Monday 10 December 2018

मंच से मुख्यमंत्री का बड़ा बयान : अभिभावक खुद ही प्राईवेट स्कूलों में मनमानी फीस देते है, उसके बाद शिकायत करते है


फरीदाबाद 10 दिसंबर। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि लोग पहले तो खुद अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में दाखिल कराने के लिए छिपी हुई फीस देते हैं और फिर शिकायत करते हैं, होना यह चाहिए कि पहले शिकायत करें। नई दिल्ली स्थित होटल ताज पैलेस मे आयोजित एक कार्यक्रम में दिये गये मुख्यमंत्री के इस बयान की हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने निंदा करते हुए कहा है कि मंच ने कई बार मुख्यमंत्री से मुलाकात करके उन्हें मांगपत्र व ज्ञापन सौंपकर स्कूलों की मनमानी की शिकायत की है और दर्जनों पत्र भेजकर उन्हें बताया है कि स्कूल प्रबंधक सीबीएसई, हुडा व शिक्षा नियमावली के सभी नियम कानूनों का उल्लंघन करके अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं 

लेकिन मुख्यमंत्री ने आज तक मंच के ज्ञापन पर मांगपत्र पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के गृह जिले करनाल में ने जब अभिभावकों ने मुख्यमंत्री से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी व लूटखसोट की शिकायत की तो उन्होंने अभिभावकों को धमकाते हुए कहा कि अपने बच्चों के भविष्य की खातिर स्कूल वालों से समझौता कर लो। मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी व जिला सचिव डा0 मनोज शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री पूरी तरह से प्राइवेट स्कूल प्रंबधकों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं इसी के चलते उनके हौसले बुलंद हैं और वे सभी नियम कानूनों का उल्लंघन करके शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे हैं इसका सबसे बड़ा सबूत केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गूजर के ग्रेटर फरीदाबाद में खोले गये निजी स्कूल का उद्घाटन करना है। 

शिक्षामंत्री भी यह बयान देते है कि सबसे ज्यादा स्कूल अगर भाजपा नेताओं के है तो क्या हुआ उनको भी तो कमाने का अधिकार है। मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री द्वारा बार-बार स्कूल प्रबंधकों के हित में ऐसे बयान देना अभिभावकों के जख्मों पर नमक छिड़कने के समान है। मंच इसकी निंदा करता है उनके इस प्रकार के बयानों से हरियाणा के सभी अभिभावकों में काफी रोष है और वे आगामी होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने इस अपमान का बदला जरूर लेंगे। मंच शीघ्र ही सभी जिलों के अभिभावक संगठनों की एक बड़ी बैठक करनाल में आयोजित करेगा जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों को दिए जा रहे संरक्षण पर विचार किया जाएगा और आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसी सरकार को बदलने के लिए अपने अधिकारों का किस प्रकार प्रयोग किया जाए इसकी रणनीति बनाई जाएगी।
Share This News

0 comments: