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Wednesday 10 March 2021

 Sharath loses in pre-quarters at WTT Star Contender Doha

Sharath loses in pre-quarters at WTT Star Contender Doha


Mumbai, March 11: Paddler Achanta Sharat Kamal’s impressive run at the WTT Star Contender Doha came to an end after the Indian suffered a 9-11, 8-11, 6-11 defeat at the hands of World No. 12 Dimitrij Ovtcharov in the men’s singles pre-quarterfinals match on Wednesday.

The World No. 32 Sharath, who surprised World No. 16 Germany’s Patrick Franziska in the last round, started the game well and gave a tough fight to his relatively higher-ranked German opponent as the first two games of the match went neck-to-neck before the London Olympics bronze medalist Ovtcharov turning the momentum in his favour. The German further capitalised on the 2-0 lead and wrapped up the match to enter the quarter-final stage.



With Sharath's defeat, Indian participation at the tournament came to an end. Earlier, Gnanasekaran Sathiyan and Manika Batra made second round exits in their respective singles categories.



 जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

फरीदाबाद, 11 मार्च - स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा स्थानीय एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, फरीदाबाद के सहयोग से आज निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों को विभिन्न बीमारियों से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी गई। 

कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने चिकित्सा केंद्र द्वारा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और कर्मचारियों के लाभ के लिए स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम को चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंकुर शर्मा के देखरेख में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार तथा कुलसचिव डाॅ. सुनील कुमार गर्ग ने शिविर का जायजा भी लिया।



एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, फरीदाबाद के तीन चिकित्सकों की टीम, जिसमें हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. मोहित अग्रवाल, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह तथा डाॅ. अनूपम कुमार वासने शामिल थे, ने विद्यार्थियों तथा कर्मचारियों को हृदय रोग, आर्थोपेडिक और स्पोट्र्स इंजुरी से रोकथाम, निदान और उपचार के बारे में बताया तथा उनकी चिकित्सा जांच एवं स्वास्थ्य परामर्श प्रदान किया। इसके अलावा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा हड्डी संबंधी रोगों को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए ब्लड प्रेशर चेक-अप, ब्लड शुगर चेक-अप, ईसीजी, बीडीएम हड्डियों की जांच के लिए बीएमडी टेस्ट निःशुल्क किए गए। स्वास्थ्य शिविर में लगभग 200 से अधिक विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया तथा लाभ उठाया।

Monday 8 March 2021

 विश्व महिला दिवस पर "महिला आत्मरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण शिविर" का आयोजन सम्पन

विश्व महिला दिवस पर "महिला आत्मरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण शिविर" का आयोजन सम्पन

FARIDABAD : 8 MARCH I फरीदाबाद जिला किकबॉक्सिंग संघ' द्वारा फाइटिंग फिट प्लेनेट प्रशिक्षण केद्र, अचीवर्स शॉपिंग माल,  सेक्टर-49, फरीदाबाद में 'भारत विकास परिषद् माधव शाखा' एवं 'क्रीड़ा भारती फरीदाबाद' के सहयोग से दिनांक 8 मार्च को 'विश्व महिला दिवस' के अवसर पर "महिला आत्मरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण शिविर" का आयोजन किया गया । 'हरियाणा किकबॉक्सिंग संघ' के संस्थापक महासचिव श्री संतोष कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में फरीदाबाद से महिला किकबॉक्सिंग प्रशिक्षिका श्रीमती अंजू शर्मा एवं अजय कुमार सैनी, श्री पंकज कुमार एवं श्री सचिन कुमार प्रशिक्षण उपस्थित थे।

फाइटिंग फिट प्लेनेट के संचालक विकास अग्रवाल ने बताया कि इस अवसर पर महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया आत्म सुरक्षा ,योगा , फिटनेस के गुर सीखे । इस मोके पर हरियाणा किकबॉक्सिंग संघ के संस्थापक एवं महासचिव श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने आनंद मेहता को फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया । 


हरियाणा किकबॉक्सिंग संघ के संस्थापक एवं महासचिव श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया की आज बदलते परिवेश में आप अपनी रक्षा स्वयं कैसे कर सकते हैं, यह एक बड़ा प्रश्न है इसी को देखते हुए 'हरियाणा किकबॉक्सिंग संघ' ने इस तरह का जागरूकता शिविर लगाया है. कार्यक्रम के उपरान्त सभी को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया गया।

Sunday 7 March 2021

 India finish with 10 medals including one gold at Boxam International

India finish with 10 medals including one gold at Boxam International

New Delhi, March 07, 2021: Continuing his splendid run in the tournament Manish Kaushik clinched the gold medal as Indian boxers concluded their impressive campaign at the Boxam International Tournament with 10 medals in Castellon, Spain.

The 2018 Commonwealth Games silver medallist Kaushik, who returned into the ring for the first time after the Asian Olympic Qualifiers held in March last year, beat Denmark’s Nikolai Terteryan with a split 3-2 decision in the men’s 63kg summit bout. However, the World Championship bronze medallist Vikas Krishan went down fighting 4-1 against local favourite Ndiaye Sissokho to settle for silver medal in the men’s 69kg.

Meanwhile in the women’s category, Asian champion Pooja Rani lost to Word Championships bronze medallist USA’s Naomi Graham 5-0 in the 75kg final while young Jasmine, who was playing her maiden senior international tournament, showed great attacking display but couldn’t hold edge over 2019 European Champion Irma Testa of Italy and settle for a silver in the 57kg after going down 0-5 in the final.

The other five silver medals for the country were secured by Simranjit Kaur (60kg), Mohammed Hussamuddin (57), Ashish Kumar (75kg), Sumi Sangwan (81kg) and Satish Kumar (+91kg).

Ashish had to withdraw from the final after he was tested positive for COVI-19 while rest four boxers also withdrew from the tournament as precautionary measure because of their proximity to boxers who have turned positive.

Earlier Mary Kom settled for bronze after her semi-final exit. A 14-member (8 men and 6 women) Indian contingent had participated in the 35th edition of the Boxam International Tournament. The team will be reaching back in India on Monday afternoon.

Tuesday 12 May 2020

अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले एमएसएमई के लिए बढ़ने वाली है और मुश्किलें: छोटे उद्योगों को राहत की जरूरत : रमणीक प्रभाकर

अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले एमएसएमई के लिए बढ़ने वाली है और मुश्किलें: छोटे उद्योगों को राहत की जरूरत : रमणीक प्रभाकर

फरीदाबाद : 12 मई I  मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद के महासचिव रमणीक प्रभाकर ने कहा एमएसएमई आर्थिक विकास, नवाचार और रोजगार सृजन के सबसे बड़े संवाहक हैं भले ही ये  आकार में छोटे हों, लेकिन देश की तरक्की में उनकी बड़ी अहमियत है मौजूदा कोरोना संकट का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव भी उन पर ही पड़ता दिख रहा है, क्योंकि उनके पास बड़ी कंपनियों जितने संसाधन नहीं हैं। चूंकि मांग में लगातार गिरावट जारी है और हाल-फिलहाल सुधार के आसार नहीं दिखते इसलिए इन उद्यमियों के लिए कर्ज की अदायगी से लेकर कर्मचारियों को वेतन देने जैसी जिम्मेदारियों को पूरा करना भी मुश्किल होगा।

छोटे उद्यमियों के समक्ष वेतन, बिजली बिल, किराया, कर्ज जैसी समस्याएं मुंह बाएं खड़ी हैं

उन समस्याओं का खाका खींचा जाना बेहद आवश्यक है जिनसे एमएसएमई करीब साल भर तक जूझने को मजबूर होंगे।
 लॉकडाउन समाप्ति के कम से कम तीन महीने तक तो ये दुश्वारियां बहुत परेशान करने वाली हैं। तमाम छोटे उद्यमों को इस संकट से भी दो-चार होना पड़ सकता है कि उनके ऑर्डर निरस्त हो जाएं। छोटे उद्यम पीएसयू और बड़ी दिग्गज कंपनियों से भुगतान में लेटलतीफी जैसी समस्याएं भी झेलते हैं। आने वाले महीनों में यह समस्या और विकराल हो सकती है। चूंकि इन इकाइयों में काम करने वाले अधिकांश कामगार अपने गांव-घर की ओर कूच कर गए हैं ऐसे में उन्हेंं सामान्य कामकाज बहाल करने में लंबा समय लग सकता है।

 इसी तरह ऑर्डर निरस्त होने, श्रम विवादों, कर्ज के मूल और ब्याज की अदायगी होने जैसे तमाम कारणों के चलते  कदमों की भी बाढ़ सकती है। मुश्किलों के ऐसे भंवर में फंसे एमएसएमई को उबारने में बैंक और एनबीएफसी भी हिचक दिखाएंगे ऐसी स्थिति में सरकार से अपेक्षाएं बढ़ना स्वाभाविक है। भारत सरकार को कई मोर्चों पर सक्रियता के साथ कदम उठाने होंगे।  इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड संहिता, 2016 यानी आइबीसी के तहत ऋणदाताओं द्वारा एमएसएमई को उचित रियायत दी जाए ताकि उन्हें संपदा बिक्री में बेहतर हिस्सा मिल सके। उनके खिलाफ आइबीसी में मामला भी दर्ज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसे अधिकांश मामलों में अभी तक समाधान नहीं निकल सका है और अंतत: वे संपदा बिक्री की ओर ही बढ़ रहे हैं। एक लाख या उससे अधिक के डिफॉल्ट के मामलों में एमएसएमई को इस संहिता के उपयोग की अनुमति दी जानी चाहिए जैसा कि हालिया अधिसूचना से पहले सौ लाख तक के मामले में था।

एमएसएमई से जुड़े मामलों में त्वरित फैसलों के लिए सरकार को अलग ट्रिब्यूनल्स गठित करने चाहिए। सराफेसी एक्ट को भी एक साल के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए। लॉकडाउन के दौरान दिए गए वेतन और मजदूरी के 50 प्रतिशत हिस्से को कैरी फारवर्ड प्रावधान के साथ आयकर में छूट दी जानी चाहिए या फिर उसका भुगतान ईएसआइसी-सरकार द्वारा किया जाए। बिजली के मामले में भी बिजली का  कनेक्शन किसी सूरत में काटा जाए। इसके साथ ही भुगतान परिदृश्य के आधार पर ही एमएसएमई को उनका जीएसटी बकाया अदा करने की अनुमति दी जाए।  एमएसएमई की समस्याएं इतनी व्यापक हैं कि केवल सरकार के भरोसे ही उनका समाधान संभव नहीं, इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक जैसे संस्थान की भी अहम भूमिका है। एमएसएमई ने किसी किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से मियादी कर्ज लिया होता है। ऐसे में उन्हें राहत देने के लिए लॉकडाउन हटाए जाने के छह महीने तक इनकी किस्तों की मियाद नए सिरे से तय की जाए। इन मियादी कर्जों के तीन वर्षों में पुनर्भुगतान के प्रावधान के साथ ही उसमें छह महीनों की स्थगन अवधि की भी गुंजाइश हो।  रिजर्व बैंक को लॉकडाउन के दौरान सभी कर्जों पर ब्याज माफ कर देना चाहिए। सभी एमएसएमई को एक बार कर्ज पुनर्गठन का मौका मिले जिसमें एनपीए खातों को भी शामिल किया जाए। पुनगर्ठन के बाद सभी एमएसएमई को स्डैंडर्ड रूप में वर्गीकृत करें। विल्फुल डिफॉल्टरों को इस योजना से अलग रखा जा सकता है। 

बाहरी क्रेडिट रेटिंग-सिबिल की आवश्यकता को भी अगले दो वर्षों के लिए खत्म कर देना चाहिए। मौजूदा इकाइयों के लिए अतिरिक्त तदर्थ कार्यशील पूंजी में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए। आरबीआइ और भारतीय बैंक संघ यानी आइबीए को चाहिए कि वे बैंकों से एमएसएमई के लिए एक साझा राहत योजना तैयार करने के लिए कहें।  चूंकि कोरोना के कहर के चलते इतनी दिक्कतें अचानक से गई हैं तो भुगतान के मोर्चे पर समस्याएं भी आएंगी। ऐसे में समय रहते उनके समाधान पर भी विचार किया जाए। इस स्थिति में पीएसयू और सभी सरकारी विभागों द्वारा एमएसएमई के बकाये का तत्काल भुगतान किया जाना चाहिए। यदि लॉकडाउन से पहले किसी ऑर्डर के मामले में आदेश एमएसएमई के पक्ष में आया हो तो उनके खिलाफ अपील की अनुमति दी जाए। अपने सभी आर्पूितकर्ता एमएमएमई के लिए पीएसयू-सरकारी विभागों द्वारा लैटर ऑफ क्रेडिट जारी किया जाना चाहिए। उचित खरीदारों के साथ एमएसएमई के सभी लेनदेन केवल टीआरईडीएस के जरिये होने चाहिए।  संकट के दौर में हमें सूक्ष्म एवं लघु उपक्रम सुविधा परिषदों यानी एमएसईएफसी को भी सशक्त बनाना होगा। प्रत्येक जिले में इसकी एक शाखा गठित की जाए जिनकी सुनवाई के लिए राज्य स्तर पर अपीलीय इकाई बने। इसमें सभी एमएसएमई को शामिल किया जाए। ऑनलाइन कॉज लिस्ट और आदेश एमएसईएफसी की एक साझा वेबसाइट पर उपलब्ध होने चाहिए। इसके फैसलों को राजस्व वसूली अधिनियम के तहत प्रर्वितत किया जाना चाहिए।

कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजा संकट एक बहुत बड़ी आपदा है फिर भी विश्वास है कि हम भारतीय इस आपदा को एक अवसर बनाएंगे। एमएमएमई मंत्री नितिन गडकरी ने भी बार-बार इस संकल्प को दोहराया है। सस्ते श्रम, युवा पीढ़ी और नई कंपनियों के लिए कर की न्यूनतम दर जैसे कई आकर्षक पहलू इस दौर में भारत को आकर्षक बनाते हैं। वहीं अमेरिका और चीन के बीच तनातनी भी भारत के लिए फायदेमंद हो सकती है।