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Sunday 7 March 2021

 एशियन कॉरपोरेट क्रिकेट लीग का फाइनल एडिटर 11 ने जीता

एशियन कॉरपोरेट क्रिकेट लीग का फाइनल एडिटर 11 ने जीता

FARIDABAD : 7 MARCH I                                                                                    एशियन कॉरपोरेट क्रिकेट लीग का फइनल मैच लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में सर्वोदय हॉस्पिटल और  एडिटर 11  की टीम के बीच खेला गया , सर्वोदय हॉस्पिटल  ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी  करने का निर्णेय लियाऔर एडिटर 11 के सामने अपने सभी विकेट गवाकर  94 रन का लक्ष्य रखा  । सर्वोदय हॉस्पिटल रामेश्वर राजपूत ने 22 बाल में 23 बनाए जिसमें 1 चौक्का और 2 छक्के शामिल थे 

देवेंदर ने 10 बॉल में 15 रन बनाए विशाल राजपूत ने 10 बॉल में 7 रन बनाए आशीष तोमर ने 29 बॉल में 20 रन बनाए  

एडिटर 11

के एस राणा ने 4 ओवर में 10 रन देकर 3 विकेट लिए

अंकित भार्गव ने 3.ओवर में 10 रन देकर 3 विकेट लिए

राजिंदर बिष्ट ने 4 ओवर में 37 रन देकर 1 विकेट लिया

जवाब में एडिटर 11 की टीम ने अपना कोई भी विकेट गवाए आसानी से 94 रन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया

एडिटर 11

राजिंदर बिष्ट ने 20 बॉल में 29 रन बनाए जिसमें 3 चोक्के औरछक्के

अलोक ने 32 बॉल में 61 रन बनाये जिसमें 4 चोक्के और 5 छक्के





सर्वोदय अस्पताल

आशीष तोमर ने 2 ओवर में 15 रन दिए

महेश ने 2 ओवर में 28 रन दिए

देवेंदर ने 1 ओवर में 18 रन दिए

प्रदीप और रामेश्वर ने भी 1-1 ओवर में 11 रन दिए

 

मैन  ऑफ़ दी  मैच - के एस राणा - एडिटर 11

बेस्ट बैट्समैन - रामेश्वर राजपूत - सर्वोदय अस्पताल

बेस्ट बॉलर  - महेश - सर्वोदय अस्पताल

मैन  ऑफ़ दी सीरीज - रामेश्वर राजपूत - सर्वोदय अस्पताल

दा क्रिकेट गुरुकुल ने एल बी शास्त्री क्रिकेट क्लब को 7 विकेट से हराया

दा क्रिकेट गुरुकुल ने एल बी शास्त्री क्रिकेट क्लब को 7 विकेट से हराया

 

FARIDABAD : 7 MARCH I  6th ऑल इंडिया रविंद्र फागना u-19 क्रिकेट टूर्नामेंट( सेमी फ़ाइनल)मैच में दा क्रिकेट गुरुकुल ने एल बी शास्त्री क्रिकेट क्लब टीम को 7 विकेट से हराया  I यह मुकाबला रविंदर फागना क्रिकेट अकादमी सिथत मैदान पर खेला गया I इस मौके पर बीसीसीआई कोच धर्मेंदर फागना ने बताया की यह मैच 50-50 ओवर का था ये मैच दा क्रिकेट गुरुकुल ओर एल बी शास्त्री क्रिकेट क्लब के साथ खेला गया ।  दा क्रिकेट गुरुकुल ने टॉस जीत कर  पहले गेंदबाज़ी करने का निर्यण लिया एल बी शास्त्री क्रिकेट क्लब टीम की ओर बल्लेबाजी करते हुए टीम ने 50 ओवर में 5 विकेट पर 307 रन बनाए टीम की और बल्लेबाजी करते हुए सुमित चिंकारा ने 112 रन,शिवांश गौतम ने 50 रन ओर अमन गुरनानी ने 43 रन बनाए  

दा क्रिकेट गुरुकुल की और से गेंदबाजी करते हुए उदय कुंडु ओर सलमान खान ने 2-2 विकेट ओर पाहुल ने 1 विकेट लिया  ,इस लक्ष्य का पीछा करते हुए दा क्रिकेट गुरुकुल टीम ने 46 ओवर में 3 विकेट में 311 रन बनाकर लक्स को हासिल किया टीम की और से बल्लेबाजी करते हुए अनिकेत सिंह  ने 158 रन,मदस्सर अली ने 64 रन ओर सचिन ने 41 रन बनाए एल बी शास्त्री क्रिकेट क्लब टीम की ओर से गेंदबाज़ी करते हुए शौर्य मलिक,हिमांशु भाटी ओर अंश चौधरी ने 1-1 विकेट लिए श्री लाखन (एंपायर) के दुआरा मेन ऑफ़ दा मैच का पुरस्कार अनिकेत सिंह को दिया गया (दा क्रिकेट गुरुकुल) (अनिकेत सिंह ने 112 बॉल मे 22 चोंके ओर 4 छक्के लगाकर 158 रन बनाए )

Tuesday 15 December 2020

एस के जे सी ए ने नीरवाना क्रिकेट अकादमी को 54 रन से हराया

एस के जे सी ए ने नीरवाना क्रिकेट अकादमी को 54 रन से हराया

                                                 

फरीदाबाद : 6th ऑल इंडिया रविंदर फागना अंडर 17 क्रिकेट टूर्नामेंट (फ़ाइनल मैच)में एस के जे सी ए ने नीरवाना क्रिकेट अकादमी को 54 रन से हराया यह मुकाबला रविंदर फागना क्रिकेट अकादमी सिथत मैदान पर खेला गया I इस मौके पर बीसीसीआई कोच धर्मेंदर फागना ने बताया कि यह मैच 40-40 ओवर का था ये मैच एस के जे सी ए ओर नीरवाना क्रिकेट अकादमी के साथ खेला गया  इस मोके पर आज के मुख्य अतिथि श्री गोपाल शर्मा (डिस्टिक प्रेसिडेंट बी जे पी फ़रीदाबाद) ओर  श्री कविंद्र चौधरी (चेयरमेन रविंद्र फागना टूर्नामेंट कमेटी) जी आदि उपस्थित रहे नीरवाना क्रिकेट अकादमी  ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी करने का निर्यण लिया एस के जे सी ए की ओर से बल्लेबाजी करते हुए टीम ने 40 ओवर में 4 विकेट पर 252  रन बनाए टीम की और बल्लेबाजी करते हुए आयुष नेगी ने 71 रन,भारत रावत ने 70 रन ओर मुदस्सर अली ने 53 रन बनाए नीरवाना क्रिकेट अकादमी की ओर से गेंदबाजी करते हुए अमान अल्वी ने 2 विकेट, ईशान ने 1 विकेट लिया  इस लक्ष्य का पीछा करते हुए नीरवाना क्रिकेट अकादमी टीम को 35.4 ओवर में 10 विकेट में 198 रन बनाकर हार का सामना करना पड़ा| टीम की और से बल्लेबाजी करते हुए अंश यादव ने 48 रन,बित्तल कुमार ने 46 रन ओर अदित  ने 20 रन बनाए  एस के जे सी ए की और से गेंदबाजी करते हुए वासु यादव ओर आयुष नेगी ने 3-3 विकेट,अनिल सिंहमार,पाहुल ओर रोहित राणा ने 1-1 विकेट लिए श्री गोपाल शर्मा (डिस्टिक प्रेसिडेंट बी जे पी फ़रीदाबाद) ओर श्री कविंद्र चौधरी (चेयरमेन रविंद्र फागना टूर्नामेंट कमेटी) जी के दुआरा आयुष नेगी को मैन ओफ दा मैच का पुरस्कार  दिया गया I(एस के जे सी ए)श्री गोपाल शर्मा (डिस्टिक प्रेसिडेंट बी जे पी फ़रीदाबाद) ओर श्री कविंद्र चौधरी (चेयरमेन रविंद्र फागना टूर्नामेंट कमेटी) जी के दुआरा (विनर टीम)I(एस के जे सी ए)को 15000 or (रुन्नर उप) टीम (नीरवाना क्रिकेट अकादमी)को 10000 का कैश प्राइज़ दिया गया मेन ऑफ़ दा सिरीज़ आयुष नेगी (एस के जे सी ए) बेस्ट बेस्टमेन ऑफ़ दा टूर्नामेंट अहान पोडार (दा क्रिकेट गुरुकुल) बेस्ट बोलर ऑफ़ दा टूर्नामेंट अमान अल्वी (नीरवाना क्रिकेट अकादमी) बेस्ट फ़ील्डर ऑफ़ दा टूर्नामेंट वैभव यादव (दा क्रिकेट गुरुकुल) I 


Tuesday 12 May 2020

अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले एमएसएमई के लिए बढ़ने वाली है और मुश्किलें: छोटे उद्योगों को राहत की जरूरत : रमणीक प्रभाकर

अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले एमएसएमई के लिए बढ़ने वाली है और मुश्किलें: छोटे उद्योगों को राहत की जरूरत : रमणीक प्रभाकर

फरीदाबाद : 12 मई I  मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद के महासचिव रमणीक प्रभाकर ने कहा एमएसएमई आर्थिक विकास, नवाचार और रोजगार सृजन के सबसे बड़े संवाहक हैं भले ही ये  आकार में छोटे हों, लेकिन देश की तरक्की में उनकी बड़ी अहमियत है मौजूदा कोरोना संकट का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव भी उन पर ही पड़ता दिख रहा है, क्योंकि उनके पास बड़ी कंपनियों जितने संसाधन नहीं हैं। चूंकि मांग में लगातार गिरावट जारी है और हाल-फिलहाल सुधार के आसार नहीं दिखते इसलिए इन उद्यमियों के लिए कर्ज की अदायगी से लेकर कर्मचारियों को वेतन देने जैसी जिम्मेदारियों को पूरा करना भी मुश्किल होगा।

छोटे उद्यमियों के समक्ष वेतन, बिजली बिल, किराया, कर्ज जैसी समस्याएं मुंह बाएं खड़ी हैं

उन समस्याओं का खाका खींचा जाना बेहद आवश्यक है जिनसे एमएसएमई करीब साल भर तक जूझने को मजबूर होंगे।
 लॉकडाउन समाप्ति के कम से कम तीन महीने तक तो ये दुश्वारियां बहुत परेशान करने वाली हैं। तमाम छोटे उद्यमों को इस संकट से भी दो-चार होना पड़ सकता है कि उनके ऑर्डर निरस्त हो जाएं। छोटे उद्यम पीएसयू और बड़ी दिग्गज कंपनियों से भुगतान में लेटलतीफी जैसी समस्याएं भी झेलते हैं। आने वाले महीनों में यह समस्या और विकराल हो सकती है। चूंकि इन इकाइयों में काम करने वाले अधिकांश कामगार अपने गांव-घर की ओर कूच कर गए हैं ऐसे में उन्हेंं सामान्य कामकाज बहाल करने में लंबा समय लग सकता है।

 इसी तरह ऑर्डर निरस्त होने, श्रम विवादों, कर्ज के मूल और ब्याज की अदायगी होने जैसे तमाम कारणों के चलते  कदमों की भी बाढ़ सकती है। मुश्किलों के ऐसे भंवर में फंसे एमएसएमई को उबारने में बैंक और एनबीएफसी भी हिचक दिखाएंगे ऐसी स्थिति में सरकार से अपेक्षाएं बढ़ना स्वाभाविक है। भारत सरकार को कई मोर्चों पर सक्रियता के साथ कदम उठाने होंगे।  इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड संहिता, 2016 यानी आइबीसी के तहत ऋणदाताओं द्वारा एमएसएमई को उचित रियायत दी जाए ताकि उन्हें संपदा बिक्री में बेहतर हिस्सा मिल सके। उनके खिलाफ आइबीसी में मामला भी दर्ज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसे अधिकांश मामलों में अभी तक समाधान नहीं निकल सका है और अंतत: वे संपदा बिक्री की ओर ही बढ़ रहे हैं। एक लाख या उससे अधिक के डिफॉल्ट के मामलों में एमएसएमई को इस संहिता के उपयोग की अनुमति दी जानी चाहिए जैसा कि हालिया अधिसूचना से पहले सौ लाख तक के मामले में था।

एमएसएमई से जुड़े मामलों में त्वरित फैसलों के लिए सरकार को अलग ट्रिब्यूनल्स गठित करने चाहिए। सराफेसी एक्ट को भी एक साल के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए। लॉकडाउन के दौरान दिए गए वेतन और मजदूरी के 50 प्रतिशत हिस्से को कैरी फारवर्ड प्रावधान के साथ आयकर में छूट दी जानी चाहिए या फिर उसका भुगतान ईएसआइसी-सरकार द्वारा किया जाए। बिजली के मामले में भी बिजली का  कनेक्शन किसी सूरत में काटा जाए। इसके साथ ही भुगतान परिदृश्य के आधार पर ही एमएसएमई को उनका जीएसटी बकाया अदा करने की अनुमति दी जाए।  एमएसएमई की समस्याएं इतनी व्यापक हैं कि केवल सरकार के भरोसे ही उनका समाधान संभव नहीं, इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक जैसे संस्थान की भी अहम भूमिका है। एमएसएमई ने किसी किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से मियादी कर्ज लिया होता है। ऐसे में उन्हें राहत देने के लिए लॉकडाउन हटाए जाने के छह महीने तक इनकी किस्तों की मियाद नए सिरे से तय की जाए। इन मियादी कर्जों के तीन वर्षों में पुनर्भुगतान के प्रावधान के साथ ही उसमें छह महीनों की स्थगन अवधि की भी गुंजाइश हो।  रिजर्व बैंक को लॉकडाउन के दौरान सभी कर्जों पर ब्याज माफ कर देना चाहिए। सभी एमएसएमई को एक बार कर्ज पुनर्गठन का मौका मिले जिसमें एनपीए खातों को भी शामिल किया जाए। पुनगर्ठन के बाद सभी एमएसएमई को स्डैंडर्ड रूप में वर्गीकृत करें। विल्फुल डिफॉल्टरों को इस योजना से अलग रखा जा सकता है। 

बाहरी क्रेडिट रेटिंग-सिबिल की आवश्यकता को भी अगले दो वर्षों के लिए खत्म कर देना चाहिए। मौजूदा इकाइयों के लिए अतिरिक्त तदर्थ कार्यशील पूंजी में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए। आरबीआइ और भारतीय बैंक संघ यानी आइबीए को चाहिए कि वे बैंकों से एमएसएमई के लिए एक साझा राहत योजना तैयार करने के लिए कहें।  चूंकि कोरोना के कहर के चलते इतनी दिक्कतें अचानक से गई हैं तो भुगतान के मोर्चे पर समस्याएं भी आएंगी। ऐसे में समय रहते उनके समाधान पर भी विचार किया जाए। इस स्थिति में पीएसयू और सभी सरकारी विभागों द्वारा एमएसएमई के बकाये का तत्काल भुगतान किया जाना चाहिए। यदि लॉकडाउन से पहले किसी ऑर्डर के मामले में आदेश एमएसएमई के पक्ष में आया हो तो उनके खिलाफ अपील की अनुमति दी जाए। अपने सभी आर्पूितकर्ता एमएमएमई के लिए पीएसयू-सरकारी विभागों द्वारा लैटर ऑफ क्रेडिट जारी किया जाना चाहिए। उचित खरीदारों के साथ एमएसएमई के सभी लेनदेन केवल टीआरईडीएस के जरिये होने चाहिए।  संकट के दौर में हमें सूक्ष्म एवं लघु उपक्रम सुविधा परिषदों यानी एमएसईएफसी को भी सशक्त बनाना होगा। प्रत्येक जिले में इसकी एक शाखा गठित की जाए जिनकी सुनवाई के लिए राज्य स्तर पर अपीलीय इकाई बने। इसमें सभी एमएसएमई को शामिल किया जाए। ऑनलाइन कॉज लिस्ट और आदेश एमएसईएफसी की एक साझा वेबसाइट पर उपलब्ध होने चाहिए। इसके फैसलों को राजस्व वसूली अधिनियम के तहत प्रर्वितत किया जाना चाहिए।

कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजा संकट एक बहुत बड़ी आपदा है फिर भी विश्वास है कि हम भारतीय इस आपदा को एक अवसर बनाएंगे। एमएमएमई मंत्री नितिन गडकरी ने भी बार-बार इस संकल्प को दोहराया है। सस्ते श्रम, युवा पीढ़ी और नई कंपनियों के लिए कर की न्यूनतम दर जैसे कई आकर्षक पहलू इस दौर में भारत को आकर्षक बनाते हैं। वहीं अमेरिका और चीन के बीच तनातनी भी भारत के लिए फायदेमंद हो सकती है।