ ऋण में से 75 प्रतिशत से अधिक महिला उद्यमियों को दिये गए हैं।

प्रधानमंत्री ने अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये उठाये जा रहे कदमों का उल्लेख भी किया ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के केंद्रीय बजट में ग्रामीण एवं कृषि संबंधी अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिये 14 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है ।

Wednesday 2 May 2018

Homeopathy for Cold cough Flu

Homeopathy for Cold cough Flu

FARIDABAD : 2 MY I भरी हुई नाक तब होती है जब नाक और आसन्न ऊतकों और रक्त वाहिकाओं को अधिक तरल पदार्थ के साथ सूज हो जाता है, जिससे "घृणित" लग रहा हो। नाक की भीड़ या अनुनासिक निर्वहन या "बहुरंगी नाक" के साथ नहीं हो सकती है।


आमतौर पर नाक की भीड़ पुराने बच्चों और वयस्कों के लिए एक झुंझलाहट है। लेकिन नाक की भीड़ उन बच्चों के लिए गंभीर हो सकती है जिनकी नींद उनकी नाक की भीड़ या शिशुओं से परेशान होती है, जिनके परिणामस्वरूप एक कठिन समय पर भोजन हो सकता है।


कारण - नाक की भीड़ किसी भी चीज के कारण हो सकती है जो अनुनासिक ऊतकों को उत्तेजित या उत्तेजित करती है। संक्रमण - जैसे सर्दी, फ्लू या साइनसाइटिस - एलर्जी और विभिन्न परेशानी, जैसे कि तम्बाकू धूम्रपान, सब कुछ नाक का कारण हो सकता है कुछ लोगों को बिना किसी स्पष्ट कारण के लिए लंबे समय से चलने वाले नाक हैं - एक शर्त जिसे नॉनलार्लिक राइनाइटिस या वासोमोटर रिनिटिस (वीएमआर) कहा जाता है।

कम सामान्यतः, नाक की भीड़ कणिकाओं या एक ट्यूमर के कारण हो सकती है।


नाक की भीड़ के संभावित कारणों में शामिल हैं: तीव्र साइनसाइटिस, एलर्जी, क्रोनिक साइनसिस, सामान्य सर्दी, डिकॉग्स्टेस्टेंट नाक स्प्रे अति प्रयोग, विच्छेदन सेप्टम, मादक पदार्थों की लत, सूखी हवा, बढ़े हुए एनोनेओड्स, नाक में विदेशी शरीर, हार्मोनल परिवर्तन, फ्लू, दवाएं, जैसे कि उच्च रक्तचाप की दवाएं, नाक जंतु, गैर एलर्जी रैनिटिस, व्यवसायिक अस्थमा, गर्भावस्था, श्वसन संक्रमण संबंधी वायरस, तनाव, थायराइड विकार, तंबाकू का धुआं, बहुभुज के साथ ग्रैनुलोमेटोसिस





NUX VOMICA 30-Nux Vomica नाक बाधा रात के समय में अपने चरम पर है जब राहत प्रदान करने में महान मदद के प्रभावी होम्योपैथिक उपाय नक्स वोमिका रात के घंटों में बेहद भरे हुए नाक वाले रोगियों को आराम प्रदान करने में बहुत फायदेमंद है। रोगियों को इस होम्योपैथिक उपाय की आवश्यकता होती है, रात के समय तीव्र नाक भराई होती है। व्यक्ति यह भी वर्णन कर सकता है कि दिन के दौरान, रात में नाक निर्वहन होता है, इसे अवरुद्ध कर दिया जाता है। इसके अलावा मरीज़ एक तरफ नाक की बाधा और अन्य पर मुक्ति के मुक्त महसूस कर सकते हैं। खुली हवा में जाकर नाक अवरोध को भी बिगड़ता है।

सैम्बुक्स एनआईजी 30-सॅंबुबुस नाक रुकावट के लिए एक और शीर्ष होम्योपैथिक दवा है जो अत्यंत नाक नाक छिद्रों के साथ है। रुकावट के कारण सांस लेने में बहुत मुश्किल है और यह व्यक्ति को बैठने के लिए मजबूर करता है। अधिकतर रात में, घुटन और साँस लेने में कठिनाई के कारण व्यक्ति को नींद से बैठना पड़ता है। नाक अवरोध के लिए शिशुओं को दिया जाने पर सैंबुबुस भी बहुत प्रभावशाली होता है। रुकावट घुटन और मुँह में सांस लेने की ओर जाता है और शिशु को मां की फूड लेने के दौरान बुरी स्थिति का सामना करना पड़ता है

आर्सेनिक्स एल्बम 30-आर्सेनिकम एल्बम का निर्धारण तब किया जाता है जब नाक के अवरोध नाक एलर्जी के कारण होते हैं। यह मुख्य रूप से निर्धारित होता है जब नाक अवरोध के साथ जल नाक निर्वहन जल रहा है। वहाँ नाक से प्रचुर मात्रा में पानी और उत्तेजक निर्वहन है। तीव्र प्यास है और मरीज को खुली हवा में भी बुरा लगता है।

ग्लेज़ैमियम 30-गिल्सिमियम निर्धारित किया जाता है जब नाक रुकावट में बंद महसूस होने के साथ सुस्त सिरदर्द होता है, और एक धाराप्रवाह नाक निर्वहन होता है।

सिनापिस एनआईजीआरए 30 - सिनापीस नीग्रै एलर्जी के कारण नाक की भीड़ के लिए एक और उपाय है। यह तब निर्धारित होता है जब वैकल्पिक नहर एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण अवरुद्ध होते हैं। नाक और आंखों से भी मुक्ति होती है।

कैलकिया कार्ब 30- नाक पॉलीप के कारण कैल्केरा कार्ब नाक रुकावट के लिए बहुत प्रभावी है कार्ब नाक कणों के लिए एक और उत्कृष्ट होम्योपैथिक दवा है। यह ज्यादातर बाएं पक्षीय नाक कणों के लिए संकेत दिया जाता है। बाएं तरफ नलिका अवरुद्ध लगता है नाक से भ्रूण पीला डिस्पैच के साथ इसमें शामिल किया जा सकता है नाक में दुख और विकृत सनसनी भी महसूस होती है। नाक में आक्रामक गंध भी चिह्नित है नाक की जड़ में बहुत अधिक सूजन होती है। क्लेक्वेरा कार्ब का निर्धारण तब किया जाता है जब लोग आसानी से ले जाते हैं। मौसम में बदलाव नाक की शिकायतों से जुड़ा होता है। कैल्केरा कार्ब वसा, पिलपिला व्यक्तियों के लिए अधिक उपयुक्त है, जिनके अंडे की लालसा है।

लैम्ना लघु 30 - पॉलिप्स के कारण नाक अवरोध को हटाने के लिए लेम्ना माइनर शीर्ष होम्योपैथिक उपाय है। इसका उपयोग करने वाले लक्षण श्वास लेने में कठिनाई के साथ नाक कब्ज और गंध की हानि होते हैं। पोस्टेरियर टपकता भी नाक रुकावट के साथ आते हैं। कुछ व्यक्ति नाक डिस्चार्ज का अनुभव करते हैं, जबकि अन्य में, नाक गुहा शुष्क रहता है। अवरुद्ध नाक में आक्रामक गंध है लेम्ना माइनर पॉलीप के लिए सबसे प्रभावी होम्योपैथिक उपाय है जो गीली मौसम में बिगड़ता है। पॉलीप के मामलों में, लेम्ना माइनर नाक अवरोध को कम कर देता है, श्वसन की समस्या से राहत देता है, और गंध की शक्ति फिर से आती है।

संगीन्रिया नाइट्रिकम 3 एक्स - सोंगुनेरिया नाइट्रिकम, पॉलीप के कारण नाक की भीड़ के लिए भी प्रभावी है और यह नाक को नाक के नाक के साथ अवरुद्ध होने पर भी एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा है। डिस्चार्ज प्रकृति में बहुत जलते हैं और व्यक्ति को छींकने का भी अनुभव होता है।

काली बीआईटीमाइकियम 30-काली बिच्रिमिक्यू सिनाइसिस के कारण नाक की भीड़ के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है, जहां डिस्चार्ज गले में वापस चला जाता है।

Friday 27 April 2018

अगर मुख्यमंत्री बड़खल से चुनाव लड़े तो फरीदाबाद वासी उन्हें पलकों पर बिठाएंगे- राजीव जेटली

अगर मुख्यमंत्री बड़खल से चुनाव लड़े तो फरीदाबाद वासी उन्हें पलकों पर बिठाएंगे- राजीव जेटली

 फरीदाबाद: 27 अप्रैल 2018,। अगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी बड़खल विधानसभा से चुनाव लड़ें तो यह सम्पूर्ण फरीदाबाद के लिए सौभाग्य की बात होगी। प्रदेश के इतिहास के सबसे ईमानदार मुख्यमंत्री मनोहरलाल को फरीदाबाद की जनता अपनी पलकों पर बिठाने को उतावली है।  निर्णय तो मुख्यमंत्री जी का ही होगा किन्तु अगर वह सहमति जताते हैं तो भाजपा का एक एक कार्यकर्ता तन मन और धन से उनके चुनाव में सक्रिय हो जाएगा।

Sunday 18 March 2018

सर्वश्रेष्ठ किडनी स्टोन्स होम्योपैथिक उपचार

सर्वश्रेष्ठ किडनी स्टोन्स होम्योपैथिक उपचार

फरीदाबाद 19 मार्च।  होम्योपैथिक किडनी स्टोन उपचार प्रोटोकॉल में क्लासिकली होम्योपैथिक चिकित्सा चयन का प्रयोग किया जाता है जिसमें कुछ स्वाभाविक रूप से माइक्रो-मिनरल आधारित होमियोपैथिक मदर टिंचर होते हैं, जो कि सबसे हठ रीनल रॉक स्टोन को तोड़ने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

गुर्दा की पथरी को तोड़ने के लिए, होम्योपैथी प्रकृति की शक्ति का इस्तेमाल करती है। विभिन्न होम्योपैथिक मदर टिंचर जैसे फ़िलेंथस निरूरी, सिकोरीयम इंटीबुस, बोहेराविया डिफुसा, बरबेरीस वुल्गारिस आदि हैं।

होम्योपैथिक दवा जो कि होम्योपैथिक उपचार में गुर्दे की पथरी के लिए उपयोग की जाती है नीचे वर्णित है -
1. Lycopodium
2. Tabaccum
3. Urticaurens
4. Sarsaparilla
5. Cantharis
गुर्दे की पथरी तोड़ने के लिए लक्षणों के अनुसार इन होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग कर सकते हैं। होम्योपैथी उपचार विशुद्ध रूप से प्राकृतिक है और बिना साइड इफेक्ट है।
उपरोक्त औषधि का उपयोग मदर टिंचर के साथ किया जा सकता है साथ में बहुत सारे पानी का सेवन किया जा सकता है।
 1.      Berberis vul
 2.      Phyllanthus niruri
 3.      Cichorium Intybus
 4.      Boerhavia diffusa
 5.      Berginea linguilata
इन सभी 5 होम्योपैथिक टिंचर गुर्दे की पथरी के लिए बहुत प्रभावी दवाइयां हैं। हालांकि विभिन्न कंपनियों के कई होम्योपैथिक दवाइयां हैं, लेकिन मैं अपने रोगियों में इन उपायों का उपयोग कर रहा हूं और उन्हें बहुत सफल पाया।

गुर्दे की पथरी के लिए जोखिम कारक क्या हैं?
• प्रोटीन, कैल्शियम या ऑक्सलेट में समृद्ध आहार
• कम पानी का सेवन
यूटीआई के प्रारंभिक इतिहास - प्राकृतिक पथ संक्रमण
• मोटापा
गुर्दे के पत्थरों का पारिवारिक इतिहास
• सिस्टिनुरिया

गुर्दा पत्थर क्या हैं?
गुर्दा की पथरी छोटे, कठोर द्रव्यमान हैं जो गुर्दे के भीतर बनाई जाती हैं।

गुर्दा पत्थरों के लक्षण क्या हैं?
गुर्दे की पथरी पर कोई लक्षण नहीं होते हैं। दूसरी बार, वे मूत्र और / या तरफ या पीठ में गंभीर दर्द का कारण बनते हैं। जब गुर्दा की पथरी बड़ी होती है या एक से अधिक होती है, तो वे मूत्र के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकते हैं।

गुर्दे की पथरी के प्रकार -

मुख्य रूप से 4 प्रकार की गुर्दा की पथरी होती है
 कैल्शियम स्टोन्स: जो लोग इस प्रकार के पत्थर के रूप में बनाते हैं उनके मुंह में कैल्शियम, ऑक्सलेट, या पेशाब में बहुत ज्यादा या साइट्रेट पर्याप्त नहीं है। आहार में नमक की उच्च मात्रा में खपत मूत्र में कैल्शियम के उच्च स्तर की ओर जाता है। कुछ रोगियों में पैराथामोन की अधिक मात्रा में गुर्दे की पथरी होगी, जो कैल्शियम नियंत्रित हार्मोन है। लोग मिथक के साथ हमारे पास आते हैं कि दूध पीना गुर्दे के पत्थरों का कारण हो सकता है जो गलत है। दूध पीने से डॉ। अभिषेक के अनुसार गुर्दे की पथरी नहीं होती है। हालांकि कम पानी पीने से गुर्दे की पथरी का वास्तविक कारण होता है।

स्ट्रावेट स्टोन्स: क्रोनिक जीवाणु मूत्र संक्रमण आमतौर पर इन पत्थरों का कारण बनता है। बैक्टीरियल मूत्र संक्रमण मूत्र के परिणाम के रासायनिक परिवर्तन की ओर जाता है, स्ट्रल्वइट प्रकार के गुर्दे के पत्थर के रूप में। कठोरता के कारण इन पत्थरों को तोड़ना मुश्किल है होम्योपैथिक उपचार जैसे कैंटेरिस और बरबेरीस वूल ऐसे किडनी पत्थरों को तोड़ने के लिए प्रभावी हैं
यूरिक एसिड स्टोन्स: इस तरह के पत्थर के रूप तब होते हैं जब मूत्र बहुत अम्लीय होता है, जिससे अत्यधिक यूरिक एसिड उत्पादन होता है। उच्च प्रोटीन आहार से बचें, पानी की बहुत सारी रोज़ का सेवन करें

सिस्टीन स्टोन्स: ये उन व्यक्तियों में पाए जाते हैं जिनके पास सिस्टीन पत्थर का पारिवारिक इतिहास है शरीर रक्त से सिस्टीन के रसायन को साफ करने में सक्षम नहीं है।


किडनी स्टोन्स शरीर को कैसे छोड़ देते हैं?

कई मामलों में, एक व्यक्ति मूत्र के माध्यम से पत्थर को पारित करेगा यह एक दर्दनाक प्रक्रिया हो सकती है, और इसमें कुछ दिन लग सकते हैं।

आप गुर्दा की पथरी कैसे रोक सकते हैं?

अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें: बहुत सारे पानी पीने से प्रति दिन 10-12 ग्लास तरल की सिफारिश की जाती है। पानी और तरल पदार्थ की अधिक मात्रा में मूत्र पतला रखने में मदद मिलती है - जिससे मूत्र में खनिजों के पत्थर बनाने की एकाग्रता कम हो जाती है।

नमक की मात्रा को कम करें जो आपको खाती है: आहार में नमक (सोडियम) को कम करने से मूत्र में कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है जिससे कैल्शियम पत्थर के गठन की प्रवृत्ति कम हो जाती है। डॉ। अभिषेक आहार में कम नमक का सुझाव देते हैं और साथ ही नमकीन नमकीन, प्रसंस्कृत मीट, कैन्ड नूडल्स, चावल, और सूप्स जैसे उच्च सोडियम खाद्य पदार्थों से बचने से बचते हैं।

आहार कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा में समृद्ध होना चाहिए: अन्य मिथक कैल्शियम को कैल्शियम किडनी पत्थरों से पीड़ित रोगियों के आहार में प्रतिबंधित होना चाहिए।


किडनी स्टोन में निम्नलिखित खाद्य से बचें

• Anchovies
• एस्परैगस
• बोउलोन
• जामुन
• बोउलोन
• शोरबा
• चॉकलेट
• कैवियार
• हिलसा
• मूंगफली
• एक प्रकार का फल
• ग्रीन्स
• अंग मांस, यकृत, गुर्दे, दिमाग
• मांस
• स्कैलप्प्स
• चाय
• शंबुक

रेनाल पत्थर के लिए निदान परीक्षण
अल्ट्रासाउंड
• एक्सरे क्यूब
• अंतःशिरा पीललोग्राम
• कुब के सीटी स्कैन - मूत्रमार्ग मूत्राशय

आरा होम्योपैथिक उपचार के लिए गुर्दा की पथरी में हर्बल होम्योपैथिक उपचार और माँ टिंचर के संयोजन का उपयोग किया जाता है जो कि सबसे जिद्दी गुर्दा की पत्थरों को तोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है।

कोई भी होम्योपैथी चिकित्सा का उपयोग गुर्दा की पथरी तोड़ सकता है। होम्योपैथिक उपचार किसी भी दुष्प्रभाव के बिना विशुद्ध रूप से प्राकृतिक है।

Monday 12 March 2018

सरकारी कर्मचारियों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं की जाएगी बर्दाश्त : राजीव जेटली

सरकारी कर्मचारियों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं की जाएगी बर्दाश्त : राजीव जेटली

फरीदाबाद :12 मार्च । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजीव जेटली ने एन.एच.-2 ई ब्लाक मेें बडखल विधानसभा क्षेत्र के एनएच मंडल पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली। मीटिंग में श्री जेटली ने माननीय प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा किए गए कार्याे का चर्चा की। इस  अवसर पर बडखल विधायक सीमा त्रिखा, मेयर सुमन बाला, पार्षद मनोज नासवा , मंडल अध्यक्ष राधेश्याम भाटिया, महिला आयोग सदस्य रेनू भाटिया, खेल प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष दीप भाटिया ने भी अपने-अपने विचार रखे।  बूथ स्तर के पदािधकारियों को संबोधित करते हुए राजीव जेटली ने कहा कि भाजपा के सभी संासद, मंत्री व विधायक, पदाधिकारी व कार्यकर्ता मोदी जी द्वारा ईमानदारी व पारदर्शिता द्वारा किए जा रहे जनहितैषी कार्याे को जनता तक पहुंचाने में एक वाहक के रुप में कार्य कर रहे है। जेटली ने कहा कि प्रदेश को पहली बार मनोहर लाल के रुप में एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जिसने यह भूलकर कि वह प्रदेश का प्रमुख व्यक्ति है

 हरियाणा को सेवादार के रुप में जनता को समर्पित कर दिया है। प्रदेश के इतिहास में मुख्यमंत्री आते रहे व जाते रहे लेकिन राजनीतिज्ञ परंपराओं को बदलने का कार्य जो अपनी सादगी व ईमानदारी से मौजूदा मुख्यमंत्री ने की है, वह प्रदेश के इतिहास में पहले कभी नहीं देखने को मिली। जेटली ने पदाधिकारियों वे कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करते हुए उन समस्याओं के बारे में भी पूछा, जो उन्हें हो रहे विकास कार्याे में किसी भी तरह के बाधा के रुप में प्रतीत होती है, जिस पर पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए फीड बैक के जवाब में जेटली ने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता केवल जनहितैषी कार्याे के पूर्ण हो जाने पर गर्वान्वित महसूस करता है। ऐसे में किसी भी पदाधिकारी द्वारा उनकी नजरअंदाजगी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। 

क्योंकि भाजपा कार्यकर्ता माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नीतियों व विचारों के वाहक है। राजीव जेटली ने कहा कि मोदी व मनोहर लाल की नीतियों व विचारों के बीच में बाधा बनने वाले ऐसे किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर कार्यकर्ताओं के जनहितकारी कार्या में किसी भी तरह की बाधा बनने वाले अधिकारी व कर्मचारी की शिकायत मिली तो उन पर मुख्यमंत्री से आग्रह कर कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश प्रवक्ता राजीव जेटली ने आंकड़ों सहित कार्यकर्ताओं को बताया कि किस तरह मनोहर सरकार ने मात्र तीन साल में वो जनहित कार्य कर दिखाए, जो पिछले लगभग 40-45 सालों से राजनीतिज्ञ व्यवस्था के हिस्से मात्र भी नहीें थे,

 जिस पर पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने श्री जेटली से कहा कि आपका यह विश्वास दिलाना भाजपा कार्यकर्ताओं को मजबूती व एकजुटता की दिशा में अग्रसर कर रहा है और आगामी चुनावों में कार्यकर्ता भाजपा की एक तरफा जीत के लिए अपना सर्र्वस्व न्यौछावर करेंगे। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष राजकुमार वोहरा, जिला आईटी सैल अमित आहुजा, मंडल अध्यक्ष कर्मबीर बैंसला, उपाध्यक्ष सुदेश भाटिया ,गगनदीप सिंह रिंकू ,गुलशन भाटिया ,महामंत्री सुनील (सनी) भाटिया, मंडल महामंत्री सरनजीत सिंह भाटिया , मंडल मीडिया प्रभारी गुरुचरण सिंह डोरा, महिला मंडल अध्यक्ष प्रियंका कक्कड़ भारद्वाज ,अमित कक्कड़ ,पूनम भाटिया, सुनीता चंदना सहित भारी संख्या में जिला व मंडल पदाधिकारी मौजूद थे।

Monday 5 March 2018

 आखिरकार कोन है इस सडक का विधायक ?????

आखिरकार कोन है इस सडक का विधायक ?????

फरीदाबाद : 5 मार्च । भारत सरकार द्वारा पदम श्री आवार्ड से किये सम्मानित व्यक्ति डा. ब्रह्मदत्त को इन दिनों फरीदाबाद में एक टूटी सडक को बनवाने के लिये संघर्ष करना पड रहा है जिसे लोग शहर का ही नहीं बल्कि देश का भी दुर्भाग्य बता रहे हैं, एनआईटी फरीदाबाद हार्डवेयर से प्याली चौक तक टूटी पडी सडक और उस पर फैले हुए गंदे नाले के पानी की समस्या को लेकर पदमश्री आवार्डी डा. ब्रह्मदत्त, अनशनकारी बाबा रामकेवल और अनेकों समाजसेवी संस्थाओं ने हार्डवेयर चौक पर धरना प्रदर्शन शुरू किया है जिसमें नगर निगम से सडक की लीपा पोती न करके नये सिरे से बनवाने की मांग की जा रही है। चेतावनी दी है कि जब तक सडक बनकर तैयार नहीं होगी तब तक उनका धरना जारी रहेगा। 

गंदे पानी से लबालब टूटी पडी हुई ये सडक तीन विधानसभाओं के बीच में फंसी हुई है जिससे रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं और गंदे पानी में गिरते, टूटी सडक पर हिचकोले खाते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं, स्मार्ट सिटी फरीदाबाद का ये नजारा बेहद ही शर्मनाक है क्योंकि बडखल की विधायक सीमा त्रिखा, बल्लभगढ के विधायक मूलचंद शर्मा और एनआईटी के विधायक नगेन्द्र भडाना को इस समस्या के बारे में पूरी जानकारी है और तीनों विधायक इन दिनों भाजपा की शरण में हैं उसके बाबजूद भी लाखों लोगों को परेशानी उठानी पड रही है। जिसको लेकर अब भारत सरकार द्वारा पदम श्री आवार्ड से सम्मानित किये गये डा. ब्रह्मदत्त को भी धरने पर बैठना पड रहा है, पदमश्री आवार्डी डा. ब्रह्मदत्त, अनशनकारी बाबा रामकेवल, आरटीआई एक्टिविस वरूण शौंकंद और अनेकों समाजसेवी संस्थाओं ने हार्डवेयर चौक पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है । जहां शुरू किये गये नगर निगम के खिलाफ धरने पर सरकार  और निगम के विरोध में जमकर नारेबजी की गई। 

धरने पर बैठे पदमश्री डा. ब्रह्मदत्त ने कहा कि नगर निगम में इन दिनों भ्रष्ट्राचार चर्म है जिसका कारण है कि लाखों लोगों के प्रयोग में आने वाली हार्डवेयर से प्याली चौक वाली सडक गंदे नाले के पानी में टूबी हुई है साथ ही सडक की हालत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है, जिसपर आवाज उठाने के बाद मिट्टी डालना शुरू हो गया है मगर प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन्हें सडक की लीपापोती नहीं चाहिये वो चाहते हैं कि सडक को दुबारा से नया बनाया जाये ताकि लंबे समय तक लोगों को लाभ मिल सके। वहीं बाबा रामकेवल ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि पहले तो धोखा देकर उन्हें अनशन से उठा दिया था मगर इस बार वो सरकार व निगम के धोखे में नहीं आयेंगे, मांग पूरी नहीं हुई तो दुबारा से अनशन शुरू किया जायेगा।

Sunday 18 February 2018

खाद्य एलर्जी के लिए सर्वश्रेष्ठ होमियोपैथी औषधि

खाद्य एलर्जी के लिए सर्वश्रेष्ठ होमियोपैथी औषधि

फरीदाबाद 19 फरवरी ।  इस लेख में हम खाद्य एलर्जी के कारण, लक्षण और होम्योपैथिक उपचार को संबोधित करेंगे। भोजन की प्रतिक्रिया के प्रकार के बीच का अंतर महत्वपूर्ण है जब वे तीव्रता और विभिन्न उपचार की डिग्री दिखाते हैं।

क) खाद्य एलर्जी: यह एक या अधिक प्रकार के भोजन के एक या एक से अधिक प्रोटीन के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया है। खाद्य एलर्जी, कुछ मामलों में, गंभीर एनाफिलेक्सिस को जन्म दे सकती है

बी) गैर एलर्जी प्रतिक्रियाओं: प्रतिक्रियाओं है कि प्रतिरक्षा प्रणाली के सक्रियण के कारण नहीं हैं; उनमें से हम लैक्टोज असहिष्णुता, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स, पेट दर्द, भोजन की जहर, आदि का उल्लेख कर सकते हैं।

खाने से एलर्जी
खाद्य एलर्जी लगभग 8% बच्चों और 3% वयस्कों को प्रभावित करती है। खाद्य एलर्जी एक मजबूत आनुवंशिक घटक है और 70% रोगियों के पास सकारात्मक पारिवारिक इतिहास है। शास्त्रीय भोजन एलर्जी आईजीई बुलाया एक एंटीबॉडी की कार्रवाई के कारण होता है हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को किसी भी विदेशी पदार्थ से लड़ने के लिए क्रमादेशित किया जाता है जो हमारे शरीर पर हमला करता है, तथापि, कुछ सहिष्णुता होती हैं जब ये पदार्थ जठरांत्र प्रणाली से गुजरते हैं। एक व्यक्ति जो कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी है, उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कुछ प्रोटीन पर प्रतिक्रिया करती है, क्योंकि यह एक खतरनाक हमलावर है। भोजन एलर्जी के साथ एक रोगी में आमतौर पर अन्य प्रकार की एलर्जी होती है, जैसे कि राइनाइटिस, अस्थमा, त्वचा एलर्जी, आदि, क्योंकि समस्या आईजीई के उत्पादन में है, जो अपर्याप्त लक्ष्य को निर्देशित करता है, अर्थात हमारे शरीर के लिए प्रोटीन हानिकारक नहीं है। एक्जिमा से 1/3 से अधिक बच्चों को भी कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी है।

उदाहरण के लिए, शेलफिश के लिए एक रोगी एलर्जी वास्तव में इन खाद्य पदार्थों में उपस्थित एक या अधिक प्रोटीन से एलर्जी है। इसलिए, चिंराट के लिए एलर्जी रोगी अन्य क्रस्टेशियंस बर्दाश्त नहीं कर सकता, क्योंकि प्रोटीन बहुत समान हैं। उसी तर्क के बाद, मूँगफली के एलर्जी वाले रोगी सोया, मटर या सेम के घूस पर प्रतिक्रिया कर सकते हैं। जब रोगी को प्रोटीन हाइपर एलर्जी हो तो पाचन ट्रैक में आते हैं, आईजीई एंटीबॉडी भड़काऊ प्रतिक्रिया पैदा करती है, गलती से सोच रही है कि यह प्रोटीन शरीर के लिए हानिकारक है।

जब आईजीई एंटीबॉडी प्रोटीन से जुड़े होते हैं, तो वे अन्य कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं, जैसे मस्तूल कोशिकाएं (फेफड़े, गले, त्वचा, नाक और आंतों में बड़ी मात्रा में मौजूद हैं) और बोडोफिल जो रक्त में फैलते हैं। ये कोशिकाएं हिस्टामाइन जैसे रसायनों का उत्पादन करती हैं, जो कि आक्रमणकारी एजेंट के विनाश के लिए जिम्मेदार हैं, अंत में, अंत में एलर्जी के विशिष्ट लक्षण पैदा करने के लिए खाद्य एलर्जी का तंत्र समान है, उदाहरण के लिए, एलर्जी रिनिटिस के मुताबिक
कुछ प्रोटीन की शरीर की प्रतिक्रिया अधिक होती है, और इससे बासोफिल और मस्तूल कोशिकाओं द्वारा रसायनों को छोड़ना और एलर्जी की प्रतिक्रिया अधिक होती है। कुछ मामलों में, प्रतिक्रिया इतनी असभ्य है कि यह रोगी के जीवन को खतरे में डालती है, एनाफिलेक्सिस नामक एक शर्त।

खाद्य एलर्जी की लम्बाई भोजन के घूस के कुछ घंटों के बाद एक भोजन एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं, हालांकि, यह 4 से 6 घंटे तक लग सकता है। चूंकि फेफड़े, गले, त्वचा, नाक और आंतों में बड़ी संख्या में मास्ट कोशिकाएं होती हैं, एलर्जी के लक्षण आमतौर पर इन अंगों से जुड़े होते हैं।

खाद्य एलर्जी का सबसे आम लक्षण अर्चिसिया, खुजली और लाल (खुजली) सजीले टुकड़े हैं जो आमतौर पर ट्रंक पर स्थित होते हैं। एक अन्य आम लेकिन अधिक खतरनाक लक्षण एंजियोएडेमा है, जो श्लेष्म झिल्ली की सूजन होती है जो आमतौर पर होंठों की सुई के साथ प्रकट होता है। जब एंजियोडियोमा गंभीर हो जाता है, जीभ की सूजन और गले के श्लेष्म झिल्ली हो सकता है, जिससे फेफड़ों में वायु प्रवाह की रुकावट हो सकती है। रोगी हवा की रुकावट के कारण श्वास बंद कर सकता है। अन्य एलर्जी लक्षणों में राइनाइटिस, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, अस्थमा, दस्त, पेट में दर्द और उल्टी शामिल होते हैं। यदि बेसोफिल और मस्तूल कोशिकाओं का एक विशाल सक्रियण है, तो प्रतिक्रिया इतनी मजबूत हो सकती है कि इससे अत्यधिक वासोडिलेशन का कारण बनता है, जिससे रोगी को धमनीय सदमे के रूप में जाना जाता है, जिसके कारण परिसंचारी शॉक की स्थिति होती है।

ओरल एलर्जी सिंड्रोम
ओरल एलर्जी सिंड्रोम, जिसे पराग-खाद्य एलर्जी सिंड्रोम भी कहा जाता है, एलर्जी सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है, जो एलर्जी रेजिटाइटिस से लगभग आधे रोगियों को पराग को प्रभावित करता है। ये रोगी कच्चे फलों और सब्जियों को एलर्जी की एक तस्वीर पेश करते हैं जो उनको खाए जाने के तुरंत बाद प्रकट होते हैं। सबसे आम भोजन केले, तरबूज, तरबूज, सेब, आड़ू, बेर, गाजर, ककड़ी, कद्दू, हेज़लनट, अजवाइन, अन्य के बीच में हैं।

शारीरिक व्यायाम के बाद खाद्य एलर्जी
एक प्रकार की एलर्जी है जो स्वयं को प्रकट करती है अगर मरीज कुछ खाद्य पदार्थ खाने से 4 घंटे तक कुछ शारीरिक गतिविधि का अभ्यास करता है। इस प्रकार की एलर्जी के साथ रोगी चिंराट खा सकता है और कुछ भी नहीं महसूस कर सकता है, लेकिन अगर वह खाती है और कुछ प्रकार के व्यायाम का अभ्यास कर रहा है, तो उसे एनाफिलेक्टिक प्रतिक्रिया भी भुगतनी पड़ सकती है।

खाद्य एलर्जी की विषाक्तता  निदान में नैदानिक ​​इतिहास शामिल है, जहां प्रतिक्रियाओं से पहले खाए गए खाद्य पदार्थों और लक्षणों के प्रकट होने के लिए समय बीतने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

त्वचा परीक्षण मदद कर सकता है इन में, एलर्जी चिकित्सक उन रोगियों के प्रति प्रतिक्रियाओं की तलाश में रोगी के प्रकोष्ठ में कई प्रकार के प्रोटीन का इस्तेमाल करता है। परिणाम में केवल 15 मिनट लगते हैं परीक्षण का मुख्य मूल्य तब होता है जब यह ऋणात्मक होता है, जो कि प्रोटीन को त्यागने के लिए कार्य करता है जो किसी भी प्रतिक्रिया का कारण नहीं था। सकारात्मक परीक्षण यह निश्चित नहीं है कि रोगी इस प्रोटीन से एलर्जी है

कुछ मामलों में एनाफिलेक्टेक्टीक प्रतिक्रिया के उच्च जोखिम के साथ, चिकित्सक अधित्याग के जोखिम के कारण इस परीक्षण को नहीं चुन सकते।

यह अब संभव है कि खून में विशिष्ट आईजीई के खुराक को यह पता चले कि मरीज को एलर्जी कैसे विकसित होता है।

  · एपीस मेलिफ़िका
· लाइकोपेर्सिकम
· ब्रोमीनियम
· सिलिकिया
· ज़िंगबेर
· एंटिम क्रूडम
· कार्बो वेग
· सेपिया
· पल्साटिला
· नक्स वोमिका
· सल्फर
· उर्टिका यूरेन
· लाइकोपॉडियम
· कोलोकिथ
· नेट्रम कार्ब
· सल्फर
· नेट्रम मूर
· आर्सेनिक एल्बम
· नेट्रम मूर


Saturday 10 February 2018

कांग्रेसी नेता सुमित गौड़ के इस काग्रेस भवन में मिलेंगी सभी सुविधाएँ

कांग्रेसी नेता सुमित गौड़ के इस काग्रेस भवन में मिलेंगी सभी सुविधाएँ

फरीदाबाद : 10 फ़रवरी I हरियाणा में विधानसभा चुनावों की आहट दिखाई दे रही है। संभव है विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ होंगे और लोकसभा चुनाव तय समय से पहले अगर करवाए जाते हैं तो इसी साल संभव हैं और ऐसे में हरियाणा विधानसभा चुनाव एक साल पहले हो सकते हैं। 

फरीदाबाद में भी सत्ता और विपक्ष के नेता चुनावों की तैयारियों में जुट गए हैं। सत्ता पक्ष जहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली के लिए बाइकरों को इकठ्ठा कर रहा है तो कांग्रेस भी अपनी तैयारी अलग तरीके से कर रही है। अमित शाह की रैली 15 फरवरी को है उसके बाद हरियाणा में चुनावी शंखनाद बज सकता है। फरीदाबाद में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तो फ़िलहाल कई विधानसभा क्षेत्रों में खामोश दिख रहे हैं लेकिन युवाओं ने हर विधानसभा क्षेत्र में मोर्चा संभाल रखा है। कांग्रेसी नेता सुमित गौड़ सेक्टर 12 कोर्ट के सामने एक दफ्तर बना रहे हैं जो काग्रेस भवन  होगा जिसमे कई तरह की सुविधाएँ मिलेंगी।

इस दफ्तर में आधार कार्ड एवं अन्य लोगो के जरूरत के कार्य बनवाये जायेंगे। इस दफ्तर में गरीबों को कानूनी सहायता दिलवाने के लिए वकील भी बिठाया जायेगा। दफ्तर में एक छत के नीचे जनता को बहुत सारी सुविधाएं मिलेंगी। दफ्तर कोर्ट के मुख्य रोड पर खोला जा रहा है जहां लगभग लगभग 500 कार्यकर्ता एक साथ बैठ सकते हैं। सुमित गौड़ पुराने कांग्रेसी नेता हैं और गलत काम बर्दाश्त नहीं करते। गौड़ पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के भांजे हैं और जब कांग्रेस सत्ता में थी तब इन्होने अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ आवाज बुलंद किया था। 

 सुमित गौड़ का कहना है कि जनता की समस्याओं के निवारण के लिए मैं कभी गलत काम बर्दाश्त नहीं करता। उन्होंने कहा कि मेरे लिए जनता सर्वपरि है। गौड़ हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर के काफी करीबी हैं और कालेज के समय से उनकी तंवर से दोस्ती है। गौड़ के इस दफ्तर का नाम कांग्रेस भवन रखा जा सकता है। अगले हफ्ते तक ये दफ्तर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जायेगा। 

Friday 9 February 2018

वेलेंटाइन दिवस पर किसिंग रोग से बचे ,जानिए क्यों ?

वेलेंटाइन दिवस पर किसिंग रोग से बचे ,जानिए क्यों ?

फरीदाबाद : 10 फ़रवरी I क्रोनिक मोनोन्यूक्लिओस जिसे मोनो के नाम से भी जाना जाता है एक तीव्र संक्रामक बीमारी है जो कि रक्त को परिसंचारी रक्त में असामान्य रूप से बड़ी संख्या में मोनोन्यूक्लियर ल्यूकोसाइट्स की उपस्थिति से होता है।
इसे 'चुंबन रोग' कहा जाता है क्योंकि यह चुंबन के माध्यम से फैल सकता है। कुछ अन्य परिस्थितियों जो संभावित रूप से मोनोन्यूक्लियोसिओसिस के संचरण की सुविधा देती हैं, एक संक्रमित व्यक्ति की सर्दी, खाँसी या छींकने का जोखिम होती है; और एक संक्रमित व्यक्ति के साथ साझा चश्मा, व्यंजन या भोजन के बर्तन के माध्यम से

क्रोनिक मोनोन्यूक्लूसिस को 'क्रोनिक थिगम सिंड्रोम' भी कहा जाता है - और इसका सबसे आम कारण एपस्टीन-बार वायरस (ईबीवी) है। इस रोग के लक्षण लक्षण बुखार, थकान और गले में गले हैं; जो आम तौर पर सीधे मौखिक संपर्क, या लार के माध्यम से प्रेषित होता है।

ईबी वायरस में 4-6 सप्ताह का ऊष्मायन अवधि है, और बच्चों के मामले में ऊष्मायन अवधि कम है। हालांकि, संक्रमित होने के कई दिनों बाद वायरस संक्रमित व्यक्ति के लार में रह सकता है। डॉ। अभिषेक कसाना एमडी की सलाह है कि लक्षण कम होने के बावजूद, लंबे समय तक निवारक उपायों को लिया जाना चाहिए।

वर्ष के अन्य मौसमों की तुलना में मोनो या चुंबन रोग की घटना अधिक वसंत ऋतु में अधिक होती है; हालांकि यह आम सर्दी या कुछ श्वसन संक्रमण के रूप में संक्रामक नहीं है। यह रोग मुख्य रूप से बच्चों और युवा वयस्कों को प्रभावित करता है

चुंबन बीमारी आमतौर पर बहुत गंभीर बीमारी नहीं होती है लेकिन, एपस्टाइनब्रायर वायरस उन रोगियों में गंभीर बीमारी का कारण हो सकता है जिनके प्रतिरक्षण में बिगड़ा हुआ है, विशेष रूप से रोगी जो एचआईवी या रोगी से ग्रस्त हैं जो अंग प्रत्यारोपण के बाद प्रतिरक्षा दमनकारी दवा पर हैं।

मोनोन्यूक्लियोसिस की रोकथाम के लिए कोई टीका नहीं है, और आज तक मोनो के लिए कोई विशिष्ट उपचार का उल्लेख नहीं है। डॉ। अभिषेक कसाना के अनुसार चुंबन रोग का उपचार मुख्य रूप से लक्षण है; पर्याप्त आराम के साथ, तरल पदार्थ के पर्याप्त सेवन के साथ संतुलित स्वस्थ आहार

क्रोनिक मोनोन्युल्योसिस के लक्षण

• गर्दन और बगल में सुस्ती / बढ़े लिम्फ नोड्स
• सूजन तिल्ली
• गले में गले, जो एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के बावजूद बनी रहती हैं।
• सूजन टॉन्सिल, जो श्वास को प्रभावित कर सकती है।
• त्वचा के लाल चकत्ते
• बुखार
• थकान
• सरदर्द


कैसरिंग रोग के अनुपालन

• मेनिनजाइटिस, एन्सेफलाइटिस, गुइलेन-बैरी सिंड्रोम और तंत्रिका तंत्र की अन्य जटिलताओं।
तिल्ली का इज़ाफ़ा
• खून की कमी
• सूजन टॉन्सिल के कारण साँस लेने में कठिनाई
• हेपेटाइटिस और जंडीस जैसी लीवर की समस्याएं
• थ्रोम्बोसाइटोपेनिया
• मायोकार्डिटिस



पुरानी मोनोन्यूक्लिओसिस के लिए कोई विशेष होम्योपैथिक चिकित्सा नहीं है, होम्योपैथिक उपचार होम्योपैथिक चिकित्सक द्वारा किए गए विभिन्न उपायों के आसपास घूमता है ताकि लक्षणों को नियंत्रित करके पीड़ित रोगियों को राहत प्रदान किया जा सके।

कुछ होम्योपैथिक दवाएं ईबीवी के साथ क्रोनिक मोनोन्यूक्लियोटिक के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती हैं, क्योंकि ये दवा प्रभावी रूप से किसी भी दुष्प्रभाव या जटिलताओं के बिना रोग का प्रबंधन कर सकती हैं।

कुछ होम्योपैथिक दवाएं, जो विशिष्ट रूप से, ईबीवी के साथ क्रोनिक मोनोन्यूक्लिओसिस संक्रमण के प्रबंधन में बेहद उपयोगी साबित हो सकती हैं:

1 कार्बो-शाका, मैगेल-एल, सैर्कोलेक्टिक एसिड, नेट्रम -लल

2 चीन

3 मैगेल-एल

4 साराकोलिक एसिड

5 एन एट्र्रम -लल





Saturday 3 February 2018

प्रधानमंत्री ने एडवॉन्टेज असम - विश्व निवेशक शिखर सम्मेलन 2018 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने एडवॉन्टेज असम - विश्व निवेशक शिखर सम्मेलन 2018 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

असम : 3 फ़रवरी I प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज गौहाटी में एडवॉन्टेज असम - विश्व निवेशक शिखर सम्मेलन 2018 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

शिखर बैठक में प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर-पूर्व केंद्र सरकार की ऐक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है। उन्होंने आगे कहा कि ऐक्ट ईस्ट नीति आसियान देशों की जनता के साथ पारस्परिक जन संबंधों, व्यापारिक संबंधों एवं अन्य रिश्तों को बढ़ाने पर आधारित है।

प्रधानमंत्री ने भारत और आसियान की मित्रता के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हाल ही में आयोजित आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन का भी स्मरण किया। उन्होंने आगे कहा कि भारत और आसियान देशों के संबंध हजारों वर्ष पुराने हैं। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में 10 आसियान देशों के नेताओं का मुख्य अतिथि के रूप में स्वागत करना भारत के लिये प्रतिष्ठा का विषय था। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के संतुलित और तेज गति वाले विकास से भारत की विकास यात्रा को और ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का उद्देश्य लोगों के जीवन में गुणवत्तामय बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि इनका उद्देश्य 'जीवन को सरल बनाना है'।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में घोषित 'आयुष्मान भारत' योजना संपूर्ण विश्व में इस तरह की सबसे बड़ी योजना है। उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य बीमा योजना 45-50 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचायेगी। उन्होंने गरीबों को स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया कराने के लिये केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये अन्य कदमों का भी जिक्र किया।

श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार लागत व्यय को कम कर के और उचित मूल्य की व्यवस्था करके किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने किसानों के कल्याण के लिये केंद्र सरकार द्वारा उठाये अन्य कदमों का भी ब्योरा दिया।

प्रधानमंत्री ने लोगों को सस्ते घर मुहैया कराने के लिये सरकार द्वारा उठाये कदमों की जानकारी दी। उन्होंने एलईडी बल्बों के वितरण के लिये उजाला योजना का भी जिक्र किया जिसकी वजह से घरों के बिजली के बिल को काफी कम करने में मदद मिली है। उन्होंने राष्ट्रीय बांस अभियान के पुनर्गठन का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उत्तर-पूर्व के लिये बेहद महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के नौकरशाही ढांचे में सुधार से परियोजनाओं के अमल में काफी तेजी आयी है।

प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना के तहत उद्यमियों को गारंटी मुक्त कर्ज मुहैया कराने की दिशा में उठाये गये कदमों का जिक्र किया। उन्होंने केंद्रीय बजट में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम सेक्टर को करों में राहत दिये जाने की बात का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने काले धन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले तीन वर्षों में कई अहम आर्थिक सुधार किये हैं जिससे व्यापार करने की प्रक्रिया सरल हुई है। उन्होंने आगे कहा कि इन सुधारों के परिणाम स्वरूप विश्व बैंक द्वारा जारी व्यापार करने की सुगमता की रिपोर्ट के अनुसार 190 देशों के बीच भारत 42 स्थान चढ़ कर 100वें स्थान पर पहुंच गया है।

महान असमी संगीतकार भूपेन हज़ारिका को उद्धृत करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के सपनों को पूरा करना और 2022 तक एक नये भारत का निर्माण करना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री ने उत्तर-पूर्व क्षेत्र में परिवहन के एक नये बुनियादी ढांचे के विकास के लिये उठाये गये कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने राज्य में व्यवसाय और विकास के लिये मैत्रीपूर्ण वातावरण तैयार करने के लिये असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल को बधाई दी।
सूरजकुंड मेले की चौपाल पर बरसाने फूलो की होली का भव्य कार्यक्रम

सूरजकुंड मेले की चौपाल पर बरसाने फूलो की होली का भव्य कार्यक्रम

फरीदाबाद  3 फरवरी - थीम स्टेट उत्तर प्रदेश के मथुरा के कलाकारों द्वारा राधा कृष्ण के किरदार पर सूरजकुंड मेले की चौपाल पर बरसाने की फूलो की होली का भव्य कार्यक्रम पेश किया गया. जिसमे पिछले 20 वर्षो से साधना कर रही कलाकार गीतांजलि शर्मा ने राधा के किरदार में प्रस्तुत किया। इस भव्य प्रस्तुति से चौपाल पर पूरा माहौल राधा - कृष्णमय हो गया और लोग भक्ति में भाव विभोर हो गए मानो वह मथुरा के बरसाने में पहुंच गए हो.  यह महान कलाकार जहाँ स्वच्छ भारत की ब्रांड अम्बेस्डर है वहीँ इन्हे संगीत अकेडमी का सबसे बड़ा बिस्मिल्ला खान राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुका है. यही नहीं गीतांजलि को उत्तर प्रदेश का सबसे सर्वोच्च सम्मान यश भारती से भी नवाजा जा चुका है और आज गीतांजलि मथुरा के युवाओ और बच्चियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन चुकी है और उन्हें संगीत और नृत्य की शिक्षा भी दे रही है.  
 मेले की चौपाल पर बरसाने की मशहूर फूलो की होली का कार्यक्रम आज मशहूर कलाकार गीतांजलि शर्मा के नेतृत्व में प्रस्तुत किया गया जिसमे गीतांजलि ने राधा का किरदार निभाया। कलाकारों की इस प्रस्तुति से चौपाल पर पूरा माहौल राधा - कृष्णमय हो गया और  दर्शक बिना पलक झपकाए इस प्रस्तुति का आनंद लेते देखे गए. करीब 15 मिनिट तक लगातार दी गयी इस प्रस्तुति को देख दर्शको ने जमकर तालियां बजायी और भूरी - भूरी प्रशंसा की. 

ख़ास बातचीत करते हुए कलाकार गीतांजलि शर्मा ने बताया की वह पिछले 20 सालो से अपनी पप्रस्तुति दे रही है और अब तक वह तीन हजार से जायदा शो कर चुकी है. उन्होंने बताया की इंडियन मेथोलॉजी में कृष्ण और राधा का बड़ा ही ऊंचा स्थान है और उस रूप में परफॉर्म करना उतना ही मुश्किल है. मैं आज भी सीखने का प्रयास करती हूँ. इन सफल प्रस्तुतियों के लिए उसने बीस साल की साधना की है और वह सिर्फ यह किरदार नहीं निभाती बल्कि उस किरदार को दिल से जीती है तभी परफॉर्मेंस निकलकर आती है. 
अब तक की अपनी कहानी बयाँ  करते हुए गीतांजलि शर्मा ने बताया की बीस साल पहले जब मैंने इस क्षेत्र में कदम रखा तब मथुरा में कोई लड़की नृत्य नहीं करती थी. उस समय में नृत्य को अच्छा पेशा नहीं समझा जाता था. जिसके लिए उसे और उसके परिवार को बहुत कुछ सहना पड़ा. गीतांजलि ने बताया की पहले के दौर के मुकाबले आज का समय बिलकुल बदल गया है क्योंकि यह टीवी का ज़माना है. आज टीवी पर बहुत सारे डांस के लाइव शो आते है. जिसके चलते आज मथुरा में बहुत सारी बच्चियां इस कला को सीख रही है जिन्हे मैं सीखाती हूँ. लेकिन जब मैंने  सीखना शुरू किया था तब बहुत ही संघर्ष का समय था और यदि मैं उस संघर्ष से नहीं जूझती तो आज इस मुकाम पर नहीं होती। आज समाज का बड़ा योगदान रहा है मुझे मजबूत बनाने में. मैंने दिल से साधना की तो उसके बदले इश्वर ने मुझे आज बहुत कुछ दिया। 

ये सच है की सच्चे मन से साधना करने पर निश्चित रूप से फल मिलता है फिर चाहे वह योग साधना हो , इश्वर साधना , संगीत साधना हो या फिर किसी भी क्षेत्र की साधना हो. इसी साधना की वजह से मुझे बहुत सारे अवार्ड मिले है समाज में वो स्थान मिला है और सेलिब्रिटी का दर्जा मिला है. उन्होंने बताया की आज मैं स्वच्छ भारत की ब्रांड अम्बेस्डर हूँ और युवाओ और बच्चियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हूँ. इसके अलावा मुझे संगीत अकेडमी का सबसे बड़ा बिस्मिल्ला खान राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुका है. उसने बताया की यही नहीं उसे उत्तर प्रदेश का सबसे सर्वोच्च सम्मान यश भारती से भी नवाजा जा चुका है जिसके लिए वह अपने गुरुजनो के अलावा अपने माता पिता का सम्मान करती है जिनकी वजह से उसका जन्म इस धरती पर हुआ. 

गीतांजलि शर्मा - कलाकार ( उत्तर प्रदेश - मथुरा ) 

 वहीँ कृष्ण का किरदार निभाने वाले और गीतांजलि की शिष्या तन्वी शर्मा ने बताया की वह पिछले आठ साल से अपनी गुरु माँ गीतांजलि शर्मा के साथ परफॉर्म कर रही है और यह सब उसे उसकी गुरु  गीतांजलि ने सिखाया है. मेरी गुरु ने मुझे एक ही मूलमंत्र दिया था की जो भी करो वह दिल से करो नहीं तो बेशक मत करो. 

तन्वी शर्मा - कृष्ण का किरदार  निभाने वाली कलाकार 

चौपाल पर राधा कृष्ण की बरसाने वाली होली की प्रस्तुति देख दर्शक भी भाव विभोर हो गए और बिना पलक झपकाए इस प्रस्तुति का आनंद लेते देखे गए. दर्शको का कहना था की बरसाने की मशहूर फूलो की होली और कृष्णलीला देखकर उन्हें ऐसा लगा मानो वह सूरजकुंड में नहीं मथुरा - वृन्दावन के बरसाने में पहुंच गए हो. दर्शको ने इस प्रस्तुति की जमकर तारीफ की. 

Friday 2 February 2018

 विधायक अवतार भड़ाना के निवास पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

विधायक अवतार भड़ाना के निवास पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

फरीदाबाद 2 फरवरी - उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश की जनता को भय व भ्रष्टाचारमुक्त शासन देना सरकार का दायित्व होता है और जब से उत्तरप्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है, तब से कानून व्यवस्था को सुदृढ़ कर लोगों को भयमुक्त शासन उपलब्ध करवाने के लिए उनकी सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि किसी समय में उत्तरप्रदेश में गुंडागर्दी चरम पर होती थी परंतु उन्होंने प्रदेश के सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हुए है कि गुंडागर्दी व असामाजिक गतिविधियां किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, यही कारण है कि आज उत्तरप्रदेश एक शांतिप्रिय प्रदेश बन रहा है और यह प्रदेश आने वाले दिनों में भाईचारे एवं संस्कृतिक का प्रतीक बनकर उभरेगा। 

योगी आदित्यनाथ आज 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का शुभारंभ करने के उपरांत फरीदाबाद के पूर्व सांसद एवं मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अवतार सिंह भड़ाना के अनंगपुर स्थित निवास पर आयोजित स्वागत समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान विधायक एवं भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अवतार भड़ाना के नेतृत्व में गांव अनंगपुर की मौजिज सरदारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर करने के उपरांत अब उनका लक्ष्य प्रदेश में बदहाल शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर करना है। 

उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि प्रदेश में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, जबकि लोगों को इलाज के लिए धक्के न खाने पड़े। उन्होंने कहा कि इसको लेकर उनकी सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है और आने वाले समय में उन्हें उम्मीद है कि वह इस लक्ष्य को भी हासिल कर लेंगे। वहीं उन्होंने उत्तरप्रदेश में परीक्षाओं के दौरान होने वाली नकल को लेकर कहा कि परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए उचित बंदोबस्त किए गए है और अब नकल से नहीं बल्कि अक्ल से पास होने की जरुरत है वहीं प्रदेश सरकार से विकास को प्राथमिकता देते हुए हर वर्ग का समान विकास कर रही है। इस मौके पर विधायक पं. टेकचंद शर्मा, भाजपा नेता राजेश नागर, किशन ठाकुर सहित आसपास के क्षेत्रों के अनेकों गणमान्य लोग मौजूद थे। 


Sunday 17 December 2017

देश व प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जलवा कायम है :अवतार सिंह भड़ाना

देश व प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जलवा कायम है :अवतार सिंह भड़ाना


फरीदाबाद, 17 दिसम्बर। फरीदाबाद के पूर्व सांसद एवं भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने कहा है कि देश व प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जलवा कायम है। विपक्ष द्वारा लगातार किए जा रहे भ्रामक प्रचार का जवाब हिमाचल व गुजरात की जनता 18 दिसम्बर को सूूपड़ा साफ करके दे देगी। उन्होंने कहा कि दोनों प्रदेशों का चुनाव भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कुशल निर्देशन का परिणाम साबित होगा। उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि वह मोदी व शाह की नीतियों में विश्वास करते हुए भाजपा को मजबूती प्रदान करने का काम करें। श्री भड़ाना आज बसंतपुर में आयोजित विशाल जनसभा को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता तिगांव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहे वरिष्ठ नेता राजेश नागर ने की। जबकि इस अवसर पर इंडिया स्पोर्ट्स संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किशन ठाकुर विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद थे। जनसभा का आयोजन पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना के 61वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में पप्पी चेयरमैन व अनु भड़ाना द्वारा किया गया। सभा में श्री भड़ाना को सार्वजनिक तौर पर एक गऊ भेंट की गई। वहीं उन्हें क्षेत्र की जनता की ओर से पगड़ी बांधकर फूलों की 16 फुट बड़ी माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया।

सभा को सम्बोधित करते हुए श्री भड़ाना ने कहा कि गऊ, ब्राह्मण व गरीब की सेवा ही उनकी पहली प्राथमिकता रही है तथा शायद उन्होंने राजनीति से हटकर समाजसेवा के कार्यों में भी बढ़-चढक़र भाग लिया है। उनके परिजन भी गऊ, ब्राह्मण व गरीब की सेवा के लिए सदैव ही तत्पर रहते थे। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद को प्रदूषण व अपराध मुक्त बनाने के लिए हमेशा प्रयास किए है लेकिन पिछले कुछ दिनों से फरीदाबाद में अपराधों का ग्राफ बढ़ा है। जिसको लेकर उन्हें दिली आघात लगा है लेकिन वह फरीदाबाद को अपराधों की नगरी नहीं बनने देगें। इसके लिए वह शीघ्र ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर अपराधियों पर अंकुश लगवाने का काम करेगें।

सभा में तिगांव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहे राजेश नागर ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल के नेतृत्व में सबका साथ-सबका विकास की नीति पर अमल करते हुए विकास कार्यों को तवज्र्जो दी जा रही है। इसी का परिणाम है कि समूचे तिगांव विधानसभा क्षेत्र में कोई ऐसा कोना नहीं बचा जहां विकास कार्य न चल रहे हो। उन्होंने सभा की सफलता पर लोगों का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि वह बिना किसी भेदभाव के विकास कार्यो में कमी नहीं आने देगें। इससे पहले श्री भड़ाना ने आज बीके सिविल अस्पताल में गरीबों को भोजन भी करवाया और गऊशाला में गायों को चारा खिलाया।

इस अवसर पर श्री भड़ाना के साथ कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल के भतीजे अमन गोयल, पप्पी चेयरमैन, प्रहलाद शर्मा, प्रदीप भड़ाना, दीपक नागर, चरण सिंह अवाना, विकास ठाकुर, आशा तोमर सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।

Monday 13 November 2017

गर्भाशय फाइब्रॉएड के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथिक उपचार :डॉ अभिषेक कसाना

गर्भाशय फाइब्रॉएड के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथिक उपचार :डॉ अभिषेक कसाना

फरीदाबाद :14 नवम्बर I गर्भाशय फाइब्रॉएड के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथिक उपचार: -आज हम गर्भाशय फाइब्रॉएड, इसके आम लक्षण, इसके कारणों और होम्योपैथी उपचार के बारे में चर्चा करेंगे। होम्योपैथी के आधार पर प्राकृतिक उपचार प्राचीन होम्योपैथी साहित्य में वर्णित है। क्लासिकल होम्योपैथी उपचार लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है डॉ। अभिषेक एम.डी. आरु होमियोपैथी-भारत के अनुसार, अब एक दिन तनाव तनावपूर्ण, अस्वास्थ्यकर जीवन शैली और आहार पैटर्न से भरा है। हम रासायनिक अमीर भोजन की संभावना रखते हैं, जिसमें सब्जियां और फलों पर हार्मोन स्प्रे शामिल हैं। कैरियर लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए युवा महिला गर्भावस्था से बचते हैं यह सब हार्मोनल असंतुलन की ओर जाता है- जिसके परिणामस्वरूप पीएमएस और फाइबॉइड होते हैं।

रेशेबाइड उपचार के लिए सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथी चिकित्सा

गर्भाशय फाइब्रॉएड: - लोइयोओमामास, गर्भाशय के मायोमास या फाइब्रोमा गैर-कैंसरयुक्त, सौम्य ट्यूमर के रूप में भी जाना जाता है जो या तो गर्भाशय की दीवार के बाहर या गर्भाशय की दीवार के भीतर हो सकती हैं। फाइब्रॉएड तंतुमय संयोजी ऊतक और चिकनी पेशी कोशिकाओं से बना होते हैं, जो गर्भाशय में बनते हैं। फाइब्रॉएड अपनी प्रजनन काल के दौरान एक महिला का सबसे आम ट्यूमर है। नैदानिक ​​अध्ययन के अनुसार, यह घटना बच्चे की उम्र बढ़ने वाली महिला समूह में सबसे आम होती है। रेशेबाइंड आकार छोटे बीज से होते हैं - नग्न आंखों से अनकनेस्ड एक फुटबॉल के बड़े आकार के लिए।

फाइबॉइड के तथ्य: -
 महिलाओं में बहुत आम है, कई मादाएं प्रजनन काल के दौरान गर्भाशय फाइब्रॉएड की समस्या का सामना करती हैं।
यह एक रबरयुक्त द्रव्यमान है, जो कैंसर रहित नहीं है, जो या तो गर्भाशय के बाहर या अंदर बढ़ते हैं।
कोई निश्चित कारण ज्ञात नहीं है
आम तौर पर कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन यदि अत्यधिक वृद्धि हो जाती है तो अत्यधिक रक्तस्राव या दर्द के कारण होता है।
 यूएसजी और पेल्विक परीक्षा के माध्यम से निदान किया जा सकता है
संतुलित आहार और सही जीवन शैली के साथ होम्योपैथी चिकित्सा सर्वोत्तम उपचार दे सकती है।


रेशेदार के प्रकार:
  1.    उप मुक्कोल
  2.   Intramucosal
  3.   उप serousl
  4.     Pedunculated
  5.   सरवाइकल
  6.    Interligamentous



फाइबॉइड के कारण:
  1. पारिवारिक इतिहास और आनुवंशिकता शीर्ष कारण है
  2. हार्मोन असंतुलन: प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन फाइब्रॉएड विकास के लिए जिम्मेदार दो महिला हार्मोन हैं। फाइब्रॉएड में गर्भाशय की मांसपेशियों की तुलना में अधिक प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन रिसेप्टर्स हैं। इसका कारण यह है कि रेशेदार होने के बाद रेशेदार आमतौर पर गायब हो जाते हैं या फिर सिकुड़ते हैं।



Fibroid के लक्षण:
  1. भारी गर्भाशय रक्तस्राव
  2. माहवारी के दौरान लंबे समय तक गर्भाशय खून बह रहा है।
  3. गर्भपात
  4. बार-बार या अनियमित अवधि
  5. लगातार पेशाब आना
  6. संभोग के दौरान दर्द
  7. पीठ दर्द
  8. कब्ज
  9. गैर चक्रीय श्रोणि दर्द
  10. मासिक धर्म के दौरान ऐंठन
  11. भार बढ़ना।
  12. निचले पेट में सुस्त दर्द और बेचैनी
  13. गर्भपात
  14. रेशेबाइट उपचार के लिए शीर्ष होम्योपैथी चिकित्सा का इस्तेमाल किया गया



  • कैलेकेरा कार्बोनिका: - गर्भाशय के फाइब्रॉएड का इलाज करने के लिए होम्योपैथिक औषधीय कैलिवेरिया कार्बोनिका सबसे अच्छा उपाय है। यह उन महिलाओं के लिए अत्यधिक उपयुक्त है जो अधिक वजन वाले हैं या जिनकी मार्स बहुत लंबी अवधि के लिए हैं


  • थ्लस्पी बर्सा पास्तारीस: - फाइब्रॉएड गर्भाशय के इलाज के लिए एक अन्य होम्योपैथिक दवा का मामला इस मामले में निर्धारित किया जाता है जब शॉर्ट सर्दियों के दौरान मासिक धर्म बहुत बार प्रकट होता है अधिकांश मामलों में, महिलाओं को अक्सर समस्या से पीड़ित होता है, गर्भाशय में दर्द में दर्द होता है और मास्टर्स के दौरान पीठ दर्द होता है। और ऐसी स्थितियों के लिए थ्लस्पी बर्सा पादरीस सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथी दवा है


  • फ्रैक्सिनस अमरीकाना: फ्रैक्नसिनस अमेरिकािया एक और सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक होम्योपैथिक दवा है, जो उन महिलाओं के लिए निर्धारित है जिन्होंने मासिक धर्म के खून बहने के साथ पैरों में सनसनी या ऐंठन के बारे में शिकायत की।


  • ट्रिलियम पेंडुलम: - फाइब्रॉएड से निपटने के लिए होम्योपैथी में यह सर्वोच्च दवा में से एक है। बेहोशी मंत्र के साथ गर्भाशय से अत्यधिक रक्तस्राव में यह प्रभावी है।


  • अमोनियम कार्बोनिकम: -यह एक अन्य होम्योपैथिक चिकित्सा है जिसे फाइब्रॉएड समस्या को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है। जब रक्त काले रंग में दिखता है, उस समय में मासिक धर्म के समय में घिरी हुई और अत्यंत लाभदायक होता है, यह दवा एक आश्चर्यजनक जादू के रूप में काम करती है। मेनोरेरिया के दौरान जांघों में अत्यधिक दर्द का इलाज करने के लिए यह दवा प्रभावी काम करती है।


  • काली कार्बोनिकम: काली कार्बोनिकम सबसे अच्छा राहत है जब गर्भाशय से खून बहना बहुत लंबी अवधि के लिए जारी रहता है और जब यह पीठ दर्द का कारण बनता है


  • फेरम मेटालिकम: -फराम मेथलिकिकम एक ऐसी दवा है, जो कि फाइब्रोइड के कारण गर्भाशय से अत्यधिक रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस दवा ने अपना सबसे अच्छा परिणाम दिखाया है जब गर्भाशय से हल्के और पानी के प्रवाह का अत्यधिक रक्त होता है।


  • Ipecacuanha: - यह एक अन्य होम्योपैथिक उपाय काम प्रभावी रूप से menorrhagia मामलों के इलाज के लिए फाइब्रॉएड के मामले में है।


  • सिंचोना ऑफफेंटलिस और फेरम फास्फोरिकम: - दोनों सिंकोना ऑफिजिनालिस और फेरम फॉस्फोरिकम अनीमिया वाले रोगियों में रेशेबाइवर का इलाज करने के लिए उत्कृष्ट होम्योपैथिक दवाएं हैं। यह फाइब्रॉएड से पीड़ित महिलाओं में हीमोग्लोबिन गिनती में सुधार करने में मदद करता है। यह दवा उन महिलाओं के लिए आश्चर्यजनक वर्तनी होती है जिनके रक्तगट के अत्यधिक नुकसान के कारण हीमोग्लोबिन गिनती बहुत अधिक हो गई है।

Sunday 29 October 2017

Jaspal Rana's Son Yuvraj and Daughter Devanshi Rana Clinched Gold Medal in Delhi

Jaspal Rana's Son Yuvraj and Daughter Devanshi Rana Clinched Gold Medal in Delhi

NEW DELHI : 29 OCTOBER (NATIONAL24NEWS) Ace Shooter Jaspal Rana's son Yuvraj Singh Rana and daughter Devanshi Rana both are performing well in the shooting championships. Devanshi won a Gold medal in 10 meter pistol junior women event of 1st South Delhi Distt. Open Shooting Competition with a good score of 381 at Sirifort sports complex shooting range, while Yuvraj won gold medal in 10 meter pistol youth men event with 363 score. Shooter Ronjan Sodhi's wife and the famous nutritionist Ruchika Sodhi sponsored the competition and offered her free services to the medal winners of this shooting championship. 

According to Anupam Kamal, President of SDDRA, this association was established to promote shooting sports amongst youth and adults with the uniqueness that it is governed by national-level and renowned shooters in various rifle, pistol and shotgun events, with all office-bearers being medal-winners in shooting at either State, Zonal or National level! The unwavering support by Shri Jaspal Rana, Chairman and Shri Rajiv Sharma, Hony. Secretary of Delhi State Rifle Association was instrumental in organising and conducting this competition.

The day-long competition fulfilled the association’s basic objectives as it saw participation by enthusiastic shooters – the youngest being 9 years old and the eldest 64 years. The competition was graced by several dignitaries who gave away prizes to the winners.  Shri Santosh Pal, Leader of the House, EDMC; Shri NS Rana, a sports veteran and first sports minister of Uttarakhand, Chhaya Adak, Arjuna Awardee and Shri Jaspal Rana, Padmashree, Arjuna Awardee and Chief Coach of the Indian Junior Pistol Team, were amongst those present. 

According to Nishant Mangla, General Secretary of SDDRA, there were more pistol shooters than rifle shooters.  In the men’s Pistol events, according to their respective age categories, the gold medal winners were Yuvraj Singh Rana, Shaurya Sarin, Suraj Bhambhani and Jagroop Singh. Silver medal winners were Agneya Kaushik, Siddharth Rawat, Sanskar Gupta, and Kabeer Arif. Bronze medal winners were Shrey Sarin, Ayush Bhatt, Aditya Garg, and Anurag Khanna. The Senior & Veteran category (aged 40+) the gold medal was won by none other than the President of SDDRA, Anupam Kamal, silver medal by Arjun Chandra and bronze by Ishwinder Jit Singh.

In the men’s Rifle events, the gold medal winners were: Soham Garg, Mohd Sufian Ahmed, Mirza Mohd Mustafa; the Silver medal winners were: Dhruv Singh and Nitesh Prakash; and Bronze medal winners were: Devyansh Shandilya, Deepak Kumar Saini.

In the women’s Pistol events, the gold medal winners were: Parnika Bhalla, Mahima Singh, Devanshi Rana, Lovleen Kaur and Nirmal Yadav. Silver medal winners were: Prarthana Khanna, Rishika Verma, Aarzoo Saifi and Amandeep Kaur Dhawan. The Bronze medal winners were: Naaz Khan, Maria Tausif and Kim Michael.  In the women’s Rifle events, the gold medal winners were: Sohni Gujral, Jahnvi Madan and Kapila Dabas, while the Silver medal winner was Manya Bhargava.

The President of SDDRA was also presented with the NAGRI Cup by Capt. Rakshi Sharma and Abhijeet Singh of the National Association for Gun Rights India for the promotion of shooting sports.  Besides this Rolling Trophy, prize money will be awarded to best shooting teams of Delhi. The SDDRA plans to conduct such Open Shooting Competitions every quarter and include the youngsters in the 10-12 age groups as well. 

The South Delhi District Rifle Association (SDDRA), a non-profit registered shooting association affiliated to the Delhi State Rifle Association, conducted its first South Delhi District Open Shooting Competition 2017 in Air Pistol and Air Rifle events at the Siri Fort Sports Complex (Shooting Range) on 28 October 2017

Tuesday 25 April 2017

ट्रक की टक्कर से तीन छात्रों की मौत

ट्रक की टक्कर से तीन छात्रों की मौत


मुरादाबाद;25 अप्रैल(National24news.com) जनपद में आज सुबह हुए एक सड़क हादसे में तीन कॉलिज छात्रों की दर्दनाक मौत हो गयी। तीनों छात्र एक बाइक से मुरादाबाद हिन्दु कॉलिज पेपर देने जा रहे थे।जिसमे दो छात्र मुरादाबाद हिन्दु कॉलिज में बी,ऐ,फस्ट ईयर के छात्र है बही तीसरा छात्र किसी निजी काम से मुरादाबाद आ रहा था । भगतपुर थाना क्षेत्र के मानपुर रोड पर छात्रों के साथ सड़क हादसा उस वक्त हुआ जब सामने से आ रहे अनियंत्रित ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी। 

टक्कर इतनी भीषण थी की बाइक सवार तीनों छात्र सड़क पर कई मीटर तक घसीटते चले गए। हादसे की सुचना मिलते ही स्थानीय लोगो ने छात्रों को इलाज के लिए भेजने की कोशिस की लेकिन तब तक तीनों छात्र दम तोड़ चुके थे ।मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है। हादसे में मृत दो छात्र भदग्वा गांव के रहने वाले है जबकि एक छात्र कचनाल गांव का रहने वाला है। पुलिस ने तीनो शवो को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है हादसे के बाद पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है। भगतपुर एसओ केशव कुमार ने बताया कि ट्रक को पकड़ लिया है साथ ही ड्राइवर को भी छात्रों के शव का पंचनामा कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।