Thursday 16 November 2017

संभव है मिर्गी का इलाज: डॉ. कदम नागपाल


 फरीदाबाद 16 नवम्बर । एशियन अस्पताल के न्यूरो फिजिशियन डॉ. कदम नागपाल ने बताया कि मिर्गी शरीर का एक ऐसा विकार है जो मस्तिष्क में असामान्य तरंगे पैदा करता है। इन तरंगों के कारण झटके आते हैं और दौरे पड़ते हैं। कई ऐसी दवाएं है मौजूद हैं, जिसके जरिए 75 प्रतिशत मिर्गी को कंट्रोल किया जा सकता है। कुछ मामले ऐसे होते हैं जिन्हें रिफ्लेक्ट्री एपिलेप्सी का नाम दिया जा है इसे एपिलेप्सी सर्जरी से कंट्रोल किया जा सकता है। डॉ. कदम का कहना है कि सबसे पहले लोगों को मिर्गी के बारे में जागरुक रहना चाहिए। किसी भी व्यक्ति में मिर्गी के लक्षण नज़र आने पर तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाओं का सेवन करते रहना चाहिए और नियमित रूप से जांच कराते रहना चाहिए। खासकर ऐसी महिलाएं जो गर्भधारण करने योज्य हैं या फिर गर्भवती हैं और वे मिर्गी की शिकार हैं उन्हें निरंतर डॉक्टर से जांच कराते रहना चाहिए ताकि उनकी और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या होने से बचाया जा सका। 

लक्षण: कमजोरी, शरीर का अनियंत्रित होना, चेहरे मांस-पेशियों में खिंचाव होना, शरीर में जकडऩ, आंखों का चढऩा, बेहोशी या झटके आना मिर्गी के लक्षण हैं। इसमें मरीज का शरीर पर संतुलन नहीं रहता,मुंह से झाग निकलते हैं। 

कारण: नींद की कमी, तनाव, सिर पर चोट लगना, समय पर दवाओं का सेवन न करना, कुछ दवाओं के इस्तेमाल का दुष्परिणाम,दूर्घटना, तेज बुखार होने, खून में ग्लूकोज की मात्रा का कम होने के कारण मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं।

बचाव के उपाय: भरपूर नींद लें। 
धूम्रपान के सेवन से बचें।
व्यायाम व सैर करें।
नियमित दवा लें। डॉक्टर के सलाह के बिना कोई दवा न लें।
लंबी दूरी की यात्रा में खुद गाड़ी न चलाएं।
तैराकी न करें।
मिर्गी का दौरा आने पर क्या करें: सबसे पहले पीडि़त के कपड़े ढ़ीले कर दें, ताकि उसे हवा लगे।
दौरे के दौरान पीडि़त को कुछ भी खिलाना या पिलाना नहीं चाहिए।
व्यक्ति के पास से नुकीली वस्तुएं हटा दें।
व्यक्ति को आरामदायक जगह पर एक करवट पर लिटा दें।
मुंह से कुछ भी खिलाने की कोशिश न करें और न ही कुछ पीने को दें। ऐसे करने पर खाना या पानी सीधा जाने पर मरीज की मौत हो सकती है।
जल्द से जल्द सभी सुविधाओं से लैस नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाना चाहिए।
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