फरीदाबाद : 3 अप्रैल : अर्थमूविंग एवं कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी, जेसीबी इंडिया लिमिटेड ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, फरीदाबाद के साथ साझेदारी की है। इस परियोजना को जेसीबी इंडिया के सीएसआर इनिशिएटिव से आंशिक रूप से वित्त घोषित किया जाएगा। कंपनी पीपीई, दवाइयां, टेस्टिंग किट, सिक्युरिटी सूट्स तथा डॉक्टरों और स्वास्थ्य रक्षा में जुटे कर्मचारियों के लिए कंज्यूमेबल्स बनाने हेतु फंड जुटाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इससे कोविड-19 प्रकोप के दौरान फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में इस बीमारी से प्रभावित मरीजों को पूरी तरह से मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारियों में संयुक्त रूप से तेजी आएगी।
जेसीबी इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक सुबीर कुमार चौधरी ने इस साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हमने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने, उसके प्रभाव को कम से कम करने के लिए कई स्तरों पर एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ मिलकर रणनीति बनाने की शुरुआत की है ताकि कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की मदद की जा सके। कंपनी के मूल्यों को ध्यान में रख कर यह रणनीति अपने संचालन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों की मदद करने के लिए तैयार की गई है। हमें पूरा विश्वास है कि इस साझेदारी से फरीदाबाद के लोगों को कोरोनावायरस के इलाज के लिए जरूरी सहयोग मिलेगा, जहां भारत में हमारा मुख्यालय स्थित है। हम इस तरह की पहल को अन्य क्षेत्रों में भी करने के बारे में सक्रियता से सोच रहे हैं, जहां हमारी दूसरी फैक्ट्रियां स्थित हैं। एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज फरीदाबाद में सबसे बड़ा प्राइवेट अस्पताल है, जिसकी क्रिटिकल केयर यूनिट सबसे बड़ी है जोकि हरियाणा से लेकर पलवल, होडल और मेवात तक को कवर करती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि कोरोना वायरस की संभावित थर्ड स्टेज में इस क्षेत्र के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए इस अस्पताल में भेजा जाएगा।
एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. एन. के. पांडे ने बताया, “हमने फिलहाल हमारे इमरजेंसी फ्लोर को कोविड-19 ट्राइएज और आइसोलेशन सेंटर में बदल दिया है (इस तरह यह वॉर्ड अस्पताल के बाकी विभागों से अलग है)। यहां कम, ज्यादा और बहुत ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों के लिए अलग-अलग क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में कम से कम 14 दिन की शिफ्ट करने वाले सभी स्टाफ कर्मियों को आवासीय सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। इस फ्लोर को आधुनिक मेडिकल उपकरणों और सपोर्ट सिस्टम जैसे वेंटिलेटर्स, सीपीएपी, बीआईपीएपी, डिफिब्रिलेटर्स, ब्रोकेंस्कोपी और एक्सरे जैसी सुविधाओं से पहले से ही लैस किया जा चुका है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी और गंभीर कदमों के अलावा हम यहां पर कोरोना वायरस के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी कर रहे हैं।”
जेसीबी इंडिया के विषय में :
जेसीबी इंडिया लिमिटेड भारत में पिछले चार दशकों से अर्थमूविंग एवं कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट की अग्रणी विनिर्माता है। इसकी फरीदाबाद (बल्लभगढ़), पुणे और जयपुर में विनिर्माण सुविधायें हैं। कंपनी हमेशा से अपनी सभी फैक्ट्रियों के आसपास रहने वाले समुदायों के प्रति प्रतिबद्ध रही है। भारत में जेसीबी इंडिया ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम का प्रतीक है। वर्तमान में यह आठ श्रेणियों में 60 से ज्यादा अलग-अलग प्रॉडक्ट्स का निर्माण करती हैं। इन उत्पादों को 100 से ज्यादा देशों को निर्यात किया जाता है। जेसीबी का यूके से बाहर पुणे में सबसे बड़ा डिजाइन सेंटर है जहां ये भविष्य के लिए आकर्षक नई तकनीकों को विकसित करती है। यह उत्पादन में महिलाओं को शामिल करने में भी अग्रणी है और इसकी जयपुर फैक्ट्री में शॉप कर्मचारियों में लगभग 34 प्रतिशत महिलाएं हैं। अपनी सीएसआर पहलों के माध्यम से, जेसीबी इंडिया समुदायों के साथ भी काम कर रहा है ताकि एक बेहतर जिंदगी को बढ़ावा दिया जा सके। वर्ष 2000 में लेडी बैमफोर्ड चैरिटेबल ट्रस्ट (एलबीसीटी) सेट-अप ने अपनी बल्लभगढ़ फैक्ट्री के पास एक स्कूल की मदद कर कंपनी की सीएसआर यात्रा को आरंभ किया। लगभग दो दशक बाद कंपनी की सीएसआर पहलों ने तीन इन-हाउस फाउंडेशन और चार सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स का विस्तार किया, और उन समुदायों तक पहुंच बनाई जिसमें महिलायें, किशोर लड़कियां, बच्चे, गांव के कारीगर और युवा शामिल हैं।
ये पहलें 15 हजार से अधिक स्टूडेंट्स तक पहुंच बनाती हैं और उन्हें क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करती हैं। साथ ही बाजार पहुंच एवं उत्पादन दक्षताओं के साथ 2,000 से अधिक कारीगरों एवं महिला समूहों को भी कवर करती हैं। इसके द्वारा 50 पंचायतों को भी सहयोग दिया जा रहा है और उन्हें गुणवत्तापूर्ण परियोजनाओं तक पहुंच मुहैया कराई जा रही है। जेसीबी इंडिया ने दो अग्रणी एवं अभिनव सीएसआर परियोजनायें भी शुरू की हैं, नीला हाउस, जोकि जयपुर में क्राफ्ट के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हैं और साहित्य के लिए वार्षिक पुरस्कार – जेसीबी प्राइज़ फॉर लिट्रेचर जोकि भारतीय लेखकों द्वारा फिक्शन के प्रतिष्ठित कार्य का जश्न मनाता है।