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Wednesday 25 October 2017

हिना-जीतू ने जीता 10मी. एयर पिस्टल मिक्स ईवेंट का पहला अधिकारिक तौर पर मेडल

हिना-जीतू ने जीता 10मी. एयर पिस्टल मिक्स ईवेंट का पहला अधिकारिक तौर पर मेडल

नई दिल्ली: 25 अक्टूबर (National24news)  हिना के साथ ओलिंपिक 2020 तक टयूनिंग बनाकर रखना चाहूंगा। ताकि देश को इस बार इस ईवंेट में गोल्ड मेडल दिला सकूं। यह कहना है डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज दिल्ली में मंगलवार से शुरू हुए आईएसएसएफ शूटिंग वर्ल्डकप फाइनल में 10मी. एयर पिस्टल मिक्स ईवेंट का पहला आधिकारिक तौर पर मेडल जीतने वाले आर्मी शूटर जीतू रॉय का। हिना भी जीतू की बात को एग्री करती हैं। जीतू ने हिना सिद्धु के साथ 483.4 अंक बनाते हुए वर्ल्डकप फाइनल में फ्रांस के गोबेरविले-फोकेट (481.1)और चाइना के केए-यंग(418.2) की जोड़ी को पछाड़ते हुए यह गोल्ड मेडल हासिल कर देश को नाम ऊंचा किया है।

अजीब लगता स्लो स्टॉर्ट करना
जीतू ने बताया कि वह हमेशा स्लो स्टॉर्ट करते हैं। उन्हें भी अजीब लगता है। लेकिन वह इसी प्रकार से रिदम में लौटते हैं। इस मैच में भी स्लो स्टॉर्ट की वजह से उनकी टीम दो राउंड में पीछे रही। लेकिन इसके बाद जब मैने रिदम पकड़ा और हिना के साथ टयूनिंग बैठी तो इस फाइनल में वापसी की और गोल्ड मेडल जीत लिया। हिना ने बताया कि हमने अभ्यास में पहले ही टयूनिंग बना ली थीं। मैने जीतू को समझा रखा था कि अगर मैं एक्शन खोल दूं तो समझ लेना मेरा शॉट गया और अब तुम्हारी बारी। और नहीं खोलूं तो तुम इंतजार करना। इस वजह से ही जीतू अच्छी प्रकार से अपने शॉट की तैयारी कर रिदम में आ सके।

चार वर्ल्डकप में तीन गोल्ड
जीतू ने बताया कि हिना के साथ वह चार वर्ल्डकप में तीन गोल्ड जीत चुके हैं। इससे पहले दो गोल्ड उन्होने दिल्ली और अजरबेज़ान के ग्वाला में हुए वर्ल्डकप में मिक्स ईवेंट में ही जीते। लेकिन तब यह ईवेंट टेस्ट ईवेंट थे। प्रायोगिक तौर पर होने के कारण दोनो बार हमें  प्रतीकात्मक रूप से सम्मानित किया गया। लेकिन इस बार यह अधिकारिक तौर पर पहला मेडल हमने देश के लिए जीता है।

50मी. अब मेरे दिमाग में नहीं
जीतू से जब पूंछा गया कि उनका फेवरेट ईवेंट 50मी. पिस्टल का है। जोकि इस बार ओलिंपिक में नहीं होगा। तो उन्होने बताया कि मेरे दिमाग में यह नहीं कि कौन सा ईवेंट है। केवल टारगेट पर शूट करने पर फोकस करता हूं। हालांकि मैने 50मी. में ही  ज्यादा मेडल जीते हैं। लेकिन यह आईएसएसएफ का निर्णय हैं। इसलिए वह इसमें कुछ नहीं कह सकते हैं।

अब न बदले नियम
जीतू-हिना ने बताया कि अभी तक मिक्स ईवंेट के नियमों में बार-बार बदलाव किए जा रहे हैं। अब अधिकारिक तौर पर मेडल मिलने से उम्मीद है कि इसके नियम अब नहीं बदले जाएंगे। और ओलिंपिक कोटे के लिए दौड़ शुरू होगी। यह नियम काफी टफ हैं। लेकिन प्रतिस्पर्धा के हिसाब से काफी बेहतर हैं। इन नियमों में एक शूटर दूसरे शूटर से शूट करने से पहले दोबारा शूट नहीं कर सकता है। इसलिए टयूनिंग बेहतर होने पर ही इस ईवेंट में मेडल जीता जा सकता है। 

Tuesday 24 October 2017

चैंपियन ऑफ चैंपियन दोबारा बनना लक्ष्य : शूटर जीतू रॉय

चैंपियन ऑफ चैंपियन दोबारा बनना लक्ष्य : शूटर जीतू रॉय

नई दिल्ली :24 अक्तूबर। डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 24 अक्टूबर से शुरू होने वाले आईएसएसएफ शूटिंग वर्ल्डकप फाइनल में चैंपियन ऑफ चैंपियन का खिताब दोबारा हासिल करना मेरा लक्ष्य है। इसके लिए मैं दो महीने से कड़ा अभ्यास कर रहा हूं। यह कहना है चैंपियन ऑफ चैंपियन रहे शूटर जीतू रॉय का। रविवार को डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित प्रैस वार्ता के दौरान उन्होने अपनी बात कही। इस प्रैस वार्ता की अध्यक्षता एनआरएआई के प्रेजीडेंट रानिंदर सिंह ने की। इस प्रैस वार्ता में भारतीय टीम में शमिल दसों शूटर मौजूद थे।

रानिंदर ने बताया कि इस वर्ल्डकप फाइनल की भारत की ओर से पूरी तैयािरयां है। इसमें दुनिया 45 अाईएसएसएफ से रजिस्टर्ड फैडरेशन से 162 शूटर हिस्सा लेने आ रहे हैं। 23 अक्टूबर को सभी डेलीगेट्स यहां पहुंच जाएंगे। और 24 अक्टूबर से प्रतियोगिता की शुरूआत कर दी जाएगी। हिना सिद्धू ने कहा कि यह एक प्रकार से मिनी ओलंपिक है। इसलिए इसके लिए मैने काफी तैयािरयां की हैं। जीतू के साथ मैं इसमें मिक्स ईवेंट में हिस्सा लूंगी। यह हमारी आगे की तैयारियों के लिए भी जरूरी हैं। इस दौरान जनरल सेकेट्ररी राजीव भाटिया, शूटर अमनप्रित सिंह, पूजा घाटकर, रवि कुमार, अंकुर मित्तल, शपथ भारद्वाज, संग्राम दहिया, दीपक कुमार आदि मौजूद रहे। 

Friday 6 October 2017

मानव रचना ने वर्ल्ड नंबर 1 डब्ल ट्रैप शूटर अंकुर मित्तल का किया सम्मान

मानव रचना ने वर्ल्ड नंबर 1 डब्ल ट्रैप शूटर अंकुर मित्तल का किया सम्मान

फरीदाबाद:6अक्टूबर (National24news) मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) के स्टूडेंट्स ने एक बार फिर खेल के क्षेत्र में इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त कर संस्थान को गौरांवित किया है। मानव रचना इंटरनैशलन यूनिवर्सिटी (एमआरआईयू) एमबीए स्टूडेंट अंकुर मित्तल ने मैन्स डब्ल ट्रैप कैटिगरी में पहला स्थान हासिल कर संस्थान को ही नहीं देश को भी गौरांवित किया है। आईएसएसएफ के द्वारा हॉल ही में जारी की गई रैंकिंग में अंकुर वर्ल्ड नंबर 1 डब्ल ट्रैप शूटर बना है।

अंकुर को सम्मानित करने के लिए शुक्रवार को मानव रचना में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर अंकुर को सम्मानित करते हुए मानव रचना के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अमित भल्ला ने कहा कि मानव रचना खेलों को शिक्षा का अहम हिस्सा मानता है और इसी सोच के साथ नैशनल व इंटरनैशनल स्तर के खिलाड़ियों को स्टेट आफ द आर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ तैयार किया जाता है। हॉल ही में नैशनल राइफल असोसिएशन ऑफ इंडिया के द्वारा ओलंपिक लेवल शूटिंग रेंज का उद्घाटन कैंपस में किया गया है।

इस मौके पर प्रतिभाशाली शूटर श्री रोंजन सोढ़ी, मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. एनसी वाधवा, मानव रचना के डायरेक्टर स्पोर्ट्स श्री सरकार तलवार, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज की डीन डॉ. छवि भारगव मौजूद रहीं।

इस मौके पर सभी का आभार प्रकट करते हुए अंकुर मित्तल ने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं कि मैं अपने देश के लिए यह सम्मान हासिल करने में काबिल बना। इसके लिए मैं राज्य सरकार, स्पोर्ट्स अथॉरिटी व मानव रचना का धन्यवाद करना चाहता हूं क्योंकि मुझे हर कदम पर इनसे सभी जरूरी सहयोग प्राप्त हुआ। इसी सहयोग के कारण में नंबर वन के पद तक पहुंच पाया। अंकुर ने बताया कि उन्होंने साल 2014 में मानव रचना का  हिस्सा बने। उन्होंने कहां कि बहुत ही कम यूनिवर्सिटी होती हैं जो उच्च शिक्षा के साथ साथ खेलों की भी सुविधाएं स्टूडेंट्स को मुहैया कराती हैं और मानव रचना उन्हीं में से एक हैं।

इस मौके पर श्री सरकार तलवार ने अंकुर मित्तल के लिए प्रशंसात्मक उल्लेख पढ़ा।

अंकुर मित्तल का अब तक का सफर

अंकुर मित्तल ने पिछले एक साल में देश को गौराव प्रदान करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। अंकुर ने सबसे पहले भारत में फरवरी में आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल हासिल किया और उसी के बाद मैक्सिको में आयोजित हुए वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। केवल यहीं नहीं एशियन चैंपियनशिप में प्रतिभाशाली शूटरों के साथ खेल कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया और सिंतबर में मोस्को में आयोजित की गई आईएसएसएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में बेहतर स्कोर कर (145-150) अपने ही जर्मनी में बनाए गए नैशनल रेकार्ड (144-150) को तोड़ दिया। वह डब्ल ट्रैप इवेंट में सबसे ज्यादा स्कोर करने वाला खिलाड़ी बना और सिल्वर मेडल पर कब्जा किया। अपने इन्हीं गौरवशाली पारियों की मदद से वह रैंकिंग में डब्ल ट्रैप शूटिरों की लिस्ट में सबसे ऊपर पहुंचा है। अंकुर श्री रोंजन सोढ़ी के बाद दूसरा भारतीय खिलाड़ी बना है जिसने यह स्थान हासिल किया है।

Monday 28 August 2017

मानव रचना कैंपस में ओलंपिक लेवल शूटिंग रेंज का हुआ उद्घाटन

मानव रचना कैंपस में ओलंपिक लेवल शूटिंग रेंज का हुआ उद्घाटन

फरीदाबाद :28 अगस्त (National24news) मानव रचना शिक्षण संस्थान (एमआरईआई) की स्थापना क्वालिटी एजुकेशन के उद्देश्य के साथ की गई थी, इसी के तहत संस्थान स्टूडेंट्स के समग्र विकास की सोच के साथ खेलों व अकैडमिक्स को साथ लेकर चल रहा है। देश भर में खेलों के उत्थान में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा संस्थान नैशनल व इंटरनैशनल स्तर के खिलाड़ियों को तैयार कर चुका है। इसी सोच के सथ मानव रचना कैंपस में इंटरनैशनल स्तर पर तैयार की गई 10 मीटर शूटिंग रेंज का उद्घाटन नैशनल राइफल असोसिएशन आफ इंडिया (एमआरएआई) के प्रेसिडेंट श्री रनिंदर सिंह के द्वारा किया गया।
देश के प्रतिभाशाली शूटिंग कोचों व अंतरराष्ट्रीय स्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ तैयार की गई यह शूटिंग रेंज इंटरनैशनल शूटिंग स्पोर्ट फैडरेशन (आईएसएसएफ) का मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग सेंटर है। इस स्टेट आफ द आर्ट शूटिंग रेंज का उद्घाटन के मौके पर मानव रचना शिक्षण संस्थान (एमआरईआई) की मुख्य संरक्षका श्रीमति सत्या भल्ला, एमआरईआई के प्रेसिडेंट डॉ. प्रशांत भल्ला, एमआरईआई के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अमित भल्ला, प्रतिभाशाली शूटर श्री रोंजन सोढ़ी  व एमआरईआई के स्पोर्ट्स डायरेक्टर श्री सरकार तलवार मौजूद रहे।
शूटिंग रेंज में 2 10 मीटर रेंज है जिसमें 14 मैनुअल टारगेट व 8 ओटोमेटिक टारगेट है। 4 बार वर्ल्ड चैंपियन रहे जाने माने शूटर डेनियर डी स्पीग्नो व 1980 ओलंपिक गेम्स में सिल्वर जीतने वाले रुस्तम यंबुलतोव मानव रचना के शूटिंग कोचों की सूची में शामिल है।

मानव रचना शूटिंग रेंज शूटरों को आकर्षित करने में इसलिए भी सफल होगी क्योंकि यहां केवल इंटरनैशनल स्तर की खेल सुविधाएं ही नहीं है बल्कि पैराजी लाउंज की भी स्थापना की गई है। अब तक शूटर इटली से शूटिंग असैसरीज का आयात करते थे, लेकिन अब मानव रचना कैंपस में ही उनकी पैराजी लाउंज में यह मिल पाएगी।
शूटिंग रेंज का उद्घाटन करते हुए श्री रनिंदर सिंह ने कहा कि भारत में शूटिंग से तेजी से बढ़ता खेल है। मानव रचना में आईएसएसएफ अकैडमी प्रोग्राम की शुरुआत खेलों व अकैडमिक के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के उद्देश्य के साथ किया गया है। मानव रचना और एमआरईआई एक साथ मिलकर शूटिंग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कार्यरत है जिससे शूटिंग में रुचि रखने वाले खिलाड़ियों को इस खेल की सुविधाओं से लेकर मार्गदर्शन तक के लिए नई राहें प्राप्त होंगी।
वहीं डॉ. प्रशांत भल्ला ने कहा कि मानव रचना खेलों को करिकुलम का अहम हिस्सा मानता है इसी सोच के साथ स्टूडेंट्स को इंटरनैशनल स्तर की खेल सुविधाएं प्रदान की जाती है। मानव रचना की 12 शूटिंग रेंजों का इंफ्रास्ट्रक्चर इसका जीता जाता उदाहरण है। केवल इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं नैशनल व इंटरनैशनल लेवल के कोच की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि मानव रचना की शूटिंग रेंज पर 3000 से ज्यादा स्टूडेंट्स ट्रेनिंग ले रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इस शूटिंग रेंज का फायदा शहर ही नहीं बाहर के खिलाड़ियों को भी मिल पाएगा और देश में शूटिंग का खेल नहीं राहें प्राप्त करेगा।

इस मौके पर 10 पॉइंट शूटिंग कंपीटिशन का आयोजन भी मानव रचना के शूटरों के बीच किया गया।

Sunday 20 August 2017

 Rattan Convent school SFI Shooting Championship Start

Rattan Convent school SFI Shooting Championship Start

Faridabad:20 August (National24news) RCS, SFI Shooting Championship was inaugurated by honorable Chief Guest Mr.Hanif Qureshi,Comissioner of Police,Fbd.The event began by Mr.Hanif Qurshi as he made the first shot successful. Later he addresses shooters and inspired them always to determine on aim. Today the nation need such shooters beside he expressed his gratitude towards Mr.Yashvir Dagar and said these are the only efforts of ,Mr.Yashvir Dagar to encourage this sport successfully as we have always got the opportunity to hold this shooting tournament in our premises. Chairman, Mr.Yashvir Dagar also addresses all the participants and told everyone that they are going to open Nursery Shooting Range and further it can be 25 metre and he announced its training free of cost.
The following schools have participated in the event :- DAV Sector-14,Manav Rachna International School,Rawal International School,Rawal Public School,Kundan Green Valley School,DC Model School ,SRS Convent,Modern DPS,DAV Blb and ofcourse 40shooters from RCS.
The shooting coach Mr.Rakesh Singh told that the Championship will continue on 19th and 20th Aug,2017.We would like to tell that the Championship is organized by Education Department to inculcate the interest of the students towards this sport.
The Principal of the school, Mr.Manoj Kumar congratulated all the participants and boosted their courage and expressed his gratitude toall the prestigious guests and dignitaries and parents also.

Thursday 17 August 2017

दिल्ली की निशानेबाज़ पर ततैयों का हमला, विश्व स्तरीय डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज की घटना

दिल्ली की निशानेबाज़ पर ततैयों का हमला, विश्व स्तरीय डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज की घटना

New Delhi:17 August(National24news) प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाया
जसपाल राणा ने कहा कि अगर शूटर के हाथ में उस वक़्त पिस्तौल होती तो बड़ा हादसा हो सकता था

दिल्ली की पिस्तौल शूटर लवलीन कौर बुधवार को डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, तुगलाबाद, नई दिल्ली में, 25 मीटर रेंज पर अभ्यास कर रही थी। वो टेमपलेट चेंज करने टारगेट एरिया में गई तो अचानक उसपर ततैयों के एक समूह ने हमला कर दिया और उनमें से कम से कम 4 ने उसके शरीर के विभिन्न हिस्सों में काट लिया था।  उस समय वहां कुछ पुरुष निशानेबाजों के अलावा एक गार्ड मौजूद था,लेकिन सिर्फ एक महिला सफाईकर्मी ने ही कुछ मदद कि, वर्ना इस विश्व स्तरीय शूटिंग रेंज में कोई प्राथमिक चिकित्सा भी नहीं थी।
लवलीन ने बताया कि "मुझे रेंज में ततैयों के एक ग्रुप ने घेर लिया जिनमे से 4 ततैयों ने डंक मारा, मैं उसके बाद कुछ समय के लिए सुन्न महसूस कर रही थी और चक्कर आ रहा था, मेरा चेहरा लाल हो गया था सूजन शुरू हो गई थी, पूरे शरीर में सनसनी सी महसूस कर रही थी। वहां ज़्यादा लोग नहीं थे, जो कुछ निशानेबाज़ प्रैक्टिस कर रहे थे, वे सभी पुरुष थे, शायद इसीलिए कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। वहां मौजूद गार्ड ने मुझे त्वचा पर रगड़ने के लिए एक स्टील का स्केल दिया। और एक सफाईकर्मी (महिला) ने मेरी गोलियों के खोल उठाने के साथ मुझे अपना सामान पैक करने में मदद की, वर्ण वहाँ कोई प्राथमिक चिकित्सा नहीं थी। "शायद यह पांचवीं बार है जब मुझे डॉ कर्णी सिंह रेंज में ततैयों ने घेरा और हमला किया। मैं सिर्फ टेम्पलेट को बदलने के लिए आगे चली गई थी और सचमुच ततैयों के झुण्ड ने ये खौफनाक हमला किया था। शुक्र है कि मैं अपनी लेन में शूटिंग नहीं कर रही थी, वर्ना मेरे हाथ में लोडेड पिस्तौल होता तो कोई दुर्घटना हो सकती थी।

लवलीन के पिता इश्विंदर जीत सिंह ने कहा, "वह घर लौट आई, लेकिन उसका चेहरा और पैर सूज गए थे, और थोड़ा बुखार भी था। शूटिंग रेंज में ये एक गंभीर समस्या है। मैं संबंधित अधिकारियों से इस मुद्दे पर गौर करने का अनुरोध करता हूं। इसके बारे में एक औपचारिक शिकायत भी अधिकारीयों को दूंगा। लवलीन को हमारे परिवार के डॉक्टर ने एलर्जी की दवा दी थी, तो अब वो बेहतर है। अगर ततैयों ने और बड़ी तादाद में हमला किया होता तो यह ज़्यादा घातक भी हो सकता था "

जाने-माने निशानेबाज़ और भारतीय जूनियर शूटिंग टीम के चीफ कोच जसपाल राणा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "यह चिंता का विषय है, अगर कुछ शूटर शूटिंग के हथियार के साथ शूटिंग रेंज में है और उस समय ऐसा कुछ होता है, तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है। खेल विभाग और संबंधित अधिकारीयों को इसपर गौर करना चाहिए और तुरंत एक्शन लेना चाहिए"

Tuesday 8 August 2017

जसपाल राणा खेल उपकरणों के इम्पोर्ट पर लगाए जा रहे जीएसटी से नाराज़ ,अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल नहीं जीत पाए तो ज़िम्मेदारी सरकार की होगी

जसपाल राणा खेल उपकरणों के इम्पोर्ट पर लगाए जा रहे जीएसटी से नाराज़ ,अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल नहीं जीत पाए तो ज़िम्मेदारी सरकार की होगी

नई दिल्ली:8अगस्त (National24news) निशानेबाज़ी के खेल में इस्तेमाल होने वाले राइफल, पिस्टल और कारतूसों के आयात पर जीएसटी लगाए जाने से देशभर के निशानेबाज़ नाराज़ हैं। कुछ की ट्रेनिंग और प्रैक्टिस रुक गई है तो कुछ निशानेबाज़ इस खेल को ही छोड़ने का मन बना रहे हैं। शूटिंग में इस्तेमाल होने वाले हथियार और बाकि उपकरण विदेशों से ही इम्पोर्ट किये जाते हैं। बंदूकों और कारतूसों के इम्पोर्ट पर अठारह से अठाइस परसेंट जीएसटी लगने के बाद ज़्यादातर निशानेबाज़ों ने अपना इम्पोर्ट रोक दिया है।

भारत के मशहूर निशानेबाज़ और फ़िलहाल भारत की जूनियर पिस्टल शूटिंग टीम के चीफ कोच पद्मश्री जसपाल राणा निशानेबाज़ी के खेल में इस्तेमाल होने वाली बंदूकों और दूसरे उपकरणों को इम्पोर्ट करने पर लगाए जा रहे जीएसटी से नाराज़ हैं। जसपाल राणा को कहते हैं कि ''खेल उपकरणों के आयात पर जीएसटी लगने से उन खिलाडियों को ज़्यादा परेशानी होगी जो आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं। अब से पहले शूटिंग की बंदूकें और अन्य खेलों के लिये इम्पोर्ट होने वाले सामान पर कभी भी ड्यूटी या टैक्स नहीं लगाया गया। जीएसटी लगने से खिलाडियों पर बोझ बढ़ गया है और ऐसे में अगर वो अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल नहीं जीत पाए तो ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।''


जसपाल राणा ने शूटिंग और दूसरे खेलों के सामान के इम्पोर्ट पर जीएसटी के खिलाफ बोलते हुए कहा कि ''मुझे नहीं दिख रहा कि फेडरेशन या सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई की जा रही है। क्यूंकि जिस हिसाब से शूटर्स को परेशानी हो रही है, अभी तक न तो किसी का बयान आया है और न ही किसी ने सोशल मीडिया पर ही इस पर कोई रिएक्शन दिया है। मुझे ताज्जुब होता है कि हमारे खेल मंत्री के पास यहां पांच लेन की रेंज का उद्घाटन करने के लिए पूरा एक दिन था, और भी मंत्री और ओलम्पियन उसमे यहां मौजूद थे, लेकिन उनके पास इतना सोचने का टाइम नहीं है कि इन बच्चों को जीएसटी से क्या परेशानी हो रही है। एक गरीब घर का बच्चा जो क़र्ज़ लेकर बैंक से लोन लेकर शूटिंग के लिए हथियार मंगाता है, उसपर सरकार अठारह परसेंट और अठाइस परसेंट जीएसटी लगा दे, तो वो कैसे उसको पूरा कर पाएगा। शूटिंग का कोई वेपन या इक्विपमेंट इंडिया में नहीं बनता। एक गरीब बच्चा जो लोन लेकर शूटिंग कर रहा है, कैसे भरपाई करेगा इसकी। 

आज तक हम संघर्ष करके यहां तक पहुंचे, संघर्ष के बाद सरकार ने उसपर जीएसटी लगा दिया। मुझे समझ नहीं आता कि सरकार को इससे कितना फायदा होगा, सौ-दो सौ करोड़ या ज़्यादा, क्या इससे हम ओलिम्पिक मेडल ला सकते हैं। शूटिंग और आर्चरी जैसे गेम जिसमे सब कुछ इम्पोर्ट करना पड़ता है। हमें हर चीज़ को ड्यूटी फ्री मंगवाने की आज़ादी थी, उसकी वजह से ही हम यहां तक पहुंचे हैं। खेलों में इस्तेमाल होने वाले समान पर जीएसटी लगाना, मुझे नहीं लगता कि सरकार का सही कदम है।''

नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव राजीव भाटिया ने कहा कि "हमने भारत सरकार के वित्त मंत्री को इस बारे में पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जल्द से जल्द निशानेबाज़ी में इस्तेमाल होने वाले हथियार और इक्विपमेंट से जीएसटी हटाया जाए। इससे निशानेबाज़ों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।" 

जीएसटी का बोझ बढ़ने से बंदूकें और कारतूस महंगा हो गया है, ऐसे में कई शूटर ऐसे भी हैं जो निशानेबाज़ी छोड़ने का मन बना रहे हैं, पिस्टल और रिवॉल्वर पर अठाइस परसेंट जीएसटी लगा है, राइफल, शॉटगन और कारतूसों पर अठारह परसेंट है और दूसरे खेल उपकरणों को इम्पोर्ट करने पर बारह परसेंट जीएसटी देना पड़ रहा है, बिना जीएसटी दिए कस्टम विभाग शूटिंग और दूसरे खेलों के इम्पोर्टेड सामान को रिलीज़ नहीं कर रहा है, ऐसे में खिलाडियों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। कई अन्य जाने-माने निशानेबाज़ों ने इस बारे में वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी है कि जल्द से जल्द खेल सामान पर लगाया गया जीएसटी हटा दिया जाए।

नैशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के पूर्व ट्रेजरर 'संजीव बहल' ने बताया कि "हम लोगों ने कोशिश की कि शूटिंग को ग्रास रूट लेवल तक लेकर जाएं जहाँ टैलेंट है। शूटिंग महंगा खेल है, लेकिन आज इसमें अस्सी परसेंट से ज़्यादा शूटर सामान्य परिवार के हैं, जहाँ पे माँ-बाप मेहनत करके अपने बच्चे के टैलेंट को सपोर्ट करना चाहते हैं। इसपर अठारह और अठाइस परसेंट जीएसटी लगाने से काफी बोझ बढ़ गया है। एक कारतूस तीस रूपए का मिलता है, सरकार उसे तब देती है जब वो कई साल की मेहनत के बाद नैशनल स्कवाड में आता है। तब तक वो अपनी और अपने माँ-बाप की जेब से खर्च करता है। जीएसटी लगने से शूटर्स का मनोबल टूट रहा है। कई तो शूटिंग छोड़ने की सोच रहे हैं, NRAI के प्रेसीडेंट ने सरकार को इस बारे में लिखा है कि शूटिंग और दूसरे खेल सामान से जीएसटी हटाया जाए।'' 

दिल्ली के निशानेबाज़ फरीद अली को भी अपनी शूटिंग के लिए जर्मनी से दो पिस्टल इम्पोर्ट करने हैं, जिनकी कीमत 3100 यूरो यानि तकरीबन दो लाख पच्चीस हज़ार रूपए है। लेकिन जीएसटी लगने के बाद 65 हज़ार रूपए का खर्च और बढ़ गया है, तो फिलहाल इम्पोर्ट करना महंगा पड़ेगा। फरीद को उम्मीद है कि सरकार खिलाडियों के हित में सही फैसला लेगी और जल्द ही शूटिंग और दूसरे खेलों के सामान के इम्पोर्ट से जीएसटी हटा दिया जाएगा और खिलाडियों को राहत की सांस मिलेगी। 

दिल्ली की ट्रैप शूटर 'कथा कपूर कहती है कि ''अभी मैंने शूटिंग के लिए कारतूस इम्पोर्ट किया जिसपर छप्पन हज़ार रूपए जीएसटी देना पड़ा। इस मंथ हमारी गन इम्पोर्ट होने वाली थी, लेकिन हमने नहीं की, इस उम्मीद में कि शायद जीएसटी हट जाए कुछ दिन बाद। छह लाख की गन है जिसपर डेढ़ लाख रूपए जीएसटी देना पड़ेगा। सरकार को खेल उपकरणों के इम्पोर्ट से जीएसटी हटाना चाहिए।''

देहरादून के पिस्टल शूटर कुलदीप वर्मा ने कहा कि ''जीएसटी का बहुत असर हो रहा है, हमारे वेपन काफी महंगे हैं। पहले सारे कस्टम ड्यूटी से एग्ज़म्पटेड थे, अब पिस्टल पर अठाइस परसेंट 

Tuesday 1 August 2017

वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप में भारत का झंडा बुलंद करने वाले जूनियर निशानेबाज़ों को पूछने वाला कोई नहीं: किसी मंत्री या अफसर ने न तो शाबाशी दी न ही प्रोत्साहन

वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप में भारत का झंडा बुलंद करने वाले जूनियर निशानेबाज़ों को पूछने वाला कोई नहीं: किसी मंत्री या अफसर ने न तो शाबाशी दी न ही प्रोत्साहन

नई दिल्ली :2 अगस्त (National24news) वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप में तीन गोल्ड मेडल, दो सिल्वर मेडल, तीन ब्रॉन्ज़ मेडल, और साथ ही दो इवेंट्स में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बावजूद भारत के जूनियर निशानेबाज़ों को पूछने वाला कोई नहीं। पिछले महीने जर्मनी में हुई 'आई.एस.एस.एफ. वर्ल्ड शूटिंग चैम्पियनशिप में भारत की जूनियर निशानेबाज़ी टीम दुनिया के साठ देशों के मुकाबले में चीन के बाद दूसरे स्थान पर रही। इतनी बड़ी उपलब्धि के बावजूद सरकार की तरफ से किसी ने न तो शाबाशी दी, न कोई प्रोत्साहन मिला। किसी मंत्री या बड़े अधिकारी को भारत का झंडा बुलंद करने वाले इन निशानेबाज़ों से मिलने या बात करने का टाइम तक नहीं मिला। इन निशानेबाज़ों में कई दिल्ली और एनसीआर के हैं, जो सरकार की इस बेरुखी और लापरवाही से मायूस हैं। 
हरियाणा के पंद्रह साल के लड़के अनीश भनवाला ने जूनियर वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और पच्चीस मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा कुल मिलाकर पांच मेडल जीते। इस जूनियर चैम्पियन को उम्मीद थी कि अपने देश लौटूंगा तो सरकार सर आँखों पर बिठा लेगी, लेकिन वापस लौटकर मायूसी ही हाथ लगी।  

अनीश भनवाला ने कहा कि  "हम अभी जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेकर आए हैं, वहां मैंने दो इंडिविजुअल और तीन टीम मेडल जीते हैं, जिसमे से एक गोल्ड था वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ स्टैंडर्ड पिस्टल में। हमारी टीम का अच्छा प्रदर्शन रहा, ओवरऑल सेकंड पोज़िशन थी। मगर जैसी उम्मीद थी कि इंडिया आकर बहुत स्वागत होगा, कुछ नहीं हुआ, सरकार की तरफ से कोई प्रोत्साहन या शाबाशी नहीं मिली। मायूसी हो रही है कि कुछ तो प्रोत्साहन मिलना चाहिए था।"
दस मीटर पिस्टल इवेंट में हरियाणा की ही यशस्विनी देसवाल ने वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की। वहीँ दिल्ली के शिवम शुक्ला ने एक टीम गोल्ड और एक ब्रॉन्ज़ मेडल जीता। हरियाणा के अनमोल जैन ने दो मेडल और मुस्कान ने एक मेडल जाता। इन सब निशानेबाज़ों को इस बात का दुःख है कि खेल मंत्रालय या खेल विभाग से किसी ने भी इनसे मिलना तक ज़रूरी नहीं समझा। 

शिवम शुक्ला ने मायूसी के साथ कहा कि "मैंने रैपिड फायर में एक टीम गोल्ड और एक ब्रॉन्ज़ जीता, हमारी टीम का अच्छा प्रदर्शन होने के बाद यहां हमें कोई प्रोत्साहन नहीं मिला जैसी कि उम्मीद थी कि भारत आकर हमारा अच्छा स्वागत होगा, लेकिन यहां खेल मंत्रालय या विभाग की तरफ से कोई मिलने तक नहीं आया।"

गुड़गांव की निशानेबाज़ मुस्कान कहती है कि 'मैंने जूनियर वर्ल्ड चैम्पयनशिप में टीम मेडल जीता, और साठ देशों में हमारी टीम सेकंड आई, लग रहा था कि एयरपोर्ट पर हमारा भव्य स्वागत होगा मगर कुछ नहीं हुआ।'' 

अनमोल जैन ने भी दुखी मन से कहा कि ''वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेरे दो मेडल थे, एक गोल्ड एक सिल्वर, अभी तक हमें सरकार की तरफ से कुछ नहीं मिला, महसूस हो रहा है कि हमें किसी ने पूछा तक नहीं।'' 
भारत की जूनियर शूटिंग टीम के चीफ कोच और जाने-माने निशानेबाज़ पद्मश्री जसपाल राणा भी इस बात से काफी नाराज़ हैं, और इसे वो इन जूनियर खिलाडियों का अपमान मान रहे हैं। इतने बेहतर प्रदर्शन और इतनी बड़ी कामयाबी के बावजूद इनसे मिलना तो दूर किसी मंत्री या बड़े अफसर ने इन बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए एक ट्वीट तक नहीं किया।

जसपाल राणा ने सरकारी रवैय्ये पर सवाल उठाते हुए कहा कि ''इंडियन जूनियर शूटिंग टीम के बच्चों ने वर्ल्ड कप में इतना अच्छा परफॉर्म किया, हम वर्ल्ड में दूसरे नंबर पर आए। लेकिन गवर्नमेंट का रवैय्या बेहद अफसोसनाक है। पहले जब मैं शूटिंग करता था तो बच्चों सीधा एयरपोर्ट से प्राइम मिनिस्टर हाउस ले जाते थे। तो गर्व महसूस होता था कि हमने देश के लिए कुछ किया, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि बच्चों को एक फोन तक नहीं आया, बधाई का संदेश तक नहीं आया। किसी ने एक ट्वीट तक नहीं किया जिसमे ये कहा गया हो कि बच्चों ने बहुत अच्छा किया, खास तौर से उन बच्चों ने जो देश का नाम रोशन करके आए, वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर आए। ये वो बच्चे हैं जो कल को ओलिंपिक मेडल जीतेंगे, लेकिन अभी हम इनका प्रोत्साहन नहीं करेंगे तो आगे के भविष्य का भगवान ही मालिक है। मैं ये गुज़ारिश करूंगा खेल मंत्री से और खेल विभाग से कि आप इन बच्चों का हौसला बढ़ाइए, बाकि सुवधाएं आप दे रहे हैं, लेकिन प्रोत्साहन न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है।'' 

इस बारे में बात करने के लिए हमने केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल से कई बार सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई।  सरकारी बेरुखी से नाराज़ जसपाल राणा मानते हैं कि ''इस बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में हम दूसरे नंबर पर आए, चाइना को हराने के लिए हमें बहुत मेहनत की ज़रूरत है। लेकिन जिस तरह हमारी टीम ने रशिया, अमेरिका और यूरोपियन कंट्रीज़ को हराया है, उससे नहीं लगता कि वो लोग आराम से बैठेंगे, और इस हार को कुबूल कर पाएंगे। हम यहां तक अपनी मेहनत से पहुंचे हैं, लेकिन इस पोज़िशन को बनाए रखना भी मुश्किल होगा। अगर सही प्रोत्साहन नहीं मिलेगा तो इन उभरते निशानेबाज़ों का मनोबल टूट सकता है। 

Friday 28 July 2017

अंर्तराष्ट्रीय शूटर अनमोल जैन ने 50 मीटर फ्री पिस्टल में जीता गोल्ड़ मैडल

अंर्तराष्ट्रीय शूटर अनमोल जैन ने 50 मीटर फ्री पिस्टल में जीता गोल्ड़ मैडल

बल्लभगढ़28 जुलाई (National24news)सूरजकुंड स्थित कर्णी सिंह शूटिंग रैंज में आयोजित 17वीं कुमार सुरेंद्र सिंह मैमोरियल शूटिंग चैम्पियनशिप में अंर्तराष्ट्रीय शूटर अनमोल जैन ने जूनियर वर्ग में अपनी शानदार निशानेबाजी की बदौलत 50 मीटर फ्री पिस्टल में गोल्ड़ मैडल पर अपना कब्जा जमाया है। बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में अंर्तराष्ट्रीय शूटर अनमोल जैन बीबीए प्रथम के छात्र हैं। 17वीं कुमार सुरेंद्र सिंह मैमोरियल शूटिंग चैम्पियनशिप का आयोजन 26 जुलाई से लेकर एक अगस्त तक सूरजकुंड स्थित कर्णी सिंह शूटिंग रैंज में चल रही है।  शूटर अनमोल जैन ने जूनियर वर्ग में 50 मीटर फ्री पिस्टल में 600 में 547 का शानदार स्कोर मारकर पहला स्थान हासिल किया।

अनमोल जैन की शानदार सफलता पर उसके कोच राकेश सिंह व अग्रवाल विधा प्रचारिणी सभा के चेयरमैन देवेंद्र गुप्ता, प्रिंसिपल डॉ.के.के गुप्ता ने अनमोल जैन को बधाई देते हुए जीवन में तरक्की करने का आर्शीवाद दिया है। अनमोल जैन की इस सफलता पर शहर के व्यापारी प्रेम खट्टर, हरीश धवन, महेश मित्तल, प्रमोद मित्तल, डुगंर सिंह राजपुरोहित, सुनील गोयल,शिव शंकर मित्तल सहित शहरवासियों ने उन्हें व उनके कोच सहित परिवार को बधाई दी है।





केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल को करना पड़ा निशानेबाज़ों के गुस्से का सामना,खिलाडियों पर जीएसटी का सबसे ज़्यादा बोझ

केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल को करना पड़ा निशानेबाज़ों के गुस्से का सामना,खिलाडियों पर जीएसटी का सबसे ज़्यादा बोझ

नई दिल्ली : 28जुलाई (National24news) शूटिंग के लिए बन्दूकें और अन्य सामान आयत करने पर देना पड़ रहा है बारह से अठाइस परसेंट तक का टैक्स, जबकि पहले ये सामान ड्यूटी और टैक्स फ्री था  गुरुवार को दिल्ली की डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज पर एक 10 मीटर मिनी शूटिंग रेंज का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल को खेल सैमसन के आयात पर जीएसटी से नाराज़ निशानेबाज़ों के सवालों से जूझना पड़ा, इस मौके पर केन्दीय मंत्री और ओलिम्पिक पदक विजेता राजयवर्धन सिंह राठौर और देश के कई जाने-माने निशानेबाज़ भी उपस्थित थे। अमेठी की रहने वाली इंटरनैशनल शूटर रूचि के पिता जितेंद्र सिंह ने खेल मंत्री विजय गोयल से उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान पूछा कि ''शूटिंग के लिए विदेशों से बंदूक, कारतूस और अन्य सामान इंपोर्ट करने पर निशानेबाज़ों को अठारह से अठाइस परसेंट तक जीएसटी देना पड़ रहा है, ऐसे में आप खेल मंत्री होने के नाते खिलाड़ियों के हित में क्या कर रहे हैं।" जितेंद्र सिंह ने ये सवाल कार्यक्रम के दौरान कई बार पूछा तो इस पर विजय गोयल ने कार्यक्रम के बाद जवाब देने को कहा, लेकिन कार्यक्रम खत्म होते ही वो बिना कोई जवाब दिए ही निकल गए।

बाद में जितेंद्र सिंह ने बातचीत में कहा कि निशानेबाज़ी पहले ही महंगा खेल है। हमारे देश में अच्छी किस्म के हथियार और कारतूस नहीं बनते तो हमें शूटिंग के लिए विदेशों से सामान इम्पोर्ट करना पड़ता है। अब से पहले यह सब सामान ड्यूटी फ्री हुआ करता था, अब पिस्टल और रिवॉल्वर के आयात पर अठाइस परसेंट, राइफल, शॉटगन, एयर गन और कारतूस मंगवाने पर अठारह परसेंट और शूटिंग के साथ ही अन्य खेलों के बाकी इक्विपमेंट इम्पोर्ट करने पर बारह परसेंट जीएसटी देना पड़ रहा है। ज़्यादातर निशानेबाज़ अपने खर्च पर शूटिंग करते हैं, ऐसे में उन पर और ज़्यादा बोझ बढ़ेगा। 

इस पर जाने माने निशानेबाज़ जसपाल राणा का कहना है कि "सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए कि हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कैसे करें। निशानेबाज़ी का सामान पहले ही काफी महंगा है और अब जीएसटी लगने से और ज़्यादा महंगा हो गया है। केंद्रीय मंत्री विजय गोयल कि ज़िम्मेदारी बनती है कि वो देश के खिलाडियों के हित में वित्त मंत्रालय और जीएसटी काउंसिल से सिफारिश करके खिलाडियों के इम्पोर्टेड सामान से जीएसटी हटवाएं ताकि निशानेबाज़ बेहतर प्रैक्टिस करें और देश का नाम रोशन करें।"

जसपाल राणा ने कहा कि "सरकार खिलाडियों को कुछ देने के बजाय और ज़्यादा टैक्स वसूल रही है। खेल मंत्री निशानेबाज़ों के सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं जबकि कई लोगों का माल एयरपोर्ट पर ही फंसा हुआ है" जसपाल ने कहा कि "यहां पांच लेन की शूटिंग रेंज का उद्घाटन करने के लिए मंत्री जी आ गए, जबकि डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज पर ही अस्सी लेन की शूटिंग रेंज की हालत खस्ता है।"

निशानेबाज़ खेल सामान के आयात पर जीएसटी लगने से सबसे ज़्यादा परेशान हैं, क्यूंकि बोझ भी इन्ही पर ज़्यादा पड़ा है। कई निशानेबाज़ों ने अपने सामान का इम्पोर्ट रुकवा दिया है। कुछ निशानेबाज़ों ने कस्टम विभाग को अठारह से अठाइस परसेंट जीएसटी देकर सामान छुड़ाया है। निशानेबाज़ों को उम्मीद है कि सरकार खिलाडियों की आवाज़ सुनेगी और इम्पोर्ट से जीएसटी हटा देगी। ज़्यादातर निशानेबाज़ इसी उम्मीद में हैं, और फ़िलहाल सामान नहीं मंगवा रहे हैं। लेकिन इससे उन निशानेबाज़ों की प्रैक्टिस का नुक्सान हो रहा है, और इस तरह परफॉर्मेंस भी ख़राब होगी। 


Tuesday 25 July 2017

कार्णिक राज शर्मा ने दिल्ली स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में जीते चार गोल्ड मेडल

कार्णिक राज शर्मा ने दिल्ली स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में जीते चार गोल्ड मेडल

नई दिल्ली : 25जुलाई (National24news)भारत के निशानेबाजों ने पूरी दुनिया में अपना दबदबा कायम किया है, अब दिल्ली की डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में हुई दिल्ली स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में कई नए शूटर उभरकर आए हैं, 

दिल्ली के निशानेबाज़, भले ही कम उम्र हैं, मगर हौसला बड़ा रखते हैं, हालाँकि निशानेबाज़ी बहुत महंगा खेल है, लेकिन दिल्ली स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में कार्णिक राज शर्मा ने ट्रैप और डबल ट्रैप इवेंट्स में चार गोल्ड मेडल जीतकर सबको हैरान कर दिया है, 

चार गोल्ड मेडल जीतने वाले निशानेबाज़ कार्णिक राज शर्मा ने कहा ''मैंने चार गोल्ड मेडल जीते हैं, अभूत अच्छा लग रहा है, लेकिन दिल्ली में शॉटगन की प्रैक्टिस के लिए सिर्फ ये एक ही रेंज है, जो लोग दूर से आते हियँ उन्हें परेशानी होती है,''

निशानेबाज़ी के इस दंगल में दिल्ली के तकरीबन पांच सौ निशानेबाज़ों ने हिस्सा लिया, इससे पहले दिल्ली इंटर-स्कूल शूटिंग चैंपियनशिप में भी करीब दो सौ बच्चों ने भाग लिया, दिल्ली स्टेट राइफल एसोसिएशन के सचिव राजीव शर्मा कहते हैं कि शूटिंग रेंज कम होने के बावजूद इस खेल को बढ़ावा देने के लिए हम लोग भरपूर कोशिश कर रहे हैं, ज़रूरी है कि दिल्ली के हर कोने में शूटिंग रेंज खोली जाएं, ताकि बच्चों कि मशक्क्त कम हो, 

दिल्ली स्टेट राइफल एसोसिएशन के सचिव राजीव शर्मा ने बताया ''शूटिंग का स्तर हर साल बढ़ रहा है, छोटे बच्चों का जूनियर लेवल पर पार्टिसिपेशन बढ़ गया है, दिल्ली में कर्णी सिंह शूटिंग रेंज है जहाँ फायर आर्म्स भी चला सकते हैं, छोटी दस मीटर कि कई रेंज बन गई है, जितनी ज़्यादा रेंज होंगी उतना ही फायदा होगा, दिल्ली के हर कोने में शूटिंग रेंज खोली जाए, स्कूल लेवल पर भी शूटिंग पॉपुलर हो''

दिल्ली के पिस्टल शूटर फरीद अली ने 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल और 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल इवेंट में सिल्वर मैडल जीते, तो वहीं दस मीटर एयर पिस्टल और 50 मीटर फ्री पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज़ मेडल जीते, दिल्ली में कई ऐसे उभरते शूटर भी हैं जो सुविधाओं के अभाव में भी ओलिम्पिक में पदक जीतने का जज़्बा और क़ुव्वत रखते हैं, 

दिल्ली स्टेट राइफल एसोसिएशन दिल्ली के निशानेबाजों के लिए हर सम्भव सुविधा उपलब्ध करवा रही है, ... लेकिन फेडरेशन के पास अपनी ज़मीन नहीं है, जिसपर एक अच्छी शूटिंग रेंज बनाई जा सके, और स्पोर्ट्स अथॉरिटी की डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में अक्सर नए शूटर्स की एंट्री बन्द कर दी जाती है, जिससे नए और उभरते निशानेबाजों का मनोबल टूटता है, ... ज़मीन लेने के लिए फेडरेशन ने कई बार कोशिश की है लेकिन दिल्ली में ज़मीन की भाव अब आसमान पर हैं और दिल्ली रायफल संघ के पास इतना पैसा नहीं, अगर केंद्र सरकार या दिल्ली के उपराज्यपाल चाहें तो डी.एस.आर.ए. को ज़मीन मुहैय्या कराई जा सकती है, या फिर साईं ही अपनी पालिसी में सुधार करके सबको अभ्यास का बराबर मौका दे, 

पद्मश्री जसपाल राणा ने खेल सामानों के आयात पर जीएसटी के खिलाफ आवाज उठाई

पद्मश्री जसपाल राणा ने खेल सामानों के आयात पर जीएसटी के खिलाफ आवाज उठाई

नई दिल्ली : 25जुलाई (National24news) निशानेबाज़ी और दूसरे खेलों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर जीएसटी लगाए जाने से नाराज़ भारत के जाने-माने निशानेबाज़ जसपाल राणा ने खेलों के प्रति सरकारी अनदेखी के खिलाफ आवाज़ उठाई है। जसपाल राणा ने कहा कि अब से पहले शूटिंग की बंदूकें और अन्य खेलों के लिये इम्पोर्ट होने वाले सामान पर कभी भी ड्यूटी या टैक्स नहीं लगाया गया। जीएसटी लगने से खिलाडियों पर बोझ बढ़ेगा और और ऐसे में अगर वो अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल नहीं जीत पाए तो ज़िम्मेदारी सरकार की होगी। 

देश की निशानेबाज़ी को बुलंदियों पर लाने वाले भारत के मशहूर निशानेबाज़ और फ़िलहाल भारत की जूनियर पिस्टल शूटिंग टीम के चीफ कोच जसपाल राणा निशानेबाज़ी के खेल में इस्तेमाल होने वाली बंदूकों और दूसरे उपकरणों को इम्पोर्ट करने पर लगाए जा रहे जीएसटी से नाराज़ हैं। जीएसटी लगने से शटिंग के लिये इस्तेमाल होने वाले हथियार इम्पोर्ट करने के लिये कस्टम विभाग अठारह से अठाइस परसेंट जीएसटी वसूल रहा है, दूसरे खेलों के के लिये इम्पोर्ट होने वाले सामान पर भी जीएसटी वसूली जा रही है। जसपाल कहते हैं कि इससे खिलाडियों पर बोझ बढ़ेगा और उनकी परफॉर्मेंस पर असर पड़ेगा।

पद्मश्री जसपाल राणा ने कहा कि ''सब लोगों ने अपील की है, मेरा सरकार ये कहना है कि आज तक खेलों को बढ़ावा देने के लिये न कोई ड्यूटी लगाई गई न ही टैक्स लगाया गया। वो इसलिए ताकि जिनके पास इतने साधन नहीं हैं, वो अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं। उनके ऊपर अठाइस परसेंट और अठारह परसेंट जीएसटी लगा देने से न तो खेल का भला होगा और न ही देश का भला होगा। खेल ही एक ऐसी चीज़ थी जिससे हम विदेशों में जाकर अपना लोहा मनवा सकते थे। लेकिन अब जो बच्चे ऊपर आ रहे थे उनको जीएसटी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, जो वेपन एक लाख का आ रहा था, वो एक लाख अठाइस हज़ार का हो जाएगा और जो पांच लाख का आ रहा था वो उस रेशियो के हिसाब से महंगा हो जाएगा।''

पिस्टल और रिवॉल्वर पर अठाइस परसेंट जीएसटी लगा है। राइफल, शॉटगन और कारतूसों पर अठारह परसेंट है और दूसरे खेल उपकरणों को इम्पोर्ट करने पर बारह परसेंट जीएसटी देना पड़ रहा है। बिना जीएसटी दिए कस्टम विभाग शूटिंग और दूसरे खेलों के इम्पोर्टेड सामान को रिलीज़ नहीं कर रहा है, ऐसे में खिलाडियों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। कुछ निशानेबाज़ों ने तो अपना इम्पोर्ट फ़िलहाल रोक दिया है, इंतज़ार कर रहे हैं कि शायद सरकार इनकी फरियाद सुन ले।

दिल्ली की उभरती निशानेबाज़ कथा कपूर ने बताया कि ''अभी मैंने एम्युनिशन इम्पोर्ट किया जिसपर छप्पन हज़ार रूपए जीएसटी देना पड़ा। इस महीने हमारी गन इम्पोर्ट होने वाली थी, लेकिन हमने नहीं की, इस उम्मीद में कि शायद जीएसटी हट जाए कुछ दिन बाद, छह लाख की गन है जिसपर डेढ़ लाख रूपए जीएसटी देना पड़ेगा, सरकार को खेल उपकरणों के आयात से जीएसटी हटाना चाहिए।''

निशानेबाज़ अमित शर्मा कहते हैं ''जीएसटी लगने से शूटर्स पर बोझ बढ़ा है। एग्ज़म्पशन से खिलाडियों को जो प्रोत्साहन मिलता है, वो खत्म हो जाएगा अगर जीएसटी लगी रहेगी। जीएसटी कौंसिल को इस बारे में सोचना चाहिए था, जीएसटी को पूरी तरह हटा देना चाहिए खेल उपकरणों के इम्पोर्ट से।'' 

भारतीय जूनियर शूटिंग टीम के कोच जसपाल राणा को लगता है कि खेल उपकरणों के आयात पर जीएसटी लगने से उन खिलाडियों को ज़्यादा परेशानी होगी जो आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं।

भारतीय जूनियर शूटिंग टीम के चीफ कोच जसपाल राणा ने खेलों के प्रति सरकारी उदासीनता पर अफ़सोस जताते हुए कहा कि ''अगर इसी तरह से रेट बढ़ते चले जाएंगे तो आने वाे समय में एक गरीब बच्चा एक आम बच्चा जिसकी सब बात कर रहे हैं, वो कैसे निकलकर बाहर आएगा। मैं सिर्फ शूटिंग की बात नहीं कर रहा हूँ, रिंग, हॉर्स राइडिंग, बिलियर्ड्स सब जगह विदेशी इक्विपमेंट यूज़ होता है, हमारे देश में वो नहीं बनता है। अगर हमें दुनिया के खिलाडियों से कम्पीट करना है तो वही चीज़ चाहिए जो मार्किट में बेस्ट है, उन चीज़ों पर आप जीएसटी लगा देंगे, ऐसे में अगर हम मेडल नहीं जीत पाए तो उसकी ज़िम्मेदारी भारत सरकार कि होगी।'' 

एक तरफ सरकार खेलों को बढ़ावा देने की बात करती है, गरीबों को आगे लेन की बात करती है। लेकिन ओलिंपिक, एशियन गेम्स और दूसरे बड़े अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भारतीय खिलाडी काफी पीछे हैं। इसके लिये काफी हद तक सरकार की नीतियां और खेलों के प्रति अनदेखी भी ज़िम्मेदार है।

Sunday 16 July 2017

खेलों को स्कूल स्तर पर बढ़ावा दिया जाए, तभी हम दुनिया की बड़ी खेल शक्ति बनेंगे; जसपाल राणा

खेलों को स्कूल स्तर पर बढ़ावा दिया जाए, तभी हम दुनिया की बड़ी खेल शक्ति बनेंगे; जसपाल राणा

दिल्ली :16 जुलाई (National24news)  21 वीं दिल्ली स्टेट इंटर-स्कूल शूटिंग चैम्पियनशिप आज खत्म हो गई है, और 33 वीं दिल्ली राज्य निशानेबाजी चैम्पियनशिप 2017 आज से डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, तुगलकाबाद, नई दिल्ली में शुरू हो गई। निशानेबाजों ने प्रतियोगिता के पहले दिन अपनी अपनी स्पर्धाओं में अभ्यास किया, दिल्ली स्टेट इंटर-स्कूल शूटिंग चैंपियनशिप के समापन पर सभी जीतने वाले निशानेबाज़ों को मेडल देकर सम्मानित किया गया,

दिल्ली राज्य राइफल संघ के सचिव राजीव शर्मा ने जानकारी दी कि इस बार दिल्ली स्टेट इंटर-स्कूल शूटिंग चैंपियनशिप में दिल्ली के पचास से ज़्यादा स्कूलों के 170 बच्चों ने भाग लिया, .. वहीँ दिल्ली स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि राइफल और पिस्तौल की इवेंट्स 17 से 20 जुलाई तक और शॉटगन की स्पर्धाएं 21 से 24 जुलाई तक आयोजित की जाएँगी। प्रतियोगिता में 500 से ज़्यादा निशानेबाज़ हिस्सा ले रहे हैं, आईएसएसएफ और नैशनल रूल्स मुकाबलों में सीनियर, जूनियर और यूथ कैटेगरीज़ में राइफल पिस्टल के छब्बीस और शॉटगन के बारह मुकाबले होंगे,

प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय शूटर और दिल्ली राज्य राइफल संघ के कार्यकारी चेयरमैन पद्मश्री जसपाल राणा ने कहा कि " शूटिंग खेल लोकप्रिय हो रहा है और कई नए चेहरे इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे, नए निशानेबाज़ नए उत्साह के साथ प्रतियोगिता में उतरेंगे, उम्मीद है इनमे से कई निशानेबाज़ आगे आने वाले समय में ओलिम्पिक और दूसरी बड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में देश का नाम रौशन करेंगे , अब ज़रूरी है कि खेलों को स्कूल स्तर पर बढ़ावा दिया जाए, तभी हम दुनिया की बड़ी खेल शक्ति बनेंगे।

वसंत घाटी विद्यालय के शौर्य सरीन ने 10 मीटर एयर पिस्टल (आईएसएसएफ) जूनियर पुरुष समारोह में 562 रन बनाकर स्वर्ण पदक जीतने के लिए, नेंदरिया विद्यालय के मनीष गौर को, जेएनयू ने 557 में रजत जीता, जबकि एमिटी इंटरनेशनल स्कूल के प्रकाशल जैन ने 553 अंक पर कांस्य पदक जीता। ।
एसएसएलटी गुजरात एसआरओ सिकोडरी स्कूल के ऋषिका वर्मा ने 10 मीटर एयर राइफल (आईएसएसएफ) जूनियर महिला स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के लिए 357 स्कोर किए, संस्कृति स्कूल के दमिनी जय सिंह 323 में रजत जीता और गुरु हरकिशन सार्वजनिक विद्यालय की विनीत कौर ने 320 अंक।

अमन आर्यन रोच, हिमांशु सहवाग और सनंद कुमार सिंघल ने 10 मीटर एयर राइफल (एनआर) जूनियर पुरुष चैंपियनशिप में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते। ऋषभ त्यागी, सचिन सिंह और नीतीश थारेजा ने 10 मीटर एयर राइफल (एनआर) उप जूनियर पुरुष स्पर्धा में पदक जीता। प्रियंका जोनवाल, अवंतिका थापा और रितंब्रा दास ने 10 मीटर एयर राइफल (एनआर) जूनियर महिला के पदक जीते। भाविका तिवारी, अक्षरा नायर और सोहनी गुजराल ने 10 मीटर एयर राइफल (एनआर) सब जूनियर महिलाएं जीतीं।

कुणाल गौर, टिटिकश उप्पल और अनंत झा ने 10 मीटर एयर पिस्टल (एनआर) जूनियर पुरुष स्पर्धा के पदक जीते। अग्नेया कौशिक, पार्टिक राणा और आर्यन छिकार ने 10 मीटर एयर पिस्टल (एनआर) उप जूनियर पुरुषों के पदक जीते। महिमा सिंह, तहेरिंग डोलमा शेरपा और राधिका शुक्ला ने 10 मीटर एयर पिस्टल (एनआर) जूनियर महिला स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। जबकि शोरि गुप्ता, खुशी कपूर और अश्ना थापा ने 10 मीटर एयर पिस्टल (एनआर) सब जूनियर महिला कैटेगरी में स्वर्ण, रजत और ब्रॉज़ मेडल जीते।

दिल्ली स्टेट रायफल एसोसिएशन के सचिव राजीव शर्मा ने बताया, "हम खुश हैं क्योंकि दिल्ली के 50 से अधिक स्कूलों के 170 निशानेबाजों ने दिल्ली राज्य इंटर स्कूल शूटिंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया।" उन्होंने कहा, "दिल्ली राज्य शूटिंग चैंपियनशिप, राइफल और पिस्टल के आयोजनों में मैच 17 से 20 जुलाई तक आयोजित किए जाएंगे और शॉटगन मैच 21 से 24 जुलाई तक होंगे। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 500 निशानेबाज भाग लेंगे। कुछ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी चैंपियनशिप के लिए दावा करने के लिए भाग लेंगे।

इस प्रतियोगिता में राइफल और पिस्टल मैचों में 26 श्रेणियां और शॉटगन मैचों में 12 श्रेणियां होंगे, जिनमें आईएसएसएफ और राष्ट्रीय नियम श्रेणियां शामिल हैं। सीनियर, जूनियर और यूथ श्रेणियों में सभी शॉटगन, राइफल और पिस्तौल आयोजन होंगे।

प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय शूटर और दिल्ली स्टेट रायफल एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष पद्मश्री जसपाल राणा ने कहा कि "शूटिंग स्पोर्ट की लोकप्रियता बढ़ रही है और कई नए चेहरे इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे और नए निशानेबाज ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक रहित खेल, हमें खेल स्तर को स्कूल स्तर पर प्रोत्साहित करना चाहिए। ''

Friday 7 July 2017

स्वर्ण पदक विजेता उनिशा का मानव रचना स्कूल चार्मवुड में स्वागत

स्वर्ण पदक विजेता उनिशा का मानव रचना स्कूल चार्मवुड में स्वागत

फरीदाबाद:7जुलाई(National24news)हरियाणा स्टेट इंटर स्कूल शूटिंग चैपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली मानव रचना स्कूल चार्मवुड की नवीं कक्षा की छात्रा उनिशा का आज स्कूल में डायरेक्टर योगिता शर्मा व प्रधानाचार्य अर्पिता चर्तुर्वेदी ने स्वागत किया। उनिशा ने अभी हॉल ही में डॉ0 कर्णी सिहं शूटिंग रेंज में आयोजित हरियाणा स्टेट इंटर स्कूल शूटिंग चैपियनशिप में 10 मीटर सब जूनियर वूमैन स्पर्धा(एयर पिस्टल) में स्वर्ण पदक जीता है। इस अवसर पर स्कूल की डायरेक्टर योगिता शर्मा व प्रधानाचार्य अर्पिता चर्तुर्वेदी ने उनिशा के स्वर्ण पदक जीतने पर ढेर सारी शुभकमानाएं देते हुए कहा कि स्कूल को तुम जैसी बेटियों पर नाज है। 

उन्होनें कहा कि उनिशा पढ़ाई के साथ साथ खेल में भी अव्वल रहकर दूसरे बच्चों के लिए प्रेरणा बनी है। उन्होनें कहा कि वे उनिशा के उज्जवल भविष्य की कामना करती है। इस मौके पर उनिशा के कोच दीपक ने कहा कि उनिशा प्रतिभा की धनी है और इसका निशाना गजब का है उसमेंं एक अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी बनने के सभी लक्षण मौजूद है। दीपक ने कहा कि उनिशा की मेहनत और लगन को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वह दिन दूर नहीं जब फरीदाबाद की यह बेटी देश ही नहीं अपितु विदेशो में भी अपना व अपने माता पिता का नाम रोशन करेगी। इस मौके पर उनिशा ने मानव रचना एजूकेशन सोसाईटी के सर्वोसर्वा प्रंशात भल्ला और अमित भल्ला का धन्यवाद किया जिन्हानें स्कूल में खिलाडिय़ों के लिए बेहतर सुविधाएं और बेहतर माहौल मुहैया करा रखा है जिस कारण खिलाड़ी अपने को बेहतर से और बेहतर बना रहे है। 

उनिशा ने कहा कि माता पिता और गुरूजनों के आर्शीवाद की बदौलत ही वो इस स्पर्धा को जीत पाई है। उनिशा ने कहा कि उनके पिता ताऊ राजकुमार भड़ाना ने सदैव उन्हें आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी है और समय समय पर उन्हें ऐसे टिप्स दिए है जिस कारण उन्हें जिन्दगी में हमेशा सफलता मिली है।

Thursday 29 June 2017

जर्मनी मैं जूनियर वल्र्ड चैम्पियनशिप मैं फरीदाबाद के अनमोल जैन ने जीता गोल्ड मैडल

जर्मनी मैं जूनियर वल्र्ड चैम्पियनशिप मैं फरीदाबाद के अनमोल जैन ने जीता गोल्ड मैडल


फरीदाबाद 29 जून(National24news) जर्मनी के सुहल में चल रहे आईएसएसएफ जूनियर वल्र्ड चैम्पियनशिप में बुधवार देर शाम 10 मीटर एयर पिस्टल टीम इवेंट भारत के अनमोल जैन व यशस्विनी सिंह देशवाल ने शानदार निशानेबाजी का परिचय देते हुए गोल्ड मैडल पर कब्जा जमाया। चैम्पियनशिप 22 से 29 जून तक सुहल में हुई। जूनियर वल्र्ड चैम्पियनशिप के आखिरी दिन टीम इवेंट में 29 देशों की 44 टीमों के 88 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। 10 मीटर एयर पिस्टल में अनमोल और यशस्विनी सिंह देसवाल ने 7 अंक हासिल किए। जिन्होंने रशिया की टीम-2 के अलेक्जेंडर पेत्रोव और नाडेज़्दा कोंडा को हराकर स्वर्ण पदक जीता। रशिया की टीम ने सिल्वर व कोरिया-1 की टीम के माथिल्ड लैमोले और निकोलस थिएल ने कॉस्य पदक जीता। इससे पहले 10 मीटर एयर पिस्टल में अनमोल जैन, पंजाब के अर्जुन सिंह चीमा व यूपी के सौरभ चौधरी की टीम ने कॉस्य पदक पर कब्जा जमाया। इधर, यशस्विनी ने भी 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मैडल जीतकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की।
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अनमोल जैन के गोल्ड मैडल जीतने पर बधाई
: अंर्तराष्ट्रीय शूटर अनमोल जैन द्वारा टीम इवेंट में गोल्ड मैडल हासिल करने पर शहरवासियों ने उसे व उसके परिवार को बधाई दी है। अग्रवाल कॉलेज के प्रॉचार्य डॉ.के.के.गुप्ता, रावल एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन सीबी
रावल, हरियाणा व्यापार मंडल बल्लभगढ़ के प्रधान प्रेम खट्टर, व्यापारी महेश गोयल, हरीश धवन, भाजपा उपप्रधान मूल चंद मित्तल सहित अनेकों शहरवासियों ने खुशी जाहिर करते हुए अनमोल जैन के उज्जवल भविष्य की कामना की है।

Monday 22 May 2017

फौगाट स्कूल के तीरंदाज यश वैष्णव ने राष्ट्रीय  स्तर पर जीता स्वर्ण

फौगाट स्कूल के तीरंदाज यश वैष्णव ने राष्ट्रीय स्तर पर जीता स्वर्ण

फरीदाबाद: 22 मई(National24news.com) अजमेर (राजस्थान ) करणी शूटिंग अकादमी में आयोजित पांच दिवसीय चौथीसम्राट पृथ्वीराज चौहान शूटिंग एवं आर्चरी ओपन चैंपियनशिप 2017  का आयोजन हुआ ।यह आयोजन दिनांक 16  मई से 20  मई तक हुआ।जिसमे विभिन्न वर्गों के 400  प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया ।जिसमे फौगाट पब्लिक स्कूल से. 57 के छात्र यश वैष्णव ने 30  मीटर ,50  मीटर,व 60  मीटर  की दूरी में रिकर्व राउंड में प्रथम स्थान हासिल किया । गोल्डन बॉय के फरीदाबाद आगमन पर स्कूल में आयोजित सादे समारोह का आयोजन किया गया जिसमे खिलाडी का फूल मालाओं से सम्मान किया गया।

इस मौके पर फौगाट स्कूल के निदेशक सतीश फौगाट जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि लक्ष्य का भेदन एकाग्रता,तल्लीनता तथा एक ही बिंदु पर ध्यान केंद्रित करने से ही संभव है।सभी स्टाफ व स्कूल विद्यार्थियों ने विजेता तीरंदाज को बधाई दी उन्होंने उम्मीद जताई है कि भविष्य में खिलाडी अंतर्राष्ट्रीय  स्तर पर खेलकर स्कूल ,समाज  व देश का नाम रोशन करेगा। 

उन्होंने कहा कि खेल हमें  सकारात्मक दिशा प्रदान करके जीने का जज्बा पैदा करते हैं।खेल जीवन के विकास में अहम् भूमिका निभाते हैं । फौगाट संस्थान विधार्थियों के चहुंमुखी विकास में कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी।इस मौके पर चेयरमैन रणबीर सिंह,निकेता सिंह,गोविन्द सिंह,विकास सोलंकी, दीपचंद डागर,कमलेश शर्मा, निर्मल,रुचिका ,सुमन चोपड़ा,रेनू माथुर ,ऋतू चौधरी ,संगीता रावत पूनम श्रीवास्तव,हेमलता सैनी उषा सिंह,आदि मौजूद थे।

Friday 28 April 2017

सीपीएस सीमा त्रिखा ने किया दूसरी रॉयल आेपन नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप का उद्घाटन

सीपीएस सीमा त्रिखा ने किया दूसरी रॉयल आेपन नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप का उद्घाटन


फरीदाबाद : 28 अप्रैल(National24news.com) सेक्टर-12 खेल परिसर स्थित रॉयल शूटिंग अकादमी में शुक्रवार को दूसरी रॉयल आेपन नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप की शुरूआत हो गई। चैंपियनशिप का शुभारंभ मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा ने किया। उन्होने इस खेल के प्रोत्साहन को एक लाख रुपए अकादमी को देने की घोषणा की। प्रतियोगिता का समापन 30 अप्रैल को देर रात किया जाएगा।

इंटरनेशनल कोच शांतनू ठाकुर ने बताया कि पहले दिन 116 शूटरों ने विभिन्न कैटेगरी के तहत शाम 4 बजे तक भाग लिया है। इस चैंपियनशिप में लगभग 400 शूटर हिस्सा लेंगे। आईएसएसएफ सीनियर मैंन्स 10मी. एयर पिस्टल में अमित भाटी और अमर सिंह दोनो ने 377 का स्कोर किया है जूनियर वर्ग में विकास डागर 362 के स्कोर के साथ अव्वल बने हैं। यूथ वर्ग में अभिषेक आर्य ने 372 का सर्वाधिक स्कोर अभी तक किया है।

जबकि सचिन भाटी 368 स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर बने हैं। एनआर 10मी. एयर पिस्टल  में अशोक कुमार ने 345 का सर्वाधिक स्कोर अभी तक निकाला है। जूनियर वर्ग में रिंकू ने 336 स्कोर के साथ और  यूथ वर्ग में सुशील गोला ने पहले पायदान पर जगह बनाई है। 10मी. एयर राइफल में विकास तंवर 368 के स्कोर के साथ पहले स्थान पर बने हैं। जबकि लड़कियों में सुमिता सोलंकी ने  345 का सर्वाधिक स्कोर अभी तक मारा है। इस मौके पर सरजीत पांचाल, राजेंद्र डागर, ललित डागर, राकेश ठाकुर, इंटरनेशनल कोच तोषिंदर आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

 सीमा त्रिखा ने बताया कि हरियाणा प्रदेश अपनी दो प्रतिभाओं के लिए पूरे देश में एक बड़ी भागीदारी रखता है एक तो सीमा पर जवान और दूसरा खेल के मैदान में खिलाड़ी हरियाणा प्रदेश ने समय.समय पर देश को एक से एक बढिय़ा खिलाड़ी देकर देश और प्रदेश दोनों का नाम ही रोशन किया है उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं खेल मंत्री अनिल विज खिलाडिय़ों व खेलों को लेकर बहुत ही अग्रणीय भूमिका निभा रहे है और साथ ही समय-समय पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए अलग.अलग प्रकार की नीतियां तैयार कर खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित कर प्रदेश को खेलों में अग्रणीय स्थान पर ले जाने का भरपूर प्रयास कर रहे है और उनके इन प्रयासों को आज प्रदेश के खिलाडी पूरी तरह से सच भी साबित कर रहे है। आज हमारे हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलो के खिलाडियों ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी एवं प्रदेश की पहचान बनायी है जिसका श्रेय हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर एवं खेल मंत्री श्री अनिल विज को जाता है।

Thursday 6 April 2017

ओलंपिक स्तर के कंप्यूटराइज टारगेट का खेल अधिकारी ने किया उद्घाटन

ओलंपिक स्तर के कंप्यूटराइज टारगेट का खेल अधिकारी ने किया उद्घाटन


 फरीदाबाद  6 अप्रैल (National24News.com) सेक्टर-12 के खेल परिसर स्थित शूटिंग रेंज में लगे ओलंपिक स्तर के कंप्यूटराइज टारगेट का कार्यवाहक जिला खेल अधिकारी जीजे बैनर्जी ने टारगेट पर गोली चलाकर उद्घाटन किया। यह टारगेट शूटरों को विदेशी तर्ज पर अभ्यास कराने के लिए लाया गया है। जिससे ऊंचे स्तर पर पहुंचकर वह इंटरनेशनल शूटरों से लोहा ले सकें। टारगेट की कीमत 3 लाख रुपए है। जबकि इसमें सॉफ्टवेयर और लैपटॉप का खर्च अलग से है।

शूटिंग रेंज के कोच इंटरनेशनल शूटर शांतनु ठाकुर ने बताया कि इटली से इस टारगेट को मंगाया गया है। रियो ओलंपिक से पहले इस टारगेट को लाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन पैसों की तंगी की वजह से इसका उस दौरान ऑर्डर कैंसिल करना पड़ा। दो टारगेट यहां के लिए मंगाए गए हैं। दूसरा मई में यहां पर लगाया जाएगा। इन कंप्यूटराइज टारगेट को मंगाने में गीतांजली ललित माकन फाउंडेशन ने सपोर्ट किया है। इसलिए ही शूटरों को अब यहां इंटरनेशनल स्तर की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। वह यहां अभ्यास कर इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में दूसरे देशों के शूटरों से लोहा ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि दूसरे टारगेट के उद्घाटन पर फाउंडेशन की चेयरपर्सन अवंतिका माकन उपस्थित होंगी।

ये खास टारगेट्स में
फाइबर से बने इस टारगेट को गोली भेद नहीं सकती। टारगेट्स की सारी प्रक्रिया एक लैपटॉप से जुड़ी होती है।  गोली टारगेट पर लगते ही लैपटॉप में गोली का स्थान शो हो जाता है। खिलाड़ी को ऑन द स्पॉट अंक भी प्राप्त हो जाते हैं। इसमें प्वाइंट एक अंक का भी अंतर खिलाड़ी को पता चल जाता है। खिलाड़ी अपना परिणाम मेल पर भी ले सकता है। और इसमें लगे रोल के माध्यम से टारगेट प्रिंट भी निकलता है।
यह फायदा मिलेगा

खिलाड़ियों का खर्च बचेगा। पेपर का इस्तेमाल कम हो जाएगा। अभी तक टारगेट्स पेपर के बने होते हैं। या फिर कागज के रोल में वह आते हैं। एक रोल की कीमत 700 रुपए मार्केट में इस समय है। जबकि एक टारगेट अगर सस्ता वाला भी खरीदा जाए तो वह 5 रुपए का पड़ता है। 250 गोली पर एक रोल समाप्त हो जाता है। जबकि फरीदाबाद में बनी शूटिंग रेंजों में कागज के 5 और 10 रुपए वाले टारगेट्स का इस्तेमाल होता है। जो एक बार शूट करने पर खराब हो जाता है। टारगेट्स को अपनी जगह पर पहुंचाने के लिए वॉयरमशीन का इस्तेमाल किया जाता है। जिस पर भी खर्च काफी बैठता है। जबकि इस टारगेट से किसी प्रकार की बेइमानी की गुंजाइश नहीं होगी।

Saturday 1 April 2017