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Sunday 10 May 2020

मुख्यमंत्री की औद्योगिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक : आईएमएस‌एम‌ई ऑफ इंडिया ने दिए कई सुझाव : राजीव चावला

मुख्यमंत्री की औद्योगिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक : आईएमएस‌एम‌ई ऑफ इंडिया ने दिए कई सुझाव : राजीव चावला

फरीदाबाद: 10 मई । हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने उद्योग प्रबंधकों को आश्वस्त किया है कि लाक डाउन के कारण बंद पड़े औद्योगिक संस्थानों को पुनः आरंभ कराने की प्रक्रिया में यथासंभव सहयोग दिया जाएगा। यहां प्रदेश के औद्योगिक प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने बिजली संबंधी बिल जमा कराने की अंतिम तिथि 15 मई से बढ़ाकर 31 मई तक करने की घोषणा की। इसके साथ ही उपभोक्ताओं द्वारा दिए गए सिक्योरिटी डिपाजिट का दो माह का ब्याज आगामी बिलों में एडजस्ट किया जाएगा। फिक्स्ड एनर्जी चार्ज में दी गई 25% राहत की अवधि भी 2 माह से बढ़ाकर 3 माह तक करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की। मुख्यमंत्री ने वेतन के लिए दिए जाने वाले ऋण पर 6 माह तक तक 8% ब्याज दर सरकार द्वारा देने की घोषणा को भी दोहराया। औद्योगिक प्रतिनिधियों की विभिन्न मांगों पर मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि औद्योगिक प्रगति के लिए सरकार अपनी सकारात्मक नीति जारी रखेगी। आई एम एसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला द्वारा प्रदेश की औद्योगिक नीति में जिस सब्सिडी को कुछ जोन के लिए दिया जाता है, उसे सभी जोन में लागू करने की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में विचार विमर्श कर नई नीति में लागू किया जाएगा।

हरियाणा व दिल्ली के बीच आवागमन की अनुमति देने हेतु मूवमेंट पास जारी करने की मांग करते हुए श्री चावला ने कहा कि हरियाणा से कुछ लोगों को दिल्ली मूवमेंट के लिए अनुमति दी जानी चाहिए ताकि औद्योगिक गतिविधियों को गति मिल सके। चावला ने उद्योगों से जुड़े प्रतिष्ठानों व रॉ मेटीरियल उपलब्ध कराने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति भी देने का आग्रह मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से किया।  चावला ने वेतन के लिए बैंक ऋण पर सरकार द्वारा छह माह के लिए ब्याज देने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निश्चित रूप से उद्योगों को काफी राहत मिलेगी। विभिन्न प्रदेशों के श्रमिकों द्वारा हरियाणा में वापस काम पर लौटने पर क्वांरटाईन समय में उनके रहने की व्यवस्था करने की मांग को भी मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया। इसके साथ साथ श्री चावला ने एमएसएमई सेक्टर के लिए विशेष प्रमोशन पॉलिसी क्रियान्वित करने का आग्रह भी प्रदेश सरकार से किया। चावला ने कहा कि कोरोनावायरस के कारण जो स्थिति रही उससे कई व्यवसायों में बिजनेस के कंसेप्ट बदलेंगे, जिन्हें सहयोग देने के लिए प्रभावी नीति बनाई जानी चाहिए। इसके साथ-साथ विभिन्न विभागों से संबंधित समस्याओं व शिकायतों के तुरंत समाधान के लिए नीति तैयार करने, वैट रिफंड को तुरंत मुहैया कराने का आग्रह भी प्रदेश सरकार से किया गया।

 लॉक डाउन के कारण उद्योगों पर पड़े नाकारात्मक प्रभाव का जिक्र करते हुए श्री चावला ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर को सरल वित्तीय सहायता के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए, इसके साथ ही प्रदेश सरकार से आग्रह किया गया कि वह केंद्र सरकार से एमएसएमई सेक्टर के लिए इकनोमिक पैकेज की मांग करें ताकि हरियाणा के औद्योगिक विकास को पुनः तीव्र गति प्रदान की जा सके। वीडियो कांफ्रेंस में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सहित मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व उद्योग व श्रम सहित लगभग सभी विभागों के उच्च अधिकारियो की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। लगभग 3 घंटे चली इस मीटिंग में औद्योगिक प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे गए ताकि प्रदेश के औद्योगिक विकास को पुनः नई गति प्रदान की जा सके।

एमएसएमई सेक्टर को पुनः आरंभ करने के लिए स्मार्ट पैकेज की घोषणा करें : जेपी मल्होत्रा

एमएसएमई सेक्टर को पुनः आरंभ करने के लिए स्मार्ट पैकेज की घोषणा करें : जेपी मल्होत्रा

फरीदाबाद : 10  मई । डीएलएफ इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान श्री जेपी मल्होत्रा ने मौजूदा समय में एमएसएमई सेक्टर के समक्ष आ रही वित्तीय समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए इस संबंध में बैंकों व वित्तीय संस्थानों को यह निर्देश देने का आग्रह किया है कि वह एमएसएमई सेक्टर को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने में तत्परता से कार्य करें। श्री मल्होत्रा के अनुसार लाक डॉउन के दौरान उद्योगों में कार्य आरंभ करने की प्रक्रिया में काफी समस्याओ का सामना उद्योगों को करना पड़ रहा है।

 आपने बताया कि बैंक एमएसएमई इकाइयों को वित्तीय सहायता देने से संकोच कर रहे हैं जबकि आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि बड़े उद्योगों की तुलना में लाक डाउन आरंभ होने के समय तक एमएसएमई इकाइयों का एनपीए रेट 20% की तुलना में 12% ही था।  श्री मल्होत्रा के अनुसार एमएसएमई सेक्टर को 1800000 करोड रुपए के क्रेडिट देने की व्यवस्था की जानकारी भी मिली है, जोकि बड़े उद्योगों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का एक तिहाई ही है।  श्री मल्होत्रा के अनुसार आवश्यकता इस बात की है कि एमएसएमई सेक्टर के लिए एक स्पष्ट नीति क्रियान्वित की जाए और वित्तीय संस्थानों तथा बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि वे एमएसएमई सेक्टर की मांग के अनुरूप उन्हें तत्परता से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएं। मल्होत्रा के अनुसार एमएसएमई सेक्टर को वर्तमान में श्रमिकों का वेतन, संस्थान में मेंटेनेंस, बिजली और एनर्जी बिल देने के लिए वित्त की काफी आवश्यकता है, ऐसे में यदि एमएसएमई सेक्टर को वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाती तो इस सेक्टर के समक्ष आर्थिक चुनौतियां और अधिक बढ़ जाएंगी जिससे निपटना कठिन नहीं नहीं नहीं असंभव होगा। श्री मल्होत्रा ने बताया कि उद्योगों में उत्पादन पुनः आरंभ करने से पहले एमएसएमई सेक्टर को संस्थान में मेंटेनेंस का कार्य करना है, सैनिटाइजेशन पर ध्यान देना है और इसके साथ सोशल डिस्टेंस के लिए कार्य करते हुए स्वच्छता संबंधी प्रावधानों पर ध्यान दिया जाना जरूरी है और इन सब कार्यों के लिए भी वित्तीय सहायता आवश्यक है। श्री मल्होत्रा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से भी आग्रह किया है कि वह एमएसएमई सेक्टर को पुनः आरंभ करने के लिए स्मार्ट पैकेज की घोषणा करें। आपने इसके साथ-साथ श्रमिकों के अप्रैल माह का वेतन जो कि एमएसएमई सेक्टर के लिए एक बड़ी समस्या है, पर ध्यान देने और इसे ईएसआईसी या अन्य फंड द्वारा देने की मांग भी की है।

श्री मल्होत्रा के अनुसार एमएसएमई सेक्टर के लिए सरकार द्वारा जो नीतियां घोषित की गई है, उन्हें तुरंत प्रभाव से क्रियान्वित किया जाना चाहिए ताकि लाक डाउन के कारण बंद औद्योगिक गतिविधियां को पुनः आरंभ कराने की योजना को वास्तविकता में मूर्त रूप मिल सके। श्री मल्होत्रा ने डीएलएफ इंडस्ट्रियल एसोसिएशन व कंफरडेशन ऑफ फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से भी उद्योगों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु प्रभावी पग उठाने का आग्रह किया है।  श्री मल्होत्रा का मानना है कि इससे जहां रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, वही पलायन कर रहे श्रमिकों को भी रोका जा सकेगा। श्री मल्होत्रा ने इसके साथ-साथ एसोसिएशन के सभी सदस्यों व उद्योग प्रबंधकों से भी आहवान किया है कि वे अपने संस्थानों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सुरक्षा प्रबंधों पर ध्यान दें और सैनिटाइजेशन तथा सुरक्षा संबंधी अन्य मानक अवश्य अपनाएं।  एसोसिएशन के महासचिव श्री विजय राघवन ने श्री मल्होत्रा की मांग व विचारों का समर्थन करते हुए जिला उपायुक्त श्री यशपाल यादव के उन निर्देशों का स्वागत किया है जिसमें कहा गया है कि जब जिला स्तरीय की टीम किसी उद्योग में विजिट करती है तो उसके साथ स्थानीय एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं। सर्वश्री जेपी मल्होत्रा व विजय राघवन के अनुसार जिला उपायुक्त का यह निर्णय परस्पर विश्वास को बढ़ाएगा और प्रशासन तथा उद्योग प्रबंधक पुलिस व चिकित्सा वर्ग के सहयोग से कोरोना वायरस से निपटने में निश्चित रूप से सफल रहेंगे।

Friday 8 May 2020

दिल्ली-हरियाणा के बीच मूवमेंट के लिए अनुमति प्रदान की जाए : राजीव चावला

दिल्ली-हरियाणा के बीच मूवमेंट के लिए अनुमति प्रदान की जाए : राजीव चावला

फरीदाबाद 8 मई । आईएमएसएमई ऑफ इंडिया ने हरियाणा व केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि लॉक डाउन के दौरान मूवमेंट संबंधी अनुमति का दायरा बढ़ाया जाए और इसे विशेषकर दिल्ली के लिए अधिकृत किया जाए। आईएमएसएमई के चेयरमैन श्री राजीव चावला ने बताया कि इस संबंध में मुख्य सचिव व प्रधान सचिव उद्योग विभाग के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में आग्रह किया गया है कि मूवमैंट के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने की अनुमति भी दी जानी चाहिए और कुछ मूवमेंट पास जारी किए जाने चाहिए ताकि हरियाणा बदली के बीच सीमित संख्या में लोग आवाजाही कर सकें। कहा गया है कि इसके बिना उद्योग व व्यापार को चला पाना संभव नहीं हो रहा है।

श्री चावला के अनुसार जिस प्रकार सरकार ने लॉक डॉउन के दौरान आर्थिक गतिविधियों को गति देने की प्रक्रिया आरंभ की है, वह सराहनीय है परंतु इसका थोड़ा सा और विस्तार किया जाना चाहिए ताकि इसका लाभ सभी वर्गों को मिल सके। चावला ने इसके साथ-साथ उन दुकानों व प्रतिष्ठानों को भी खोलने की अनुमति देने का आग्रह किया है जो उद्योगों को रा मेटेरियल या अन्य सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। आपने सरकार द्वारा 10 श्रमिकों तक के साथ उद्योग में कार्य आरंभ करने की अनुमति देने की जहां सराहना की है, वही श्री चावला ने उद्योग प्रबंधकों से भी आह्वान किया है कि वे बिना अनुमति के कार्य ना करें। आपने इसके साथ-साथ औद्योगिक संस्थानों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों की पालना को सुनिश्चित करने का भी आह्वान भी किया है।

Wednesday 22 April 2020

फरीदाबाद चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने लिखा पत्र  , एमएसएमई सेक्टर को विशेष प्रोत्साहन देने का आग्रह : एच. के. बत्रा

फरीदाबाद चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने लिखा पत्र , एमएसएमई सेक्टर को विशेष प्रोत्साहन देने का आग्रह : एच. के. बत्रा

फरीदाबाद : 22 अप्रैल I फरीदाबाद। वैश्विक महामारी कोरोना से जहां आज पूरा विश्व प्रभावित है वही सूक्ष्म लघु एवं मध्य स्तरीय उद्योगों में भी इस महामारी की मार साफ तौर पर देखी जा सकती है। इन उद्योगों को इस महामारी की मार से राहत दिलाने के उद्देश्य से फरीदाबाद चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रधान एच.के. बत्रा ने आज केंद्र व राज्य सरकारों से गुहार लगाई है कि इन उद्योगों को कुछ राहत दी जाए ताकि यह उद्योग इस महामारी के बाद भी सुचारू रूप से चल सके। गत दिनों हुई फिक़्क़ी कार्यकारिणी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में सभी सदस्यों के साथ चर्चा के दौरान बहुत से सुझाव सामने आए उनके आधार पर जारी अपने 10 सूत्रीय मांग पत्र में एच. के. बत्रा और  महासचिव आशीष जैन ने  मांग की है कि सरकार को उन लगभग 14 हजार लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों को भी अपना व्यवसाय करने की इजाजत देनी चाहिए जिनके पास सभी प्रकार के लाइसेंस है तथा जो सभी प्रकार के टैक्स राज्य में केंद्र सरकारों को दे रहे हैं लेकिन वह मान्यता प्राप्त उद्योगी क्षेत्रों में नहीं है। इसके साथ ही फिक्की के प्रधान एच.के. बत्रा ने मांग की है कि जो इस वैश्विक महामारी के कारण उद्योग चलाने के लिए नई गाइड लाइन जारी की गई है 
उनमें जिस प्रकार से किसी मजदूर कोराना होने की स्थिति में उद्योगपति के खिलाफ मामला दर्ज करने का प्रावधान किया है उसको वापस लिया जाए क्योंकि इससे उद्योगपतियों में दहशत व्याप्त है। एच के बत्रा ने वैश्विक महामारी के दौरान इन कारखानों में कार्यरत मजदूरों व स्टाफ के वेतन को लेकर भी तीन सुझाव सरकारों को दिए हैं श्री बत्रा के अनुसार या तो सरकार और उद्योगपति दोनों 50-50 प्रतिशत वेतन सांझा करें या फिर सरकार उद्योगपति तथा कर्मचारी तीनों 33-33 प्रतिशत वेतन सांझा करें और उद्योगपति मजदूरों को नुकसान होने वाले इस 33% वेतन को आगे ओवरटाइम में एडजेस्ट कर दे यही नहीं एच के बत्रा ने यह भी सुझाव दिया है कि फिलहाल प्रत्येक कर्मचारी को उद्योगपति 25-100 प्रति परिवार के हिसाब से भोजन के लिए दे दे और फिर जब उद्योग निकट भविष्य में पूर्ण रूप से काम करने लगेंगे तो सुरेश वेतन का भुगतान कर दिया जाए।

जारी प्रेस विज्ञप्ति में फिक्की प्रधान ने सरकार से अनुरोध किया है कि वर्किंग कैपिटल तथा उद्योगों के लोन पर ब्याज को जून माह तक हटाया जाए इसके साथ ही वर्किंग कैपिटल को 25 प्रतिशत तक बिना किसी अतिरिक्त जमानत के बढ़ा दिया जाए। इसी प्रकार उन्होंने सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड के लिए सरकार ने जो 100 कर्मचारियों की सीमा तय की है उसको 250 किया जाए और इसमें 90% कर्मचारी 15000 प्रति माह के वेतन वाले होने चाहिए की शर्त को भी हटाया जाए साथ ही उन्होंने इस योजना को भी 30 जून तक बढ़ाने की मांग की है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में एच.के. बत्रा ने सरकार से मांग की है कि अगले 3 माह तक अर्थात 30 जून तक बढ़ाया जाए। उन्होंने सरकार से मांग की कि अगले 3 माह तक बिजली के बिल फिक्स भेजे जाने चाहिए। उन्होंने 9 रूपये प्रति किलो वाट बिजली की दर को घटाकर 5 रूपये प्रति किलो वाट करने की भी मांग की उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के लिए आयकर की दर भी सरकार को घटा नहीं चाहिए। वही व्यवसायिक वाहनों के इंश्योरेंस तथा परमिट को भी 15 महीने बढ़ाने की मांग एच.के. बत्रा ने सरकार से की है।

Friday 3 April 2020

जेसीबी इंडिया ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ साझेदारी

जेसीबी इंडिया ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ साझेदारी

 फरीदाबाद : 3 अप्रैल : अर्थमूविंग एवं कंस्‍ट्रक्‍शन इक्विपमेंट बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी, जेसीबी इंडिया लिमिटेड ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, फरीदाबाद के साथ साझेदारी की है। इस परियोजना को जेसीबी इंडिया के सीएसआर इनिशिएटिव से आंशिक रूप से वित्‍त घोषित  किया जाएगा। कंपनी पीपीई, दवाइयां, टेस्टिंग किट, सिक्युरिटी सूट्स तथा डॉक्टरों और स्वास्थ्य रक्षा में जुटे कर्मचारियों के लिए कंज्‍यूमेबल्‍स बनाने हेतु फंड जुटाने के लिए पूरी तरह से  प्रतिबद्ध है। इससे कोविड-19 प्रकोप के दौरान फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में इस बीमारी से प्रभावित मरीजों को पूरी तरह से मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारियों में संयुक्त रूप से तेजी आएगी।  

जेसीबी इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक सुबीर कुमार चौधरी ने इस साझेदारी पर टिप्‍पणी करते हुए कहा, “हमने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने, उसके प्रभाव को कम से कम करने के लिए कई स्तरों पर एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ मिलकर रणनीति बनाने की शुरुआत की है ताकि कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की मदद की जा सके। कंपनी के मूल्यों को ध्यान में रख कर यह रणनीति अपने संचालन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों की मदद करने के लिए तैयार की गई है। हमें पूरा विश्वास है कि इस साझेदारी से फरीदाबाद के लोगों को कोरोनावायरस के इलाज के लिए जरूरी सहयोग मिलेगा, जहां भारत में हमारा मुख्‍यालय स्थित है। हम इस तरह की पहल को अन्य क्षेत्रों में भी करने के बारे में सक्रियता से सोच रहे हैं, जहां हमारी दूसरी फैक्ट्रियां स्थित हैं। एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज फरीदाबाद में सबसे बड़ा प्राइवेट अस्पताल है, जिसकी क्रिटिकल केयर यूनिट सबसे बड़ी है जोकि हरियाणा से लेकर पलवल, होडल और मेवात तक को कवर करती है। इसलिए यह महत्‍वपूर्ण है कि कोरोना वायरस की संभावित थर्ड स्टेज में इस क्षेत्र के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए इस अस्पताल में भेजा जाएगा।

एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. एन. के. पांडे ने बताया, “हमने फिलहाल हमारे इमरजेंसी फ्‍लोर को कोविड-19 ट्राइएज और आइसोलेशन सेंटर में बदल दिया है (इस तरह यह वॉर्ड अस्पताल के बाकी विभागों से अलग है)। यहां कम, ज्‍यादा और बहुत ज्‍यादा गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों के लिए अलग-अलग क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में कम से कम 14 दिन की शिफ्ट करने वाले सभी स्टाफ कर्मियों को आवासीय सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। इस फ्लोर को आधुनिक मेडिकल उपकरणों और सपोर्ट सिस्टम जैसे वेंटिलेटर्स, सीपीएपी, बीआईपीएपी, डिफिब्रिलेटर्स, ब्रोकेंस्कोपी और एक्सरे जैसी सुविधाओं से पहले से ही लैस किया जा चुका है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी और गंभीर कदमों के अलावा हम यहां पर कोरोना वायरस के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी कर रहे हैं।” 

जेसीबी इंडिया के विषय में :
जेसीबी इंडिया लिमिटेड भारत में पिछले चार दशकों से अर्थमूविंग एवं कंस्‍ट्रक्‍शन इक्विपमेंट की अग्रणी विनिर्माता है। इसकी फरीदाबाद (बल्‍लभगढ़), पुणे और जयपुर में विनिर्माण सुविधायें हैं। कंपनी हमेशा से अपनी सभी फैक्ट्रियों के आसपास रहने वाले समुदायों के प्रति प्रतिबद्ध रही है। भारत में जेसीबी इंडिया ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम का प्रतीक है। वर्तमान में यह आठ श्रेणियों में 60 से ज्यादा अलग-अलग प्रॉडक्ट्स का निर्माण करती हैं। इन उत्‍पादों को 100 से ज्यादा देशों को निर्यात किया जाता है। जेसीबी का यूके से बाहर पुणे में सबसे बड़ा डिजाइन सेंटर है जहां ये भविष्‍य के लिए आकर्षक नई तकनीकों को विकसित करती है। यह उत्‍पादन में महिलाओं को शामिल करने में भी अग्रणी है और इसकी जयपुर फैक्‍ट्री में शॉप कर्मचारियों में लगभग 34 प्रतिशत महिलाएं हैं। अपनी सीएसआर पहलों के माध्‍यम से, जेसीबी इंडिया समुदायों के साथ भी काम कर रहा है ताकि एक बेहतर जिंदगी को बढ़ावा दिया जा सके। वर्ष 2000 में लेडी बैमफोर्ड चैरिटेबल ट्रस्‍ट (एलबीसीटी) सेट-अप ने अपनी बल्‍लभगढ़ फैक्‍ट्री के पास एक स्‍कूल की मदद कर कंपनी की सीएसआर यात्रा को आरंभ किया। लगभग दो दशक बाद कंपनी की सीएसआर पहलों ने तीन इन-हाउस फाउंडेशन और चार सस्‍टेनेबल डेवलपमेंट गोल्‍स का विस्‍तार किया, और उन समुदायों तक पहुंच बनाई जिसमें महिलायें, किशोर लड़कियां, बच्‍चे, गांव के कारीगर और युवा शामिल हैं।

ये पहलें 15 हजार से अधिक स्‍टूडेंट्स तक पहुंच बनाती हैं और उन्‍हें क्‍वालिटी एजुकेशन प्रदान करती हैं। साथ ही बाजार पहुंच एवं उत्‍पादन दक्षताओं के साथ 2,000 से अधिक कारीगरों एवं महिला समूहों को भी कवर करती हैं। इसके द्वारा 50 पंचायतों को भी सहयोग दिया जा रहा है और उन्‍हें गुणवत्‍तापूर्ण परियोजनाओं तक पहुंच मुहैया कराई जा रही है। जेसीबी इंडिया ने दो अग्रणी एवं अभिनव सीएसआर परियोजनायें भी शुरू की हैं, नीला हाउस, जोकि जयपुर में क्राफ्‍ट के लिए सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस हैं और साहित्‍य के लिए वार्षिक पुरस्‍कार – जेसीबी प्राइज़ फॉर लिट्रेचर जोकि भारतीय लेखकों द्वारा फिक्‍शन के प्रतिष्ठित कार्य का जश्‍न मनाता है।